साहित्य - Page 5
न्यायपालिका : बहुसंख्यक समुदाय पर टेढ़ी नज़र ??
कल के पटाखों को लेकर कई विचार हो सकते हैं। पर सच तो यही है कि पटाखों को आप प्रतिबंध लगाकर नहीं रोक सकते हैं। रोक तो जागरूकता से ही लगेगी। मगर जब तक यह भावना बलवती रहेगी कि एक ही धर्म पर कानून अत्याचार कर रहा है, न तो पटाखे चलने बंद होंगे और न ही आप इतने व्यापक पैमाने पर रोक पाएंगे। लोग जब देखते हैं...
सोनाली मिश्र | 8 Nov 2018 10:45 PM ISTRead More
नक्सलबाड़ी : तब और अब
हम दिल्ली विवि में पढ़ते थे, कुछ मित्र और भाई साहब JNU में थे.... अक्सर JNU जाना होता था, शनिवार और रविवार लगभग वहीँ JNU में ही बीतता था.... उस जमाने में JNU में किसी कोने में भी गैर कम्युनिस्ट विचारधारा का कोई नामलेवा नहीं हुआ करता था.... जो थे भी वो AISA/SFI की भीड़ के आगे दीखते नहीं हैं.... हम...
Ranjay Tripathi | 26 Oct 2018 11:58 PM ISTRead More
ये ढोल पीटने का समय नहीं है : यह भारत-पाक की असली जंग ही है...
देश मे रह रहे करोड़ों लोग और कश्मीर घाटी के अधिकांश लोग इस 71 साल से चल रही जंग में पाकिस्तान के साथ खड़े हैं... उनकी मनःस्थिति स्पष्ट है कि हिन्दुयुक्त भारत उनका दुश्मन है.. जिसको गज़वा ए हिन्द के तहत युद्ध के इस अंतिम चरण में खत्म कर दिया जाना है... इस खूनी शतरंज में एक तरफ युद्ध विशेषज्ञ... अंतहीन...
Pawan Saxena | 21 Sept 2018 11:15 AM ISTRead More
सिया के राम
न्यायप्रिय लक्ष्मण से लेकर दुःखी मिथिलावासियों तक और वर्तमान के "यौन विकृत वामपंथी नारीवादियों" से लेकर सह्रदय संवेदनशील नारीवादियों तक के लिये राम बड़ी परेशानी का विषय रहे हैं। एक ओर उनकी सत्यनिष्ठा, वीरता, सच्चरित्रता तो दूसरी ओर शूर्पणखा के नाक-कान काटना और सबसे बढ़कर अपनी गर्भवती पत्नी का त्याग?...
देवेन्द्र सिकरवार | 18 Sept 2018 8:14 PM ISTRead More
पर्यावरण संरक्षण: बड़े काम के हमारे मिथक
एक प्रिंसटन स्कॉलर और सैनिक रॉय स्क्रेनतों ने अपने निबंध, "लर्निंग हाऊ टू डाई इन द एनथ्रोपोसिन"2013, में लिख डाला कि "यह सभ्यता मृत हो चुकी है" और इस बात पर जोर दिया कि आगे बढ़ने का एक रास्ता यह जान लेना भी है कि अब कुछ भी नहीं बचा जिससे हम ख़ुद को बचा सकते हों। इसलिए हमें बिना किसी मोह या डर के कठिन...
Pallavi Mishra | 18 Sept 2018 8:11 PM ISTRead More
हिन्दी दिवस का औचित्य?
भाषाई-दिवस मनाने की परम्परा किसी और देश में नहीं पनपी क्योंकि वहाँ भाषा पर सवाल नहीं उठते।भाषा को लेकर विवाद और आंदोलन नहीं हुआ करते।अब इस देश में आंदोलन की परम्परा रही है-भाषा, धर्म, क्षेत्र सब को लेकर, तो यहाँ दिवस भी मनाए जाते हैं। देश में कोई राष्ट्र-भाषा है नहीं, हो भी नहीं सकती, संविधान की...
Pallavi Mishra | 14 Sept 2018 11:20 PM ISTRead More
NOTA : विषहीन सर्प / खाली कारतूस
नोटा -(NOTA) - NONE OF THE AVOBE आजकल एक शब्द आप सबके सामने बार-बार आ रहा होगा ये शब्द है "नोटा", दरसअल बात सब इस पर कर रहे हैं लेकिन अपने-अपने लिहाज से, मुझसे कई दिनों से इस पर लिखने के लिए कई मित्रों ने इनबॉक्स किया और मेरी नोटा के संदर्भ में राय जानने की कोशिश की, मुझसे यदि नोटा को एक लाइन...
अजेष्ठ त्रिपाठी | 3 Sept 2018 5:07 PM ISTRead More
क्षेत्रीयता के झगड़ों के बीच
आज जबकि हम हिन्दू हर प्रकार से सक्षम होते हुए भी अपने भाग्य-सूर्य को अस्तालाचलगामी होते हुए देखने को अभिशप्त हैं तो ऐसे में यह प्रश्न आज पुनः विचारणीय हो गया है कि 'दुनिया ने आजतक हमें किस रूप में देखा, जाना और माना है'। इसका उत्तर एक ही है कि दुनिया ने हमें सिर्फ और सिर्फ भारतीय और हिन्दू रूप में...
Abhijeet Singh | 2 Sept 2018 10:58 PM ISTRead More
मो मन गिरिधर छवि पे अटक्यो
भारत अपने अधोपतन के कालखंड से गुजर रहा था। अकबर द्वारा मुगलिया सल्तनत के पाये भारत की जमीन में गाड़े जा चुके थे। दासता के साथ साथ हिंदुओं में मुस्लिम कुसंग से विलासिता व व्यभिचार भी पनप रहा था। इस विदेशी सत्ता का प्रतिरोध राजनैतिक रूप से मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के नेतृत्व में और सांस्कृतिक रूप से...
देवेन्द्र सिकरवार | 2 Sept 2018 6:02 PM ISTRead More
श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष
प्रभू श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण विष्णुजी के आठवें अवतार माने जाते हैं। यह श्रीविष्णु का सोलह कलाओं से पूर्ण भव्यतम अवतार है। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण...
अजेष्ठ त्रिपाठी | 2 Sept 2018 3:16 PM ISTRead More
अध्यात्म से दूर भौतिकी में उलझा मानव
शोध की प्रखरतम अवस्थता वह होती जब मानवता उस अज्ञात को जान लेने के निकट होती। शोध किया गया तो भौतिक सुखों के लिए, विज्ञान भौतिकी से ऊपर उठ नहीं पाया बल्कि अब भी उलझा उसी में है, जो उलझाए जा रही है पृथिवी पर हमारी स्थिती। हर आविष्कार का एक विपरीत परिणाम दिख जाता है, जो धरती, आकाश, पाताल के बिफरते...
Pallavi Mishra | 31 Aug 2018 10:23 PM ISTRead More
न्यायाधीशों में बढ़ रहा वीआईपी होने का अहंकार ?
पिक्चर बनाने में फ़ोटोग्राफ़ी की तकनीक बहुत महत्वपूर्ण होती है। लेखक, कवि की बुद्धि-क्षमता, डायरेक्टर का कौशल, साइट का आनंद, एक्टिंग का आनंद कैमरे की आँख से ही तो लिया जाता है। इसमें क्लोज़ अप, लॉन्ग रेंज शॉट, शैडो तथा लाइट का संयोजन इत्यादि अनेक तकनीकों का प्रयोग होता है। ज्ञातव्य है कि क्लोज़ अप का...
Tufail Chaturvedi | 31 Aug 2018 9:17 PM ISTRead More
विजय गोयल के नेतृत्व में ऑनलाइन जुए पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध के लिए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन
Vijay Goel Calls Protest at Jantar Mantar for Nationwide Ban on Online Gambling
ग्लोबल लाइब्रेरी समिट 2025: साउथ एशियन यूनिवर्सिटी नई दिल्ली में लाइब्रेरी डिप्लोमेसी का नेतृत्व करेगी
चाँदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए लगाई जन चौपाल
Confederation of All India Traders ने चांदनी चौक से BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल की जीत का जश्न मनाया
चांदनी चौक से BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल की नई पहल फुटपाथ पर लगाएंगे जन चौपाल