नहीं रहे अजातशत्रु, भारत रत्न 'अटल'

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भारत रत्न और तीन बार के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपनी आखिरी सांस ली।

वाजपेयी जी एक दशक से अधिक समय तक बीमार बीमारी से पीड़ित थे। इस लंबी बीमारी के बाद आज 93 वर्ष की आयु में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया।

कल रात से उनके खराब स्वास्थ्य की खबर फैल गई थी, इसलिए कल रात से ही एम्स के बाहर बीजेपी के सभी केन्द्रीय और राज्य मंत्रीयों का तांता लगा रहा।

प्रधान मंत्री मोदी ने वाजपेयी के निधन के शोक में श्रद्धांजलि अर्पित की और इसे "एक युग का अंत" कहा।

प्रधान मंत्री मोदी पिछले 24 घंटों में दो बार एम्स गए। इससे पहले, अनुभवी बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी अस्पताल जा कर अटल जी से मुलाकात की।

अटलजी के लंबे समय के सहयोगी और मित्र लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें सबसे लंबे समय तक छाप बनाए रखने वाला राजनेता कहा। आडवाणी जी इतने आहत थे कि वो आगे एक शब्द कहने की हालत में नहीं थे।

आडवाणी जी ने अपने एक लिखित बयान में कहा कि "आज मेरे पास अपने गहरे दुःख और उदासी को व्यक्त करने के लिए शब्दों नहीं है क्योंकि हम सभी भारत के सबसे लंबे राजनेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के शोक में हैं। मेरे लिए, अटलजी एक वरिष्ठ सहयोगी से अधिक थे- वास्तव में वह 65 से अधिक वर्षों से मेरा सबसे करीबी दोस्त थे। अटलजी को केंद्र में पहली स्थिर गैर-कांग्रेस गठबंधन सरकार के अग्रणी नेता के रूप में याद किया जाएगा और मैं खुशकिस्मत हूँ कि मुझे छह साल के लिए उनके डिप्टी के रूप में कार्य करने का विशेषाधिकार प्राप्त हुआ।"

अटल जी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बहुत ही हानी है। हम हमारे प्यारे अजातशत्रु "अटल जी" की आत्मशांति के लिए प्रार्थना करते है।

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