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Latest News - Page 31

  • मो मन गिरिधर छवि पे अटक्यो

    भारत अपने अधोपतन के कालखंड से गुजर रहा था। अकबर द्वारा मुगलिया सल्तनत के पाये भारत की जमीन में गाड़े जा चुके थे। दासता के साथ साथ हिंदुओं में मुस्लिम कुसंग से विलासिता व व्यभिचार भी पनप रहा था। इस विदेशी सत्ता का प्रतिरोध राजनैतिक रूप से मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के नेतृत्व में और सांस्कृतिक रूप से...

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष

    प्रभू श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्र रूप में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण विष्णुजी के आठवें अवतार माने जाते हैं। यह श्रीविष्णु का सोलह कलाओं से पूर्ण भव्यतम अवतार है। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण...

  • लोकतंत्र के सेफ्टी वाल्व की "सुप्रीम" परिभाषा क्या है......??

    सुप्रीम कोर्ट को ये स्पष्ट करना चाहिए की लोकतंत्र का सेफ्टी-वाल्व क्या हैं ? साथ ही देश में ऐसे कौन से संघठन हैं जिनकी राष्ट्र विरोधी प्रवृत्तिओं को बैन कर देने पर लोकतंत्र का सेफ्टी-वाल्व फट जाने का भय सुप्रीम कोर्ट को है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आतंकवाद, अलगावाद, नक्सलवाद, अवैध घूसपैठ,...

  • भयंकर बारिश से जामा मस्जिद का इलाका बना केरल

    भारी बारिश ने शनिवार सुबह दिल्ली को धराशायी कर दिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जल-भराव और यातायात जाम हो गया। कई इलाकों में लंबा पावर कट भी रहा। खैर आपको बता दें कि अभी हम पूरी दिल्ली नहीं बल्कि दिल्ली के एक ऐसे हैरिटेज क्षेत्र की बात कर रहे हैं जहां हर दिन सुबह-शाम देश के कम लेकिन...

  • अध्यात्म से दूर भौतिकी में उलझा मानव

    शोध की प्रखरतम अवस्थता वह होती जब मानवता उस अज्ञात को जान लेने के निकट होती। शोध किया गया तो भौतिक सुखों के लिए, विज्ञान भौतिकी से ऊपर उठ नहीं पाया बल्कि अब भी उलझा उसी में है, जो उलझाए जा रही है पृथिवी पर हमारी स्थिती। हर आविष्कार का एक विपरीत परिणाम दिख जाता है, जो धरती, आकाश, पाताल के बिफरते...

  • न्यायाधीशों में बढ़ रहा वीआईपी होने का अहंकार ?

    पिक्चर बनाने में फ़ोटोग्राफ़ी की तकनीक बहुत महत्वपूर्ण होती है। लेखक, कवि की बुद्धि-क्षमता, डायरेक्टर का कौशल, साइट का आनंद, एक्टिंग का आनंद कैमरे की आँख से ही तो लिया जाता है। इसमें क्लोज़ अप, लॉन्ग रेंज शॉट, शैडो तथा लाइट का संयोजन इत्यादि अनेक तकनीकों का प्रयोग होता है। ज्ञातव्य है कि क्लोज़ अप का...

  • बुद्धिजीवियों के नकाब में "शहरी नक्सलियों" का "रक्त चरित्र"

    सामाजिक, आर्थिक उत्थान ही अगर ध्येय है तो इसके लिए प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश क्यों, माओवादियों? स्वतंत्र भारत के इतिहास में नक्सली संगठनों के सक्रिय होने और उनके द्वारा हत्याएँ किये जाने पर आम जनमानस को यह संदेश दिया जाता रहा है कि इसका कारण मूलतः ज़मीन और ज़मीन से जुड़ी समस्याएँ हैं। किसी भी...

  • पाँच बड़े शहरी माओवादी गिरफ्तार अनेक माओवादियों के घर पर छापेमारी, शहरी माओवाद पर निर्णायक प्रहार

    28 अगस्त, मंगलवार को प्रातःकाल पांच माओवादी नेता गिरफ्तार हुए। इनमें से पाँच लोगों का संबंध भीमा कोरेगाँव के दंगा भड़काने वाली देश विरोधी सभा एलगार परिषद के आयोजन से था। ये पांच गिरफ्तार हुए शहरी माओवादी हैं गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, पी वारवरा राव, वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फेरारिया। आज मंगलवार की...

  • बिहार कल-आज-कल : बिहार और बिहारियों से नफरतों के बीच क्या बदला है कुछ ?

    ये पोस्ट आज से तीन साल पहले लिखी थी मगर अफसोस बदला कुछ भी नहीं, मानसिकता आज भी वही है। -------------------------------------------------------- अगर आज खुद को एक बिहारी मान कर सोचूं तो ये विचार मेरे जीवन को दो भागों में बाँट देता है। इस विभाजन काल का निर्धारण बिंदु है मई, 2003, ऐसा इसलिए है क्योंकि...

  • तारीख पर तारीख... एक बार फिर.. 35(A) पर सुनवाई टली नहीं अपितु टाली गई ?

    सुप्रीम कोर्ट को दिल से श्रद्धांजलि... जैसी की उम्मीद थी कि 35A पर सुनवाई एक बार पुनः टाल दी गई... आज केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के वकील के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में चतुराई और चालाकी से भरी यह दलील रखी कि जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है अतः 35 A हटाने की प्रक्रिया...

  • उपेंद्र कुशवाहा की 'खीर' से बिहार की सियासत में आ सकता है उबाल ?

    पटना। शनिवार को पटना में एक समारोह में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा कहे गए शब्दों ने बिहार की राजनीति को 2019 के चुनावों से पहले एक बार फिर गर्मा दिया है । कुशवाहा द्वारा दिये गए भाषण के आधार पर एनडीए और यूपीए दोनों ही खेमों के...

  • ईद पर बकरों की खालों का नदी में विसर्जन

    विडियो देखकर चौंक गए न आप? किस प्रकार ये लोग बकरीद पर ज़िबह किए गए सैंकड़ों बकरों की चमड़ी नदी में फेंक रहे हैं। ये विडियो देख कर किसी का भी दिल दहल जाएगा, किस प्रकार नदियों के पानी को प्रदूषित किया जा रहा है। आज कहाँ है वो सभी लोग जो दुर्गा पूजा का विरोध करते नहीं थकते? हम किसी भी रूप से जल प्रदूषित...

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