कविता
शिक्षक दिवस पर "अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय बदलाव मंच" द्वारा ऑनलाइन काव्य महासम्मलेन
शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में 5 सितम्बर, शनिवार को दोपहर 12:30 बजे 'अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच' के तत्वाधान में व्हाट्स एप पर ऑनलाइन काव्य सम्मेलन आयोजन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के उपस्थित सम्मानीय जनों में अति विशिष्ट अतिथि एल. एस. तोमर जी, कार्यक्रम के अति विशिष्ट मातृशक्ति अतिथि गीता पाण्डेय जी, क...
samachar 24x7 | 6 Sep 2020 3:15 PM GMTRead More
तुम जमीर को बेच दिए, केवल बिजली-पानी पर
भारत माता सिसक रही हैं, तुम सब की नादानी पर, तुम जमीर को बेच दिए, केवल बिजली-पानी पर ।। तुम बोले मंदिर बनवाओ, 'उसने' काँटा साफ किया, और तीन सौ सत्तर धारा वाला स्विच भी ऑफ किया, इच्छा यही तुम्हारी थी, घुसपैठी भागें भारत से, लाकर के कानून हौंसला घुसपैठी का हाफ किया। राणा-वीर शिवा के वंशज, रीझे कु...
samachar 24x7 | 12 Feb 2020 6:08 PM GMTRead More
मैं नंदी : अंतहीन प्रतीक्षा का प्रतीक
मैं नंदी प्रतीक्षा का प्रतीक हूँ अनंतकाल से ही, भक्ति - प्रतीक्षा का आदर्श रूप जो है। अंतहीन प्रतीक्षा ही तो है - यह जीवन। जो होना है, उसके हो लेने में समय है अभी जिसकी ख़ातिर जिए जा रहे हैं, बीते जा रहे हैं हम बहे जा रहे हैं, समय के साथ नदी की तरह। नदी की प्रतीक्षा समुद्र तक की समुद्र की...
Pallavi Mishra | 5 Nov 2019 12:12 PM GMTRead More
मैं राम हूँ: मैं निर्वासित था अयोध्या से
मैं राम हूँ - मैं निर्वासित था अयोध्या से मैं राम हूँ - मैं निर्वासित हूँ आज भी अयोध्या से। मैं राम - निर्वासित रहा सीता की उलाहनाओं से भी निःशब्द, राजमहल से निकलती सीता ने नहीं किया मुझसे कोई भी प्रश्न। सीता- निर्वासित किया जिसने अपने प्रति मेरे कर्तव्यों से। मैं राम - निर्वासित...
Pallavi Mishra | 13 April 2019 7:12 AM GMTRead More