साहित्य - Page 14

  • खण्डन – संस्कृत से पुरानी प्राकृत भाषा

    आप लोगो को हमेशा सुनने को मिलता होगा कि संस्कृत भाषा से भी पुरानी भाषा प्राकृत भाषा है इसके पीछे एक तर्क दिया जाता है --चारों वेद की कोई 22443 ऋचाओं में से एक भी शब्द ऐसा नहीं है जो ट, ठ, ड, ढ से आरंभ होता है, जबकि प्राकृत भाषाओं में ट, ठ, ड, ढ से आरंभ होनेवाले शब्दों की संख्यार सैकड़ों है।यदि वैदिक...

  • "तुम्हारी पालिटिक्स हम भी समझते हैं कामरेड"

    शिव भक्त, जनेऊधारी और परशुराम के वंशज परम पंडित राहुल गांधी की मंदिर -मंदिर यात्राओं के बावजूद कृपा नहीं बरसी। उनके भक्तों को भी अंदेशा हो चुका था और अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाल दी थी कि ईवीएम के वोटों का पेपर ट्रेल यानी वीवीपैट पर्ची के 25 प्रतिशत का मिलान किया जाए। याचिका...

  • मनोरंजन के लिए ही सही

    • हम वर्ण व्यवस्था को नहीं समझते से तुम्हारा क्या मतलब था? क्या सोलह वेदों की तरह सोलह वर्ण भी बनाने का इरादा है?"  नहीं समझते ही नही समझना तक नहीं चाहते क्योंकि राजनीत के लिए नासमझी अधिक जरूरी है। समझ बाधक है। समझ से जोश ठंडा पड़ जाता है। समस्या के समाधान के लिए समझ की ज़रूरत होती है।...

  • कुछ मासूम से प्रश्न ??

    आज से 5-7 साल बाद जब कभी अपने विचित्र नेतृत्व में 200 चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी जब कोई चुनाव जीत जाएंगे तो क्रेडिट उनके नेतृत्व को दिया जाना उचित होगा कि चुनाव हारने के उनके विराट प्रागैतिहासिक अनुभव को ??साथ ही आज यह भी एक प्रश्न है कि क्या सचमुच " कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती "यह कविता...

  • संस्कृत भाषियों का देश और जोंस की महिमा

    विलियम जोंस को शोध नहीं करना था। उनके सामने सब कुछ तय था। न होता तो उन भाषाओं को जिनके विषय में उन्हें कुछ पता न था, एक ही आदि भाषा से व्युत्पन्न न मान लेते। उदाहरण के लिए चीनी और अरबी। यदि हम उनके सभी व्याख्यानों को ध्यान से पढ़ें तो पाएंगे कि उनको यूरोप मे अपने पदों पर काम करते हुए...

  • इंडोफीलिया का उपचार

    "जहर का उतार जहर है" तो अपनी इंडोफीलिया से मुक्ति के लिए भारतीयों में यूरोफीलिया पैदा करना। इंडोफोबिया से मुक्त होने के लिए भारतीयों के मन में यूरोफोबिया पैदा करना। यदि भारत में काम करने वाले कंपनी के गोरे कर्मचारियों की विवशता यह थी कि उन्हें भारतीय भाषाएं सीखनी पड़ती थीं और इसके कारण वे भारतीयों...

  • जिहादी लॉफेयर! जानते हैं क्या है?

    जिहादी लॉफेयर! जानते हैं क्या है?कुछ लोग समझते हैं कि इधर साल दो साल से हमारे शहरों में बम नहीं फूट रहे हैं तो इसका मतलब यही हुआ कि जिहाद की लौ मद्धिम पड़ने लगी है। राष्ट्रवादी कहेंगे मोदी का कमाल है, तो लाल वाले कहेंगे कि जिहाद कहां था, वो तो पथ से भटके गरीब युवा कभीकभार बम फोड़ देते हैं। उन्हें...

  • मलबे के मालिक

    शीर्षक तो मोहन राकेश की कहानी का है और मालिक के रूप में उस पर बैठे प्राणी से अधिक भिन्न दशा मानविकी के क्षेत्र में हमारी नहीं है।,हमारा प्राचीन ज्ञान नष्ट करके मलबे में बदला जा चुका है और नया ज्ञान उन्ही से प्राप्त होने के कारण जिन्होंने पुराने ज्ञान को मलबे में बदला, विषाक्त है, जिसने राष्ट्रीय...

  • विलियम जोंस से सर विलियम जोन्स का सफर (2)

    हम यह समझ लें कि यह इंडोफीलिया (भारत रति) या इंडोफोबिया (भारत भीति) थी क्या तो यह समझने में कुछ मदद मिलेगी किस एकजुटता से यूरोप और अमेरिका के सभी विद्वानों ने इसे उलट कर भारतीयों के मन में यूरोफीलिया और यूरोफोबिया में बदलने के लिए कितना दुर्धर्ष प्रयत्न किया और किन हथकंडों का प्रयोग बिना संकोच के...

  • अलीबाबा और 32 ठग

    देश में कुछ चंद नेहरूवियन सेक्यूलरिस्टों का नाम लेकर देखें तो आम तौर पर दिमाग में जो नाम आते हैं उनमें एक विलियम डैलरिंपल का भी होगा। भले ही अंग्रेज हों पर ज्यादा जीवन दिल्ली में गुजारा है। इतिहासकार हैं और अतीतजीवी भी। उनकी नजर में भव्यता और दिव्यता सिर्फ इस्लामी आर्किटेक्चर और भांति भांति के कबाब...

  • हिंदू रणनीतिक संस्कृति

    पिछले दो-चार दशकों में अध्ययन की एक नई विधा ने जोर पकड़ा है और वह है रणनीतिक संस्कृति (strategic culture)। यह मूलत: इस बात का अध्ययन है कि युद्ध के लिए किस देश का समाज कितना तत्पर है और किस तरह से लड़ता है और वहां की सामाजिक राजनीतिक व्यवस्था इसमें कितनी सहायक होती है। यहां कल्पनाशीलता की ज्यादा...

  • किसान का विकास ?

    किसान जो भी,जो भी करता है, हां वही,वही है 'सस्टेनेबल डेवलपमेंट'।और तुम्हारी प्रदूषक खून की प्यासीसरकारी नीतियां ही हैं,'असली पाल्यूटैंट'।डेमोक्रेसी है किसान के लिए दीमाकृषिआपने कभी दवंरी देखी है?दवंरी, इसका अर्थ यह नहीं कि ,सार सार रख के थोथा छोड़ देना,क्योंकि कृषक के लिएअसार तो कुछ भी...

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