COVID-19 की लड़ाई को मजबूत करने के लिए कुंभ मेला अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए : PM Modi

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COVID-19 की लड़ाई को मजबूत करने के लिए कुंभ मेला अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए : PM Modi
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COVID-19 की लड़ाई को मजबूत करने के लिए कुंभ मेला अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए : PM Modi

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में COVID-19 की दूसरी लहर से बिगड़ते हुये हालत को देखते हुये आज सुबह अपील की कि महाकुंभ मेला "कोरोनोवायरस संकट के बीच केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए", उनका कहना था कि यह महामारी के खिलाफ लड़ाई को शक्ति देगा। गंगा किनारे कुंभ मेले के दौरान हजारों श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ एवं बड़ी सभाओं को देखते हुये प्रधानमंत्री ने देशव्यापी चिंता के मद्देनजर यह अपील की।

पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड - 19 ने भारत में संक्रमणों में एक खतरनाक उछाल देखा गया है। आज सुबह, COVID-19 के 2,34,692ताजा मामले सामने आए जोकि अब तक एक दिन में संक्रमित पाये गए केसों की सबसे बड़े संख्या है।

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पीएम मोदी ने अपने एक ट्वीट में कहा, कि उन्होंने फोन पर, हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष एवं जूना अखाड़े के शीर्ष संत - स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से बात की और लाखों भक्तों को आकर्षित करने वाले धार्मिक त्योहार के बारे में अपील की।

पीएम मोदी ने हिंदी में किए गए ट्वीट में लिखा "मैंने प्रार्थना की है "कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी" " ।

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प्रधान मंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए, स्वामी अवधेशानंद ने हिंदी में जवाब दिया, " माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएँ एवं नियमों का निर्वहन करें !"

कुंभ मेले में COVID-19 से महा निर्वाणी अखाड़े के प्रमुख की मृत्यु हो गई है और इस मेले में भाग लेने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष सहित कम से कम 59 संतों का कोविड परीक्षण सकारात्मक पाया गया, इसके अतिरित लगभग 200 से अधिक तीर्थयात्रियों में कोरोनावायरस का परीक्षण सकारात्मक आया है। एक आंकड़े के कुम्भ में अनुसार अभी तक लगभग 32 लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया है।

महामारी के कारण पहले ही इस वर्ष के महाकुंभ मेला को 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पहले ही छोटा कर दिया गया था। आमतौर पर, यह कार्यक्रम जनवरी के मध्य से अप्रैल के अंत तक आयोजित किया जाता है।

कुंभ मेला की पहचान दुनिया में सबसे बड़ा शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जाने वाले त्योहार के रूप मानी जाती है। कुम्भ मेले एक अर्थ है एक पवित्र नदी में स्नान करने के लिए इकट्ठा होने वाले तीर्थयात्रियों का एक बड़ा समूह। यह पर्व हर 12 साल में चार बार मनाया जाता है "जिसका समय और स्थान पूर्व निर्धारित होता है। इसका आयोजन क्रमशः भारत की चार पवित्र नदियों के किनारे स्थित चार तीर्थ स्थानों - हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में किया जाता है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोविड जाँच भी इस महोत्सव में भाग लेने के बाद सकारात्मक आई थी।

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