तारीख पर तारीख... एक बार फिर.. 35(A) पर सुनवाई टली नहीं अपितु टाली गई ?
आज भी इस मामले को 3 जजों की बैंच के बजाय सिर्फ 2 जजों ने सुना... जस्टिस चंद्रचूड़ 6 अगस्त की तरह आज भी अनुपस्थित हो गए... विरोधाभास यह है कि पिछली बार इसी पीठ ने कहा था कि हम 27 अगस्त को यह खंडपीठ सुनिश्चित करेंगे कि 3 जजों के बजाय 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी या नहीं...
आज भी इस मामले को 3 जजों की बैंच के बजाय सिर्फ 2 जजों ने सुना... जस्टिस चंद्रचूड़ 6 अगस्त की तरह आज भी अनुपस्थित हो गए... विरोधाभास यह है कि पिछली बार इसी पीठ ने कहा था कि हम 27 अगस्त को यह खंडपीठ सुनिश्चित करेंगे कि 3 जजों के बजाय 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी या नहीं...
सुप्रीम कोर्ट को दिल से श्रद्धांजलि... जैसी की उम्मीद थी कि 35A पर सुनवाई एक बार पुनः टाल दी गई... आज केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के वकील के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में चतुराई और चालाकी से भरी यह दलील रखी कि जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है अतः 35 A हटाने की प्रक्रिया पर विचार करना... जम्मू कश्मीर के भविष्य से खेलना होगा, अशांति की संभावना है...
केंद्र अपनी एक और पुरानी घिसीपिटी दलील लेकर आया कि हमने कश्मीर घाटी में एक इंटरलाकूटर (Interlocutor) नियुक्त किया जा है जो जम्मूकश्मीर की स्थिति सुधारने में प्रयासरत है,हालांकि दिनेश्वर शर्मा, Interlocutor... असफल होकर दिल्ली में महीनों से आराम फरमा रहे हैं.. जम्मू कश्मीर को 35A के अभिशाप से मुक्ति न मिले, इसके लिए रहस्यमयी सिचुएशन पैदा की जा रही है... आज भी इस मामले को 3 जजों की बैंच के बजाय सिर्फ 2 जजों ने सुना... जस्टिस चंद्रचूड़ 6 अगस्त की तरह आज भी अनुपस्थित हो गए... विरोधाभास यह है कि पिछली बार इसी पीठ ने कहा था कि हम 27 अगस्त को यह खंडपीठ सुनिश्चित करेंगे कि 3 जजों के बजाय 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी या नहीं...
मस्तिष्कविहीन भी समझ सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस निष्कर्ष पर पहुच चुके हैं कि यह एक अवैध उपबंध है, जिसे देश को अंधेरे में रख संविधान में अवैध तरीके से घुसेड़ा गया है परंतु यह दुखद है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार, सुप्रीम कोर्ट को यह समझाने में सफल हो चुकी है कि 35 A हटते ही जम्मू-कश्मीर लपटों में जलने लगेगा... कत्लेआम मच जाएगा... घाटी देश से अलग हो जाएगी... आदि.. आदि !!
35 A पर लिखते-लिखते मुझे ढाई बरस का लंबा अरसा बीत गया... दिल पर हाथ रख कर बताईये... कि कभी मोदी या आरएसएस की किसी बड़ी तोप को 35 A जैसे जीवन-मरण के प्रश्न पर एक शब्द भी बोलते सुना हो.... देश राष्ट्रवादियों का मुखौटा चढ़ाये... कम्युनिस्टों के चंगुल