साहित्य - Page 13

  • खण्डन – भूमिहार कौन (Who are Bhumihar) ?

    मानव जीवन मे मूलभूत आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा जो एक चीज़ सभी को चाहिए होती है वो है "प्रसिद्धि"… इसको प्राप्त करने के 2 तरीके हैं एक है अच्छे मार्ग से और एक है शार्टकट यानी बुरा रास्ता, आजकल प्रसिद्धि के लिए लोग बेहतर नही बल्कि शॉर्टकट का इस्तेमाल करने में ज्यादा विश्वास रख रहे हैं...

  • खण्डन - मनुस्मृति दलित विरोधी

    मनुस्मृति दहन अभी हाल ही में किया गया, मनुस्मृति के दहन का जो आधार था वो ये था कि मनुस्मृति ने जातिवादिता को जन्म दिया या यूं कह ले कि मनुस्मृति ही दलितों पर किये जुल्म ज्यादतियों के लिए जिम्मेदार है लेकिन क्या वाकई मनुस्मृति जिम्मेदार है या जिम्मेदार है अम्बेडकर का लिखित संविधान जिसने लोगों को...

  • कालिदास त्रयी

    कालिदास त्रयी-३ मुख्य कालिदास थे तथा अन्य ३ का उपनाम कालिदास था।तीन कालिदासों का उल्लेख राजशेखर की काव्य मीमांसा में किया है, जल्हण की सूक्ति मुक्तावली तथा हरि कवि की सुभाषितावली मे भी- एकोऽपि जीयते हन्त कालिदासो न केनचित्। शृङ्गारे ललितोद्गारे कालिदास त्रयी किमु॥ = एक ही कालिदास की बराबरी का कोई...

  • 1 जनवरी विशेष

    ★ कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नही, अपनी संस्कृति की झलक को अवश्य पढ़ें और साझा करें। ◆ 1 जनवरी को क्या नया हो रहा है?● न ऋतु बदली - न मौसम● न कक्षा बदला - न सत्र,● न फसल बदली - न खेती● न पेड़ पौधों की रंगत,● न सूर्य चाँद सितारों की दिशा, ● ना ही नक्षत्र।।मित्रो,. 1 जनवरी आने से पहले...

  • अभिव्यक्ति की आजादी क्या होती है?

    संता: मनुस्मृति और शरीया में क्या अंतर है? बंता: एक को लागू करने की कभी मजबूरी नहीं थी जबकि दूसरे की आलोचना भी हराम है।संता: फिर लोग मनुस्मृति को जलाते क्यों हैं?बंता: इससे वोट मिलता है, सत्ता मिलती है और कोई ख़तरा भी नहीं है।संता: पर शरीया और मनुस्मृति पर बौद्धिक बहस तो हो ही सकती...

  • धरिणीम् भरणीम् मातरम् : (1) गन्ने की खेती

    कुछ सज्जनों ने ये कहा कि खेती में करोड़ों की कमाई होती नहीं है बल्कि कृषि लाभ टैक्स फ्री है तो टैक्स चोरी करने के लिए इनकम को कृषि इनकम बता दिया जाता है, ऐसे सज्जनों से विशेष अनुरोध है कि हर तकनीक बताने के बाद उसे इस्तेमाल करके करोड़ों कमा रहे उन किसानों का पता भी दूँगा जो इसे उपयोग में ले रहे हैं आप...

  • क्या dance और नृत्य एक ही बातें हैं?

    आदरणीय शिव कुमार जी ने फिल्मों में बढ़ती अश्लीलता को लेकर कल उचित चिन्ता व्यक्त की है। एक और विधा की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। टीवी पर तो विशेषकर रियलिटी डांस शोज की भरमार आ गई है। नंगा नाचने वाले ये लोग खुद को कलाकार कहते हैं और अपने देहसटाओ प्रतियोगिता को नृत्य। क्या dance और...

  • माफ़ी प्रायश्चित का मौका देती है पर दुःख है कि आपके पाप बहुत हैं....

    2007 में राजस्थान के जयपुर में 'धर्म संस्कृति संगम' नामक संगठन ने दुनिया भर के उन लोगों का एक कार्यक्रम आयोजित किया था जो थे तो ईसाई या मुस्लिम पर उनके मन में ये प्रश्न था कि ठीक है आज हम ईसाई या मुसलमान हैं पर ईसा और मुहम्मद साहब से पहले हम क्या थे? हमारी संस्कृति और परम्परायें क्या थीं और किन...

  • मुखौटा --

    दुनिया में आपको रोज कई किरदार मिलते होंगे जो बड़ी शिद्दत से अपना किरदार निभाए जा रहे है। हर किसी ने अपने चेहरे पे एक मुखौटा लगा रखा है हर कोई खुस दिखाने और अपना दुःख छुपाने की नाकाम कोसिस कर रहा है इस वर्चुअल वर्ल्ड में लोग अपनापन ढूंढ रहे है यहाँ सिर्फ भावनाओ से खेला जाता है। यहाँ कोई पराया अपनापन...

  • बड़ा दिन और ईसा मसीह

    ज्योतिष में दिन-मास-वर्ष में कोई सरल अनुपात नहीं है और यह बदलता रहता है। अतः समय के शुद्ध निर्धारण के लिये भारतीय पञ्चाङ्ग में कई प्रकार से इनकी गणना की जाती है। जब सभी सही मिल जायें तो ठीक समय होगा। दिन का निर्धारण ५ प्रकार से होता है, अतः इसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। मास भी २ प्रकार के हैं। गणना का आधार...

  • अश्वत्थामा हतः अश्वत्थामा हतः

    द्रोण बहुत बड़ी चुनौती बन चुके थे पांडवो के लिए, "आखिर गुरु" गुरु जो ठहरा। कृष्ण ने निर्णय कर लिया कि अब द्रोण को भी रणक्षेत्र से विदा करना ही होगा येन-केन-प्रकारेण।निश्चित हुआ कि अश्वत्थामा जो उनका पुत्र एवं एकमात्र दुर्बलता का कारण था उसी को निमित्त बनाया जाए, अश्वत्थामा नामक हाथी को मारा गया भीम...

  • भारतभक्ति का दूसरा नमूना

    भारतभक्ति के लिए जिस दूसरे प्राच्यवादी को याद किया जाता रहा है वह हैं मैक्स मुलर। उन्होंने यदि ऋग्वेद और अन्य पवित्र ग्रन्थों का ब्राह्मणों के चंगुल से उद्धार न किया होता तो मै ऋग्वेद पर बात करना तो दूर, उसकी प्रति तक का दर्शन नहीं कर सकता था। मैं इसके लिए उनका ऋणी हूं। हमारे पुरातन ज्ञान को...

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