साहित्य - Page 6

  • बुद्धिजीवियों के नकाब में "शहरी नक्सलियों" का "रक्त चरित्र"

    सामाजिक, आर्थिक उत्थान ही अगर ध्येय है तो इसके लिए प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश क्यों, माओवादियों? स्वतंत्र भारत के इतिहास में नक्सली संगठनों के सक्रिय होने और उनके द्वारा हत्याएँ किये जाने पर आम जनमानस को यह संदेश दिया जाता रहा है कि इसका कारण मूलतः ज़मीन और ज़मीन से जुड़ी समस्याएँ हैं। किसी भी...

  • बिहार कल-आज-कल : बिहार और बिहारियों से नफरतों के बीच क्या बदला है कुछ ?

    ये पोस्ट आज से तीन साल पहले लिखी थी मगर अफसोस बदला कुछ भी नहीं, मानसिकता आज भी वही है। -------------------------------------------------------- अगर आज खुद को एक बिहारी मान कर सोचूं तो ये विचार मेरे जीवन को दो भागों में बाँट देता है। इस विभाजन काल का निर्धारण बिंदु है मई, 2003, ऐसा इसलिए है क्योंकि...

  • शर्म को शर्म रहने दो, बेशर्म न बनाओ । अगर वो बेशर्म बनी, तो तुम मर जाओगे ॥

    नग्नता की सज़ा देने को अपनी सजाओं की सूची से बाहर कीजिए, अगर औरतों ने विद्रोह कर नग्नता अपना ली, तो आपकी सारी स्थापित संरचनाएं ध्वस्त हो जाएंगी। औरतों और महिलाओं ने आपके साम्राज्य को अपनी शर्म की बुनियाद से कायम किया है, अगर शर्म की बुनियाद हिल गई, तो आप न पिता रह पाएँगे, न पति, न भाई न कुछ और भी। ...

  • बकरीद: कुर्बानी या गैर मुस्लिमों का भयदोहन

    कल कश्मीर की एक मस्ज़िद में ऐसा क्या कहा गया हुआ होगा कि बाहर आते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। इधर कुछ दिनों से सुनाई नहीं दे रही थी पत्थरबाजी की घटना। कुर्बानी में बकरों की जगह कुछ और माँग लिया गया क्या, कहीं लड़कों को मार डालो का संदेश तो नहीं दे दिया गया मस्ज़िदों में। लड़कों से यह तो नहीं कह दिया गया...

  • भारत में मुआहिद यानि धिम्मियों का दूषित DNA

    आपने अक्सर ऐसे लेख या पोस्ट पढ़े होंगें या ऐसे भाषण सुने होंगे जिसमें कुछ हिंदू ये कहते मिलते हैं, "बंटवारे में हिंदुस्तान को चुन कर हम हिंदुओं पर भरोसा करनेवालों को अगर इस मुल्क में आज खतरा महसूस होता है तो समाज के तौर पर ये हमारी सामूहिक विफलता है"। ऐसा सोचने वाले धिम्मियों की एक और श्रेणी में...

  • "धिम्मियों" का नया चेहरा सिद्धू

    शेख अहमद दीदात ने "क्राइस्ट इन इस्लाम" नाम से एक बड़ा मशहूर लेक्चर दिया था जिसने पश्चिमी ईसाई जगत और अफ्रीका में ईसाईयों के बीच दावत की राह आसान कर दी थी। दीदात का वो मशहूर लेक्चर मेरे पास भी है। सवा घंटे के उस लेक्चर और उसके बाद पैंतालीस मिनट तक चले सवाल-जबाब सत्र में दीदात ने सामने बैठे ईसाई...

  • भाजपा राष्ट्रवाद की गंगा नहीं है

    1924 में रूस के हालात : सर्वहारा वर्ग के महान नेता लेनिन की मृत्यु हो चुकी है। सत्ता के दो दावेदार - स्टालिन और ट्राटस्कीट्राटस्की विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्षों से मिलकर अपनी दावेदारी मजबूत कर रहा है और स्टालिन ? स्टालिन लेनिन की शवयात्रा का नेतृत्व कर रहा है। भावुक लोग लाखों की...

  • कुछ लोगों के लिए "सड़क पर कांवड़िए" मात्र एक भीड़ है ?

    हमारे लिये वो भीड़ हैं, ट्रैफिक जाम करने वाली भीड़ । हमारे लिये ये लोग वो हैं ज़िनके पास कोई काम नहीं है और है फालतू का समय, जो हमारे जैसों के पास तो बिलकुल भी नहीं हैं । नंगे पाँव मीलों, पानी, जी हाँ केवल पानी ही कंधों पर उठाए, उमस भरी गर्मी में धुन का सफर तय करते ये वो लोग हैं ज़िन्हे देख हम अपनी...

  • बढ़ते कब्र-स्थल और जन-स्मृतियों की राजनीति

    साऊथ पार्क सेमेट्री, कोलकाता की ऐतिहासिक विरासत मानी जाती है, जो कोलकाता के औपनिवेशिक अतीत का संरक्षित स्मृति अवशेष है। कोलकाता आनेवाले विदेशी सैलानी की गाइड-बुक में साउथ पार्क सेमेट्री पूरे दम-खम के साथ मौजूद है, जिस पर यह दर्ज़ है कि यह 1767 में बना ताकि उन ब्रिटिश लोगों को जगह दी जा सके, जो देश...

  • आज शालीनता अनुपयोगी हो गयी है ?

    कबाब पराँठा, बिरयानी, रोग़न जोश संभवतः बहुत स्वादिष्ट होते हैं। मैं इसका अधिकारी पारखी नहीं हूँ मगर इस निष्कर्ष पर पहुँचने का कारण यह है कि आज के दैनिक जागरण में कुलदीप नैयर का लेख "हद पार करती भीड़ की हिंसा" छपा है, जिसमें इसने अलवर के गौ-तस्कर अकबर के वध के कारणों की मनमानी व्याख्या, भारत में 17...

  • आपका धिम्मीपन हर बार ज़ाहिर करता है हिन्दुत्व से आपकी दूरी ?

    जब आप किसी के आक्षेप पर दौड़े-दौड़े किसी नासा की रिपोर्ट का लिंक लेकर आते हैं और कहते हैं कि देखिए "ऐडम ब्रिज (सही नाम 'राम सेतु')" को नासा भी 5000 साल पुराना बताती है और यह मानव निर्मित है तब आप अपने इष्ट प्रभु "श्री राम और रामायण" काल का ख़ुद ही हनन कर रहे होते हैं यह ज्ञात नहीं रहता आपको ? या...

  • घुसपैठिओं, चले जाओ यहाँ से: ये देश है, सराय नहीं।

    नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स (NRC) यह गत तीन दिनों से एक गर्माया हुआ मुद्दा है। संसद और संसद के बाहर घमासान मचा हुआ है। वास्तव में NRC है क्या? यह जानने के लिए हमें 67 साल पीछे जाना होगा । स्वतंत्रता के बाद पूर्वी पाकिस्तान से भारत के असम राज्य में बड़े पैमाने पर घुसपैठ शुरू हो चुकी थी और इस खतरे को...

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