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Latest News - Page 32

  • बकरीद: कुर्बानी या गैर मुस्लिमों का भयदोहन

    कल कश्मीर की एक मस्ज़िद में ऐसा क्या कहा गया हुआ होगा कि बाहर आते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। इधर कुछ दिनों से सुनाई नहीं दे रही थी पत्थरबाजी की घटना। कुर्बानी में बकरों की जगह कुछ और माँग लिया गया क्या, कहीं लड़कों को मार डालो का संदेश तो नहीं दे दिया गया मस्ज़िदों में। लड़कों से यह तो नहीं कह दिया गया...

  • भारत में मुआहिद यानि धिम्मियों का दूषित DNA

    आपने अक्सर ऐसे लेख या पोस्ट पढ़े होंगें या ऐसे भाषण सुने होंगे जिसमें कुछ हिंदू ये कहते मिलते हैं, "बंटवारे में हिंदुस्तान को चुन कर हम हिंदुओं पर भरोसा करनेवालों को अगर इस मुल्क में आज खतरा महसूस होता है तो समाज के तौर पर ये हमारी सामूहिक विफलता है"। ऐसा सोचने वाले धिम्मियों की एक और श्रेणी में...

  • चंपारण: मुस्लिमों द्वारा दलित स्त्रियों के साथ दुराचार, दलितों की हत्याएं

    मुस्लिमों द्वारा दलित परिवार के लोगों की हत्याएं, दलितों में दहशत - SC/ST Act. Fail ? क्या मुस्लिमों को नहीं है इस Act का कोई डर ? बिहार के चंपारण में इस समय दलितों की बस्तियों में दहशत के कारण बुरा हाल है और सूत्रों के अनुसार दलित परिवार गाँव से पलायन करने को मजबूर हैं।आज दलितों के वो मसीह कहाँ गए?...

  • "धिम्मियों" का नया चेहरा सिद्धू

    शेख अहमद दीदात ने "क्राइस्ट इन इस्लाम" नाम से एक बड़ा मशहूर लेक्चर दिया था जिसने पश्चिमी ईसाई जगत और अफ्रीका में ईसाईयों के बीच दावत की राह आसान कर दी थी। दीदात का वो मशहूर लेक्चर मेरे पास भी है। सवा घंटे के उस लेक्चर और उसके बाद पैंतालीस मिनट तक चले सवाल-जबाब सत्र में दीदात ने सामने बैठे ईसाई...

  • नहीं रहे अजातशत्रु, भारत रत्न 'अटल'

    भारत रत्न और तीन बार के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अपनी आखिरी सांस ली। वाजपेयी जी एक दशक से अधिक समय तक बीमार बीमारी से पीड़ित थे। इस लंबी बीमारी के बाद आज 93 वर्ष की आयु में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया। कल रात...

  • 15 अगस्त: स्वतन्त्रता की खुशी या बँटवारे का दर्द?

    15 अगस्त 1947 भारत की आजादी का दिन था. हमें आजादी मिली, उस खुशी को आज भी हम हर साल आजादी के दिन के रूप में मनातें हैं पर इस खुशी को मनाते हुये हममें से कितने लोग हैं जिनके मन में कोई वेदना होती है, कोई पीड़ा होती है? किसी का भी स्वाभाविक प्रश्न होगा कि आजादी के दिन कोई वेदना या कोई पीड़ा क्यों हो? ...

  • उमर खालिद पर अटैक "सच या एक ड्रामा"

    13 अगस्त को Constitution Club of India के बाहर रोड पर स्थित चाय की दुकान के पास "उमर खालिद" पर हुये कथित गोली कांड पर दो अलग-अलग चश्मदीद गवाहों के बयान सुनने को मिले। दोनों के ही बयान एक दूसरे के विपरीत है। इनमें से पहले हैं "पत्रकार संतोष" और दूसरा है उमर का ही साथी "खालिद सैफी"। इन दोनों के ही...

  • कैसा जश्न? कैसी स्वतंत्रता? 15 अगस्त 1947!

    असली जायज़ जश्न होता है 14 अगस्त को पाकिस्तान में। हाँ, उन्होंने पाकिस्तान को भारत से छीना था, 14 अगस्त 1947 को। सामूहिक भारत की कुल 20 % आवादी ने भारत का 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा भारत से छीन लिया था..उनके पास जिन्ना था। हमारे पास हिजड़े थे... 50 लाख सनातन हत्याएं हुईं (नरेंद्र कोहली के शब्दों में)...

  • जल बचाओ, वीडियो बनाओ, पुरस्कार पाओ प्रतियोगिता में लोगों ने जीते पुरस्कार

    जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता 'जल बचाओ, वीडियो बनाओ, पुरस्कार पाओ' के पहले पखवाड़े के विजेताओं के नाम घोषित कर दिए हैं। यह प्रतियोगिता 10 जुलाई, 2018 को शुरू हुई थी। 10 जुलाई से 24 जुलाई, 2018 की अवधि के लिए वाराणसी के श्रेष्ठ साहू, भोपाल के श्री सतीश...

  • भाजपा राष्ट्रवाद की गंगा नहीं है

    1924 में रूस के हालात : सर्वहारा वर्ग के महान नेता लेनिन की मृत्यु हो चुकी है। सत्ता के दो दावेदार - स्टालिन और ट्राटस्कीट्राटस्की विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्षों से मिलकर अपनी दावेदारी मजबूत कर रहा है और स्टालिन ? स्टालिन लेनिन की शवयात्रा का नेतृत्व कर रहा है। भावुक लोग लाखों की...

  • कुछ लोगों के लिए "सड़क पर कांवड़िए" मात्र एक भीड़ है ?

    हमारे लिये वो भीड़ हैं, ट्रैफिक जाम करने वाली भीड़ । हमारे लिये ये लोग वो हैं ज़िनके पास कोई काम नहीं है और है फालतू का समय, जो हमारे जैसों के पास तो बिलकुल भी नहीं हैं । नंगे पाँव मीलों, पानी, जी हाँ केवल पानी ही कंधों पर उठाए, उमस भरी गर्मी में धुन का सफर तय करते ये वो लोग हैं ज़िन्हे देख हम अपनी...

  • मोती नगर, दिल्ली में सड़क पर कांवड़ियों ने किया हँगामा

    दिल्ली के मोती नगर में एक कार द्वारा एक कांवड़िए को टक्कर मार दी जिस कारण उसका गंगा जल बिखर गया जिसे वो लगभग 500 किमी दूर हरिद्वार से नंगे पैर पैदल चलकर अपने आराध्य शिव का जलाभिषेक करने के लिए लेकर आया था। इतना ही नहीं जब कांवड़िए ने टक्कर के कारण जल बिखर जाने पर कार मालिक से कुछ बोला तो कार में से एक...

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