सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने की अपील को माता-पिता, और छात्रों ने किया खारिज: दिल्ली
सिनेमा और रेस्तरां अपना काम कर रहे हैं और देश के अनेक हिस्सों में चुनाव हो रहे हैं। एक बच्चे के शैक्षणिक कैरियर में कक्षा X और XII की परीक्षा प्रमुख मील का पत्थर होती है


सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने की अपील को माता-पिता, और छात्रों ने किया खारिज: दिल्ली
सिनेमा और रेस्तरां अपना काम कर रहे हैं और देश के अनेक हिस्सों में चुनाव हो रहे हैं। एक बच्चे के शैक्षणिक कैरियर में कक्षा X और XII की परीक्षा प्रमुख मील का पत्थर होती है
दिल्ली एवं देश में Covid-19 के बढ़ते हुये केसों को देखते हुये दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्र से CBSE बोर्ड परीक्षा रद्द करने की अपील की गई लेकिन दिल्ली में अधिकांश माता-पिता, शिक्षक और छात्र मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्र से की गई इस अपील का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं, उनका कहना है कि सबके लिए स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, लेकिन परीक्षाओं को परीक्षा केंद्र पर सख्त नियमों (SOP) के साथ कराया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विकल्पों पर विचार करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि परीक्षा प्रक्रिया में एक लाख शिक्षक एवं छह लाख छात्र परीक्षा में शामिल होंगे। इस प्रकार परीक्षा केंद्र Corona हॉटस्पॉट बन सकते हैं।
दिल्ली के दरियागंज स्थित "हॅप्पी पब्लिक स्कूल" में पढ़ने वाले दसवीं कक्षा के एक छात्र के पिता ने कहा: " जहाँ एक तरफ माता-पिता बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं तो वहीं चिंता ने छात्रों को जकड़ लिया है। इसी स्कूल की बारहवीं क्लास की एक छात्रा की माता का कहना था कि परीक्षा रद्द करना और विकल्प प्रस्तुत करना कोई समाधान नहीं है। इससे बच्चों की शिक्षा पर सवालिया निशान लग जाएगा"
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उन्होंने कहा कि वैकल्पिक उपाय अभी संभव नहीं हैं। "मेरी बेटी बारहवीं कक्षा में है और वह परीक्षा लिखना चाहती है क्योंकि वह पिछले एक साल से कड़ी मेहनत कर रही है। कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, परीक्षाओं को रद्द करने कि बजाय कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है। सरकार को छात्रों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाते हुये सख्त नियमों के साथ परीक्षाएँ करानी चाहिए और इसके लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
दिल्ली पब्लिक स्कूल के एक छात्र के अभिभावक ने कहा, "2020 में जब स्थिति बदतर थी, तो सरकार ने कहा था कि 'हमें अब कोरोना के साथ जीना सिखना पडेगा' (we'll have to learn to live with corona)। आज अगर हम अपने चारों तरफ देखें - तो सिनेमा और रेस्तरां अपना काम कर रहे हैं और देश के अनेक हिस्सों में चुनाव हो रहे हैं। एक बच्चे के शैक्षणिक कैरियर में कक्षा X और XII की परीक्षा प्रमुख मील का पत्थर होती है। इसलिए परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। "
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उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार द्वारा परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और उन जिन स्कूलों में छात्रों का नामांकन/पढ़ते है उन्हीं स्कूलों में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए। इसकी निगरानी के लिए अन्य स्थानों से पर्यवेक्षक आ सकते हैं। इससे माता-पिता और छात्रों दोनों को मदद मिलेगी क्योंकि स्कूल अपने घरों से नजदीक होंगे। छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि यदि परीक्षा रद्द कर दी जाती है तो यह छात्रों के साथ अन्याय होगा।
अधिकतर अभिवावकों और छात्रों का ये ही कहना था कि परीक्षा रद्द करने के स्थान पर स्थगित की जानी चाहिए।