कालिदास त्रयी
शालिवाहन (७८-१३८ ई.) की १०वीं पीढ़ी के भोजराज १०,००० सेना लेकर कालिदास के साथ बल्ख गये थे। वहां म्लेच्छ गुरु महा-मद (मुहम्मद) ने उनसे युद्ध में सहायता मांगी। वह धोखा देने में कुशल था पर कालिदास ने उसका भेद खोल दिया। मरुभूमि के महादेव (विक्रमादित्य द्वारा पुनरुद्धार किया हुआ मक्केश्वर महादेव-मक्का) का दर्शन कर लौट गये।


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शालिवाहन (७८-१३८ ई.) की १०वीं पीढ़ी के भोजराज १०,००० सेना लेकर कालिदास के साथ बल्ख गये थे। वहां म्लेच्छ गुरु महा-मद (मुहम्मद) ने उनसे युद्ध में सहायता मांगी। वह धोखा देने में कुशल था पर कालिदास ने उसका भेद खोल दिया। मरुभूमि के महादेव (विक्रमादित्य द्वारा पुनरुद्धार किया हुआ मक्केश्वर महादेव-मक्का) का दर्शन कर लौट गये।
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