Breaking News

राजनीति - Page 14

  • बकरीद: कुर्बानी या गैर मुस्लिमों का भयदोहन

    कल कश्मीर की एक मस्ज़िद में ऐसा क्या कहा गया हुआ होगा कि बाहर आते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। इधर कुछ दिनों से सुनाई नहीं दे रही थी पत्थरबाजी की घटना। कुर्बानी में बकरों की जगह कुछ और माँग लिया गया क्या, कहीं लड़कों को मार डालो का संदेश तो नहीं दे दिया गया मस्ज़िदों में। लड़कों से यह तो नहीं कह दिया गया...

  • चंपारण: मुस्लिमों द्वारा दलित स्त्रियों के साथ दुराचार, दलितों की हत्याएं

    मुस्लिमों द्वारा दलित परिवार के लोगों की हत्याएं, दलितों में दहशत - SC/ST Act. Fail ? क्या मुस्लिमों को नहीं है इस Act का कोई डर ? बिहार के चंपारण में इस समय दलितों की बस्तियों में दहशत के कारण बुरा हाल है और सूत्रों के अनुसार दलित परिवार गाँव से पलायन करने को मजबूर हैं।आज दलितों के वो मसीह कहाँ गए?...

  • "धिम्मियों" का नया चेहरा सिद्धू

    शेख अहमद दीदात ने "क्राइस्ट इन इस्लाम" नाम से एक बड़ा मशहूर लेक्चर दिया था जिसने पश्चिमी ईसाई जगत और अफ्रीका में ईसाईयों के बीच दावत की राह आसान कर दी थी। दीदात का वो मशहूर लेक्चर मेरे पास भी है। सवा घंटे के उस लेक्चर और उसके बाद पैंतालीस मिनट तक चले सवाल-जबाब सत्र में दीदात ने सामने बैठे ईसाई...

  • नहीं रहे अजातशत्रु, भारत रत्न 'अटल'

    भारत रत्न और तीन बार के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपनी आखिरी सांस ली। वाजपेयी जी एक दशक से अधिक समय तक बीमार बीमारी से पीड़ित थे। इस लंबी बीमारी के बाद आज 93 वर्ष की आयु में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया। कल रात...

  • 15 अगस्त: स्वतन्त्रता की खुशी या बँटवारे का दर्द?

    15 अगस्त 1947 भारत की आजादी का दिन था. हमें आजादी मिली, उस खुशी को आज भी हम हर साल आजादी के दिन के रूप में मनातें हैं पर इस खुशी को मनाते हुये हममें से कितने लोग हैं जिनके मन में कोई वेदना होती है, कोई पीड़ा होती है? किसी का भी स्वाभाविक प्रश्न होगा कि आजादी के दिन कोई वेदना या कोई पीड़ा क्यों हो? ...

  • कैसा जश्न? कैसी स्वतंत्रता? 15 अगस्त 1947!

    असली जायज़ जश्न होता है 14 अगस्त को पाकिस्तान में। हाँ, उन्होंने पाकिस्तान को भारत से छीना था, 14 अगस्त 1947 को। सामूहिक भारत की कुल 20 % आवादी ने भारत का 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा भारत से छीन लिया था..उनके पास जिन्ना था। हमारे पास हिजड़े थे... 50 लाख सनातन हत्याएं हुईं (नरेंद्र कोहली के शब्दों में)...

  • बढ़ते कब्र-स्थल और जन-स्मृतियों की राजनीति

    साऊथ पार्क सेमेट्री, कोलकाता की ऐतिहासिक विरासत मानी जाती है, जो कोलकाता के औपनिवेशिक अतीत का संरक्षित स्मृति अवशेष है। कोलकाता आनेवाले विदेशी सैलानी की गाइड-बुक में साउथ पार्क सेमेट्री पूरे दम-खम के साथ मौजूद है, जिस पर यह दर्ज़ है कि यह 1767 में बना ताकि उन ब्रिटिश लोगों को जगह दी जा सके, जो देश...

  • NRC मुद्दे पर अमित शाह द्वारा राजीव गांधी का नाम लेने पर क्यों भड़की कांग्रेस ?

    राज्य सभा में NRC के मुद्दे पर जब भाजपा अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद अमित शाह ने जब बोलना आरंभ किया और राजीव गांधी का नाम लिया तो इस बात पर कांग्रेस ने बहुत हँगामा किया और अमित शाह को अपना व्यक्तव्य पूरा नहीं करने दिया । सभापति महोदय माननीय उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी ने भी इस हंगामे से नाराज...

  • घुसपैठिओं, चले जाओ यहाँ से: ये देश है, सराय नहीं।

    नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स (NRC) यह गत तीन दिनों से एक गर्माया हुआ मुद्दा है। संसद और संसद के बाहर घमासान मचा हुआ है। वास्तव में NRC है क्या? यह जानने के लिए हमें 67 साल पीछे जाना होगा । स्वतंत्रता के बाद पूर्वी पाकिस्तान से भारत के असम राज्य में बड़े पैमाने पर घुसपैठ शुरू हो चुकी थी और इस खतरे को...

  • इधर कंगना ने की मोदी की तारीफ, उधर छद्म नारीवादियों का आरंभ हुआ रुदाली विलाप

    सुना है नारीवादिनियों को बड़ी तीव्र घृणा आती है मोदी से - अतिशय घृणा। एक सिने-अभिनेत्री ने तारीफ़ क्या कर दी मोदी की तो उसे जात-निकाला दे दिया नारीवादिनियों ने।तुम उसकी तारीफ़ कैसे कर सकती हो, वह तो तुम्हें फेमिनिस्ट भी नहीं रहने देगा, स्वतंत्रता कितनी मिल पाएगी तुम्हें उसके काल में, पार्कों में भी...

  • इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने 24 साल बाद जीती अपने सम्मान की लड़ाई!

    इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन की कहानी देश के हर नागरिक को जाननी चाहिए, ताकि वो समझ सकें कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का गठजोड़ किस तरह से धीरे-धीरे पूरे देश की जड़ें कमजोर करने में जुटा हैं। नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने जासूसी और भारत की रॉकेट टेक्नोलॉजी दुश्मन देश को बेचने के आरोप...

  • जमात उलेमा-ए-हिंद (JUEH) : देश में टकराव की तरफ बड़ते कदम

    जमात उलमा-ए-हिंद अब एक सेना बना रहा है। जमात उलमा-ए-हिंद ने अब अपने युवा क्लब विंग का परिचय दिया। हम बीएसजी के तहत छह महीने के भीतर हजारों युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे और फिर उन्हें समुदाय के आंतरिक संकट से लड़ने के लिए नामांकित करेंगे: मौलाना महमूद मदनी सबसे बड़ा भारतीय मुस्लिम संगठन, जमात...

Share it