1 जनवरी विशेष

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1 जनवरी विशेष
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अँग्रेजी न्यू ईयर एवं भारतीय नव वर्ष में अंतर

★ कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नही, अपनी संस्कृति की झलक को अवश्य पढ़ें और साझा करें।
◆ 1 जनवरी को क्या नया हो रहा है?
● न ऋतु बदली - न मौसम● न कक्षा बदला - न सत्र,
● न फसल बदली - न खेती● न पेड़ पौधों की रंगत,
● न सूर्य चाँद सितारों की दिशा, ● ना ही नक्षत्र।।
मित्रो,. 1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं, मानो कितना बड़ा पर्व हो, नया केवल एक दिन ही नही, कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए, आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।
ईस्वी संवत का नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है।
जबकि 31 मार्च को बैंको की (audit) क्लोजिंग होती है नए बही खाते खोले जाते है। सरकार का भी नया सत्र शुरू होता है।
◆कलैण्डर, जनवरी में नया कलैण्डर आता है।
◆चैत्र में नया पंचांग आता है। उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूर्त देखे जाते हैं। इसके बिना हिन्दू समाज जीवन की कल्पना भी नही कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग।
★किसानों का नया साल-* दिसंबर-जनवरी में खेतों में वही फसल होती है।
★जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानों का नया वर्ष और उत्साह।*
★पर्व मनाने की विधि★
31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर शराब पीते हैं, हंगामा करते हैं, रात को पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटना की सम्भावना, रेप जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश.....
★जबकि भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है घर-घर मे माता रानी की पूजा होती है। शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है।*
★ऐतिहासिक महत्त्व★
1 जनवरी का कोई ऐतिहासिक महत्व नही है।
★जबकि चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रे प्रारम्भ, ब्रम्हा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से है।
★एक जनवरी को अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगों के अलावा कुछ नही बदलता।
सही मायने में अपना नव संवत् ही नया साल है।
जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थीयों की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं। जो विज्ञान आधारित हैं।
अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचानें। स्वयं सोचें की क्यों मनाये हम 1 जनवरी को नया वर्ष ?
◆एक जनवरी को सिर्फ कैलेंडर बदलें, अपनी संस्कृति नहीं।
◆आओ जागेँ जगायेँ, भारतीय संस्कृति अपनायेँ और आगे बढ़े।I
जय शिव

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