संविधान सम्मान यात्रा : विजय गोयल के नेतृत्व में 76वें संविधान दिवस पर लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक
कहा, “संविधान न्याय और समानता की गारंटी देता है और विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है। यह हमारे देश की ताकत का प्रतीक है।"
कहा, “संविधान न्याय और समानता की गारंटी देता है और विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है। यह हमारे देश की ताकत का प्रतीक है।"
76वें संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल के नेतृत्व में संविधान सम्मान यात्रा का आयोजन हुआ। यह यात्रा ऐतिहासिक लाल किले से शुरू होकर फतेहपुरी मस्जिद पर समाप्त हुई। सैकड़ों लोगों ने इस यात्रा में भाग लिया और न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों के समर्थन में नारे लगाए।
सारिका श्रीवास्तव ने उनकी 'नकली डॉक्टर' की पहचान का पर्दाफ़ाश करने वाले पर लगाए निराधार आरोप
यात्रा का मुख्य आकर्षण था संविधान की 8 फुट लंबी प्रतिकृति, जिसे भव्य घोड़ा-गाड़ी पर सजाया गया था। विजय गोयल ने संविधान को पुष्पांजलि अर्पित कर उसका सम्मान किया और इसे भारतीय लोकतंत्र का आधार बताया।
जनसभा को संबोधित करते हुए विजय गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संविधान की रक्षा करने की अपील का उल्लेख करते हुए कहा, “संविधान न्याय और समानता की गारंटी देता है और विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है। यह हमारे देश की ताकत का प्रतीक है।" उन्होंने संविधान को देश को जोड़ने वाला एक मजबूत सूत्र बताते हुए इसके उद्देशिका में निहित न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व के आदर्शों पर जोर दिया।
गोयल ने 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आयोजित ‘संविधान गौरव यात्रा’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में संविधान की प्रतिकृति को हाथी पर रखकर सुरेंद्रनगर में घुमाया गया था। गोयल ने इसे संविधान की भावना को सम्मान देने का एक यादगार प्रयास बताया।
गोयल ने कहा, "इस संविधान सम्मान यात्रा का उद्देश्य नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आधुनिक भारत में इसकी प्रासंगिकता पर संवाद को प्रोत्साहित करना है। हमारा संविधान केवल अधिकार नहीं देता, बल्कि कर्तव्यों पर भी जोर देता है। महात्मा गांधी ने हमेशा कहा कि जब हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे, तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जाएगी।”
'नकली डॉक्टर ?' द्वारा मंदिर परिसर में आँखों के कैंप का आयोजन, सवाल उठाए जाने पर कैंप बंद करके भागे
यात्रा में बच्चों की मार्चिंग बैंड ने माहौल को और भी उल्लासपूर्ण बना दिया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे इन बच्चों ने भारतीय तिरंगा लहराते हुए अपने संगीत से यात्रा में जोश भर दिया। उनके ढोल, बिगुल और झांझ की धुनों ने यात्रियों और दर्शकों में देशभक्ति की भावना जगा दी।
लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक की इस यात्रा में मार्ग पर खड़े लोगों ने यात्रा का स्वागत किया और पुष्पवर्षा कर प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया। यात्रा का समापन संविधान और राष्ट्रीय एकता के प्रति सम्मान और जागरूकता के संदेश के साथ हुआ।
76वें संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर ऐतिहासिक लाल किले से 'भव्य संविधान सम्मान यात्रा' का नेतृत्व किया।
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 25, 2024
न्याय, समानता और संविधान की रक्षा के नारे लगाते हुए इस यात्रा में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। यात्रा का मुख्य आकर्षण संविधान की 8 फुट की प्रतिकृति थी, जिसे एक भव्य घोड़ा… pic.twitter.com/2Qp9QNmx4S