ये ढोल पीटने का समय नहीं है : यह भारत-पाक की असली जंग ही है...
मैंने पाकी कठमुल्लों को तकरीर और खुतबों में यह कहते सुना है कि पाकिस्तान के मोमिनों की पैदाइश ही काफिर-युक्त भारत को परमाणु हमले में तबाह करने के लिए हुई है !! एक मुस्लिम का जन्म इस्लाम के लिए जान देने के लिए ही हुआ है... उसे इसीलिए गाज़ी कहा जाता है ! मुस्लिमों के इस तरह के एक नहीं अनेक व्यक्तव्यों से सोशल मीडिया विशेषकर You-Tube भरा पड़ा है
मैंने पाकी कठमुल्लों को तकरीर और खुतबों में यह कहते सुना है कि पाकिस्तान के मोमिनों की पैदाइश ही काफिर-युक्त भारत को परमाणु हमले में तबाह करने के लिए हुई है !! एक मुस्लिम का जन्म इस्लाम के लिए जान देने के लिए ही हुआ है... उसे इसीलिए गाज़ी कहा जाता है ! मुस्लिमों के इस तरह के एक नहीं अनेक व्यक्तव्यों से सोशल मीडिया विशेषकर You-Tube भरा पड़ा है
देश मे रह रहे करोड़ों लोग और कश्मीर घाटी के अधिकांश लोग इस 71 साल से चल रही जंग में पाकिस्तान के साथ खड़े हैं...
उनकी मनःस्थिति स्पष्ट है कि हिन्दुयुक्त भारत उनका दुश्मन है.. जिसको गज़वा ए हिन्द के तहत युद्ध के इस अंतिम चरण में खत्म कर दिया जाना है... इस खूनी शतरंज में एक तरफ युद्ध विशेषज्ञ... अंतहीन युद्धों में विश्वास रखने वाले हमारे खून के प्यासे जिहादी बैठे हैं.... दूसरी तरफ दासियों साल से आधे-अधूरे मन से सफेद कबूतर उड़ाने वाले और वसुधैव-कुटुंबकम के नारे लगाने वाले शिखंडी-किन्नर बैठे हैं जो इस युद्ध को युद्ध मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं... लाखों परिवार तबाह हो चुके हैं... पाकी आतंकी हमलों में... मगर सुषमा जी न्यूयार्क में पाकी विदेशमंत्री से बातचीत के लिए तैयार बैठी हैं....
BSF जवान की कटी-फटी लाश सोनीपत में रक्खी थी.... और ठीक उसी समय दिल्ली में विदेश मंत्रालय पाक के साथ बातचीत की 'शुभ सूचना' दे रहा है !
मैंने पाकी कठमुल्लों को तकरीर और खुतबों में यह कहते सुना है कि पाकिस्तान के मुस्लिमों की पैदाइश ही काफिर-युक्त भारत को परमाणु हमले में तबाह करने के लिए हुई है !! एक मोमिन का जन्म इस्लाम के लिए जान देने के लिए ही हुआ है... उसे इसीलिए गाज़ी कहा जाता है ! मुस्लिमों के इस तरह के एक नहीं अनेक व्यक्तव्यों से सोशल मीडिया विशेषकर You-Tube भरा पड़ा है.... मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसों का मानना है कि एक मुस्लिम की असली ज़िन्दगी तो जिहाद करते हुए मर-जाने के बाद ही शुरू होती है... पाक के सभी स्कूल और 20000 मदरसे हर पैदा होने वाले बच्चे को यही सिखाते हैं...
इमरान सरकार आने के बाद आज पाकिस्तान में परमाणु हथियारों तक हर उस आदमी की पहुंच है जो हिंदुनिष्ठ भारत से नफरत करता है... भारत के वह राज्य परमाणु हमले के लिए निशाना हो सकते हैं, जहां मोमिन आवादी कम है, जैसे गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश या दिल्ली(?)..... यदि हमारी सरकारों ने पाकिस्तान को ठीक से नहीं समझा... तो तबाही मुँह बाय खड़ी है.... गौर से देखिए युद्ध और अघोषित युद्धों में भारत से ज़्यादा किसी देश ने तबाही और जनहानि नहीं झेली है....
हमने तो जैसे कुछ सीखा ही नहीं है, जब हमने सर्जिकल स्ट्राइक की तो TV और तमाम मीडिया में अन्धाधुंघ प्रचार किया गया... अपनी पीठ ठोकी गई... बदले में पाकिस्तान ने पुखरायां में ट्रेन गिराकर 150 लोगों को मार डाला... बाद में ट्रेन गिराने वालों ने इस आरोप को स्वीकार किया.... कि पूरी फंडिंग पाकिस्तान से हुई थी और कुछ पाकियों और पाकी स्लीपर सैल्स ने इस घटना को अंजाम दिया था.... एक सप्ताह पहले ही जब पाकी आतंकी को मार कर सड़क पर खींचे जाने को वीडियों 48 घंटे तक खबरिया चैनलों पर चलाई जा रही थी... दिल्ली में बैठे भाजपा के प्रवक्ता अपनी पीठ ठोंक रहे थे... तब ही मुझे एहसास हुआ था... कि पाक और घाटी में बैठी जेहादी बैटरी इसका बदला न ले !!...
परसो... BSF जवान की निर्मम और दुर्दांत हत्या उसी सड़क पर मृत आतंकी को खींचे जाने का बदला है... आतंकियों ने बता दिया है !!
जनाब यह पूर्ण युद्ध है, इसे स्वीकारिए.. युद्ध मे सब कुछ होता है... मग़र कैमरों के सामने नहीं.... निर्मम सैनिक घटनाओं पर अपनी पीठ नहीं ठोकी जाती है... उससे राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास नहीं किया जाता है ! हिटलर ने 60 लाख यहूदी गैस चैंबर में जलाकर मार डाले.. मग़र यह घटनाएं... हिटलर के मरने के बाद ही पता चलीं.... लेकिन वहीं जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला कर सैकड़ों अमेरिकियों को मार डाला और अपनी खुल कर पीठ ठोंकी...चेतावनियां दीं.... बदले में जापान को अमरीकी परमाणु हमला झेलना पड़ा.... जापान बर्बाद हो गया.... सबक सीखिए... सबक...
इसके बरअक्स देखिए... चीन चुपचाप शेन-जियांग में दसियों हज़ार उइगुर मोमिनों को चुपचाप ठिकाने लगा चुका है ! उइगुर मुस्लिमों की मस्जिदें, मदरसे तबाह कर दिए गए हैं.... उइगरों की मज़हबी किताबों की होली जलाई जाती है... दाड़ी और बुरका प्रतिबंधित है... मगर सब चुपचाप चलता है... बगैर प्रचार.. बगैर अपनी पीठ ठोंके...
आतंक और युद्धों से हमें राजनीतिक फायदा लेने की आदत छोड़नी होगी.... कश्मीर में मीडिया को प्रतिबंधित करिए.... बेशक घाटी को 'जाफना' बनाने की हिम्मत तो लाइये...