संस्कृत भाषियों का देश और जोंस की महिमा
सर विलियम जोन्स तक, जिनके ऊपर इंडोफीलिया या भारत-रति का आरोप लगता रहा है, न तो निष्पक्ष भाव से काम कर रहे थे, न भारत के हित में काम कर रहे थे। यह दावा कि उन्होंने संस्कृत के महत्व को स्थापित किया, गलत है। वह संस्कृत के महत्व को क्षीण करते हुए यथासंभव यूरोप की क्लासिकी भाषाओं को संस्कृत की समकक्षता में लाने का प्रयत्न कर रहे थे। अब आगे का काम दूसरों को करना था।


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सर विलियम जोन्स तक, जिनके ऊपर इंडोफीलिया या भारत-रति का आरोप लगता रहा है, न तो निष्पक्ष भाव से काम कर रहे थे, न भारत के हित में काम कर रहे थे। यह दावा कि उन्होंने संस्कृत के महत्व को स्थापित किया, गलत है। वह संस्कृत के महत्व को क्षीण करते हुए यथासंभव यूरोप की क्लासिकी भाषाओं को संस्कृत की समकक्षता में लाने का प्रयत्न कर रहे थे। अब आगे का काम दूसरों को करना था।
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