साहित्य - Page 9

  • मोदी जी : "कांग्रेस वाली तुष्टीकरण" की राह छोड़नी होगी

    अगर माननीय प्रधानमंत्री महोदय वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में विजयश्री का वरण करना चाहते हैं तो अख़बारों में तरक़्क़ी के इश्तेहार निकालने के बजाय उन्हें एक संकल्प लेना होगा। प्रधानमंत्री को संकल्प लेना होगा कि मुझे "आतंकवाद" के वोट नहीं चाहिए, इसलिए मुझे येन केन प्रकारेण "आतंकवाद" को प्रसन्न करने...

  • देश की सर्वोच्च ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ और उसके गद्दार ??

    कल दिल्ली में कांग्रेसी नेताओं, जिनमे पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति मियाँ हामिद अंसारी, तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिव्वल ने पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी और भारतीय एजेंसी R&AW के पूर्व प्रमुख आर॰एस॰ दौलत के द्वारा सयुक्त रूप से लिखी...

  • 2019 शंखनाद : वो गठबंधित हो रहे हैं "पक्ष आपको भी चुनना ही पड़ेगा"

    कई महीनों से मन में बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। सोशल मीडिया पर ख़ासी सक्रियता रखने वाले हम राष्ट्रवादी लोग अपनी समझ से जिसे राष्ट्र हित समझते हैं, के लिये काम करते हैं। यह पिछले 5-7 वर्ष की सक्रियता का परिणाम है। हम में से कई विद्वानों की लेखनी बहुत चोखी-तीखी और तेजस्वी है। परिणामतः उनकी पोस्ट सैकड़ों,...

  • धर्मनिरपेक्षों..... इतना तो मत हंसाओ

    साफ है कि चुनावी मौसम आ गया है। अभी चर्च ने चिट्ठी लिख कर शुरुआत की है। देखते रहिए, कुछ ही दिन बाद दस आईएएस अफसर, फिर दस आईपीएस अफसर, फिर कथित संस्कृति कर्मी, कला कर्मी, साहित्यकार और पुराने सत्ता प्रतिष्ठान के वफादार लाभार्थी बुद्धिजीवी एक-एक कर चिट्ठी लिखेंगे। और अप्रैल-मई 2019 में सोनिया जी 10...

  • "श्रीमद्भगवद्गीता" की प्रामाणिकता तर्कानुतर्क अकाट्य है

    "श्रीमद्भगवद्गीता एक साहित्यिक चोरी है!" — प्रेमकुमार मणि ! आज (17/05/18) दोपहर श्रीयुत गोविंद पुरोहित जी से फोन पर वार्ता हुयी। उन्होंने इस पंक्ति के साथ बताया कि महोदय "प्रेम" ने ग्यारह सौ शब्द की विवेचना लिखी है। उनकी विवेचना कहती है : "गीता एक साहित्यिक चोरी है, इसका मूल ग्रंथ बौद्ध कवि...

  • 2019 - लोकतन्त्र में "वोटतंत्र के तुष्टीकरण" की राजनीति ही जीतेगी ?

    कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद अनेक मित्रों ने मुझसे निजी और सार्वजनिक रूप से अनुरोध किया कि मैं इस पर कुछ कहूं। अनेक वांछनीय-अवांछनीय कारणों से मैंने राजनीति पर बात करना अब बंद कर दिया है, फिर भी इस परिघटना पर अनेक दृष्टिकोण से विचार किया जा सकता है। मैं बहुत ही संक्षेप में अपनी बात रखने का...

  • सड़क पर नमाज़ या मजहबी दादागिरी : बढ़ रहा हैं विरोध

    आज कल गुरुग्राम {तद्भव नाम गुड़गाँव} में किसी सार्वजनिक स्थान में नमाज़ पढ़ते हुए सैकड़ों लोगों और उनके आगे "जय श्री राम" के नारे लगाते तरुणों का वीडिओ whatsapp पर बहुत वायरल हो रहा है। घटना गुरुग्राम के सैक्टर-53 के साथ लगते यादव बहुल वज़ीराबाद ग्राम की है। इसमें किसी सार्वजनिक खुली जगह पर कुछ सौ लोग...

  • जज V/s जनता और लोकतंत्र में बराबरी का भ्रम !!!

    लोकतंत्र में अगर जनता द्वारा चुनी गयी पूर्ण वहुमत की सरकार तोप नहीं है तो कोई जज भी तोप नही हो सकता........ शक के दायरे में आने पर अगर सरकार जबाबदेह हो सकती है, नेता, मंत्री, नौकरशाह जबाबदेह हो सकते है, जन प्रतिनिधि और नागरिक जबाबदेह हो सकता है तो .... सुप्रीम कोर्ट के जज और हाईकोर्ट के जज भी...

  • महाअभियोग अर्थात कांग्रेस बचाओ अभियान ?

    ऑनरेबल चेयरमेन राज्य सभा भारत गणराज्यविषय – महा-अभियोग बाबद माननीय, सभापति महोदय उपरोक्त विषय में निवेदन है कि, हम भारत के विपक्षी दलों मुख्यतः "खत्म कांग्रेस" की ओर से राज्य सभा में भारत के प्रधान न्यायधीश पर संसद में महा-अभियोग प्रस्ताव लाना चाहते हैं।वैसे यह प्रस्ताव...

  • एक यात्रा CAWNPOOR से KANPUR तक

    कानपुर ! एक ऐतिहासिक शहर। इसे कब और किसने स्थापित किया, इस बारे में आज तक एक मत नहीं बन पाया। सबसे मजेदार बात कानपुर की वर्तनी को ले कर है। वैसे तो कानपुर के अलावा और भी शहर हैं जिन्हें फिरंगियों ने अपनी सुविधा और समझ के अनुसार नाम दिया जैसे " दिल्ली" का "देलही" हो गया "कलकत्ता– कैलकटा" हो गया। पर...

  • ''Punish a Muslim Day" या 'सज़ा-ए-मुस्लिम दिवस' ?

    **''Punish a Muslim Day" या 'मुस्लिम पिटाई दिवस' का संदेश ब्रिटेन के बाद अब फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया के साथ पूरे यूरोप में फैला। 3 अप्रैल को ले कर पुलिस के साथ सेना भी हाई अलर्ट पर*** हिंदी की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली लेखिका शिवानी जी की एक कहानी से बात शुरू करना चाहूँगा। वो...

  • मरता बंगाल: ग्राउंड जीरो से एक भारतीय।

    आज बंगाल का अध्ययन कर रहे एक मित्र से वार्तालाप से ये पता चला कि बंगाल की चेतना अंतिम सांस ले रही है। बंगाल आज से ढाई सौ साल पूर्व विश्व का सबसे समृद्ध और वैभवशाली प्रदेश था जब 1757 मंप यूरोपीय डकैतों ने उस पर कब्जा किया। उसके वैभव को उन्होंने नष्ट किया लेकिन चेतना नष्ट नही कर पाए...

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