"तुम्हारी पालिटिक्स हम भी समझते हैं कामरेड"
पर सिर्फ ईवीएम पर संदेह है या मंशा येन केन प्रकारेण पूरी प्रक्रिया पर संशय खड़ा कर भाजपा की जीत का अवमूल्यन करने की और किसी तरह उसे कमतर करने की है। लिबरल तब तक ही सहनशील हैं, जब तक सत्ता में हों। कुर्सी जाते ही सभ्यता का नकाब उतर जाता है।
पर सिर्फ ईवीएम पर संदेह है या मंशा येन केन प्रकारेण पूरी प्रक्रिया पर संशय खड़ा कर भाजपा की जीत का अवमूल्यन करने की और किसी तरह उसे कमतर करने की है। लिबरल तब तक ही सहनशील हैं, जब तक सत्ता में हों। कुर्सी जाते ही सभ्यता का नकाब उतर जाता है।
- Story Tags
- ईवीएम
- लिबरल
- adarsh_singh
शिव भक्त, जनेऊधारी और परशुराम के वंशज परम पंडित राहुल गांधी की मंदिर -मंदिर यात्राओं के बावजूद कृपा नहीं बरसी।
उनके भक्तों को भी अंदेशा हो चुका था और अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाल दी थी कि ईवीएम के वोटों का पेपर ट्रेल यानी वीवीपैट पर्ची के 25 प्रतिशत का मिलान किया जाए। याचिका खारिज हो गई पर हार्टिक पटेल और संजय निरूपम अभी भी ईवीएम पर पिले हुए हैं। हालांकि नबी आजाद जैसे खानदान के गुलाम चुनाव बाद चुप हैं। कांग्रेस, केजरीवाल या लालू जैसा पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एक है। सहिष्णुता ब्रिगेड भी पूरी तरह साथ है। हर चुनाव से पहले ही मुनादी हो जाती है कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हुई तो जीत हमारी ही होगी। चुनाव आयोग घोर दबाव में है। मतगणना के बाद आयोग ने बयान जारी कर कहा कि गुजरात में सभी 182 सीटों पर एक-एक बूथ के पेपर ट्रेल के मिलान में आंकड़े 100 प्रतिशत सही मिले।