एट्रोसिटी एक्ट (SC/ST एक्ट) : कलम पर प्रहार - पत्रकारों पर वार

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एट्रोसिटी एक्ट - SC/ST Act. के तहत दुर्गसिंह राजपुरोहित की बिना कोई बात सुने जिस प्रकार गिरफ्तारी की गई है, ये घटनाक्रम पत्रकारों के लिए खतरे कि घंटी है

सच बोलने का आदि हूँ.... अपने शहर का सबसे बड़ा फ़सादी हूं.....

4-6 रोज़ पूर्व अचानक बाड़मेर राजस्थान के युवा पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित के मोबाइल की घण्टी बजती है ।

दुर्गसिंह द्वारा कॉल पिक करने पर दूसरी तरफ से आवाज़ आती है..... हेल्लो मैं SP बाड़मेर आपसे मिलना चाहता हूं ।

दुर्गसिंह जब SP कार्यालय बाड़मेर में पुलिस कप्तान से मिलने जाते हैं वहाँ उन्हें बिना किसी कारण नॉटिस सम्मन और वारंट के गिरफ्तार कर लिया जाता है और राजस्थान पुलिस की एक टीम सड़क मार्ग से दुर्गसिंह को लेकर पटना की तरफ रवाना हो जाती है ।

बाड़मेर की एक युवा उभरती हुई भाजपा नेत्री और दुर्गसिंह के बीच कुछ दिन पहले किसी बात को ले के विवाद हो जाता है जिस कारण वो भाजपा नेत्री दुर्गसिंह को देखने-दिखाने की धमकी देती है ।

इन्हीं नेत्री के यहाँ नालंदा, बिहार का एक युवक काम करता था - नाम राकेश पासवान ।

राकेश पासवान बिहार जा के दुर्गसिंह के विरुद्ध एक फ़र्ज़ी मुकदमा "एट्रोसिटी एक्ट (SC/ST एक्ट)" में दर्ज करवाता है । बिहार और राजस्थान दोनों जगह भाजपा की सरकार है । साजिशों के तार कुछ यूं जुड़े की आननफानन में ना जाने किसके दबाव में बिहार पुलिस बाड़मेर के पुलिस कप्तान को दुर्गसिंह की गिरफ्तारी का वारंट व्हाट्सएप्प के जरिये भेजती है ।

बाड़मेर पुलिस कप्तान द्वारा फिर दुर्गसिंह को अपने कार्यालय बुलाकर बिना किसी पूछताछ और जांच पड़ताल के बिहार रवाना कर दिया जाता है ।

बिहार पुलिस को आना चाहिए था राजस्थान और स्थानीय पुलिस के साथ दुर्गसिंह को वारंट थमा कर गिरफ्तार कर के अपने साथ ले जाना चाहिए था ।

राजस्थान पुलिस किस हैसियत से दुर्गसिंह को बिहार की अदालत में पेश करेगी ?

दिग्गज भाजपा नेता जसवंत सिंह जसोल के सुपुत्र मानवेन्द्र सिंह जी जसोल (विधायक भाजपा) दुर्गसिंह के साथ अपने अनेक मतभेदों के बावजूद दुर्गसिंह के समर्थन में उतर आए हैं ।

दिग्गज युवा जाट नेता हनुमान बेनीवाल दुर्गसिंह के समर्थन में उतर आए हैं ।

राजस्थान का सम्पूर्ण राजपुरोहित समाज और सम्पूर्ण समाज आज दुर्गसिंह की गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतरने को तैयार है ।

राजस्थान के तमाम पत्रकारों सहित देश के प्रबुद्ध पत्रकार आज दुर्गसिंह के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद कर रहा है ।

जिन दुर्गसिंह की 7 पुश्तें कभी बिहार नहीं गयी उनपर आखिर एट्रोसिटी एक्ट में बिहार में फ़र्ज़ी मुकदमा किसके कहने से हुआ ?

राजस्थान पुलिस की ऐसी क्या मजबूरी या किसका दबाव था जो आनन-फानन में दुर्गसिंह की असंवैधानिक तरीके से गिरफ्तारी हुई ?

एट्रोसिटी एक्ट के विरुद्ध हमने आज अपनी आवाज़ बुलंद नहीं की तो हमारी आने वाली नस्लें हमें कभी माफ नहीं करेगी ।

मैं मुख्यमंत्री साहिबा वसुंधरा राजे सिंधिया जी से आह्वान करता हूँ कि इस पूरे मामले का पटापेक्ष करें । और दुर्गसिंह को बिहार में तमाम कानूनी सुविधाएं और वकील मुहैय्या करवाये ।

लोकतंत्र में एक डरा हुआ नागरिक मरी हुई संतति पैदा करता है ।

बिहार के कोई जागरूक सामर्थ्यवान मित्र दुर्गसिंह की कानूनी सहायता करना चाहे तो आगे आये ।

मैं दुर्गसिंह राजपुरोहित की असंवैधानिक गिरफ्तारी का मुखरता से विरोध करता हूँ । जो आज दुर्गसिंह के साथ हुआ है वो कल मेरे साथ परसों आपके साथ तरसों हर सवर्ण/ओबीसी के साथ हो सकता है । हमारी एकता ही हमारी ताकत है ।

हम दुर्गसिंह को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है !

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