मैं नंदी : अंतहीन प्रतीक्षा का प्रतीक
यह वह युग है, जहाँ खण्डित कर दी गई है मेरी प्रतीक्षा भी। वह युग, जहाँ बाँध दी जाती है गंगा की धार भी।
Pallavi Mishra | Updated on:5 Nov 2019 12:12 PM GMT
यह वह युग है, जहाँ खण्डित कर दी गई है मेरी प्रतीक्षा भी। वह युग, जहाँ बाँध दी जाती है गंगा की धार भी।
यह वह युग है, जहाँ खण्डित कर दी गई है मेरी प्रतीक्षा भी। वह युग, जहाँ बाँध दी जाती है गंगा की धार भी।