तमिलनाडु के 'फेडरल चर्च ऑफ इंडिया' में चल रहा था सेक्स रैकेट | पादरी सहित सात गिरफ्तार

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तमिलनाडु के फेडरल चर्च ऑफ इंडिया में चल रहा था सेक्स रैकेट | पादरी सहित सात गिरफ्तार

तमिलनाडु के 'फेडरल चर्च ऑफ इंडिया' में चल रहा था सेक्स रैकेट | पादरी सहित सात गिरफ्तार

कन्याकुमारी, तमिलनाडु के एक बड़े चर्च की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तमिलनाडु पुलिस ने कन्याकुमारी में 'फेडरल चर्च ऑफ इंडिया' में वेश्यालय चलाने के आरोप में उसके संस्थापक एवं प्रबन्धक पादरी लाल शाइन सिंह को पकड़ा है।

फेडरल चर्च ऑफ इंडिया (The Federal Church of India) कथित तौर पर कन्याकुमारी जिले के सबसे बड़े चर्चों में से एक माना जाता है और बिशप लाल शाइन सिंह चर्च का संस्थापक और अध्यक्ष है। चर्च की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में फेडरल चर्च ऑफ इंडिया के संस्थापक पादरी लाल शाइन सिंह एवं चार महिलाओं सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

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Diocese of Christ Anglican Church of India से संबन्धित फेडरल चर्च ऑफ इंडिया तमिलनाडु में कन्याकुमारी जिले के ज्योति नगर में स्थित है।

सदियों से यीशु के नाम पर दुनिया भर के चर्चों के भीतर चल रही सड़न का संकेत भी देता है।

सदियों से 'यीशु' के नाम पर दुनिया भर के चर्चों के भीतर चल रही सड़न का संकेत भी देता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस को अपने सूत्रों द्वारा चर्च परिसर में लक्जरी कारों में पुरुषों और महिलाओं द्वारा घंटों तक रहस्यमयी गतिविधियों की सूचना मिली थी, इन सूचनाओं के आधार पर तमिलनाडु पुलिस ने बुधवार को फेडरल चर्च ऑफ इंडिया पर उस समय छापा मारा। पुलिस की छापेमारी से पता चला कि पादरी लाल शाइन सिंह चर्च को सेक्स रैकेट चलाने के लिए एक कवर के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।

पुलिस पूछताछ के दौरान पादरी लाल शाइन सिंह ने कबूल किया कि वह सेक्स रैकेट चलाने में कई महिलाएं भी शामिल है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि पादरी लाल शाइन सिंह द्वारा चलाए जा रहे इस वेश्यावृति के कार्य में एक महिला ने अपनी 19 साल की बेटी को भी धकेल दिया था।

आपको बताते चलें कि कुछ समय पहले 'Sister Lucy Kalapura' ने मलयालम भाषा में एक आत्मकथात्मक पुस्तक लिखी थी, जिसका शीर्षक था, 'Karthavinte Namathil' (इन द नेम ऑफ क्राइस्ट) अपनी उस किताब में उन्होंने चर्च संचालित संस्थानों में बड़े पैमाने पर चल रहे यौन शोषणों का खुलासा किया था। उसने केरल में बलात्कार पीड़िता के समर्थन में कथित बलात्कारी बिशप फ्रेंको मुलक्कल (Franco Mulakkal) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया था। सिस्टर लूसी को Vatican Papacy (the office and jurisdiction of the bishop of Rome) द्वारा उसकी 'सिस्टरहुड' छीनकर और उसे चर्च कॉन्वेंट से हटाकर दंडित किया गया था।

पादरी लाल शाइन सिंह द्वारा संचालित संगठित सेक्स रैकेट ना केवल सिस्टर लूसी को सही साबित करता है अपितु सदियों से 'यीशु' के नाम पर दुनिया भर के चर्चों के भीतर चल रही सड़न का संकेत भी देता है।

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आश्चर्य तब होता है जब देश और दुनिया में स्वयं को सेक्युलर, लिबरल जैसे तमगों से सजाने वाला मुख्यधारा का मीडिया और तथाकथित नारीवादी कार्यकर्ता सिर्फ भारत ही नहीं अपितु दुनिया भर में इन पवित्र चर्चों की आड़ में चलाए जा रहे सेक्स रैकेट और वेश्यालयों पर एवं पादरियों द्वारा महिलाओं, युवा लड़कियों और यहां तक कि युवा लड़कों के बड़े पैमाने पर किए जा रहे यौन शोषण पर पूरी तरह से आँखें बंद करके चुप्पी साध लेता है।

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