नसों में रक्त के थक्के की दर बढ़ने के कारण डेनमार्क, नॉर्वे ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को स्थगित किया

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नसों में रक्त के थक्के की दर बढ़ने के कारण  डेनमार्क, नॉर्वे ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को स्थगित किया
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नसों में रक्त के थक्के की दर बढ़ने के कारण डेनमार्क, नॉर्वे ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को स्थगित किया

डेनमार्क और नॉर्वे में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन लोगों को एस्ट्राज़ेनेका की COVID-19 वैक्सीन का पहला इंजेक्शन लगाया गया, उनकी नसों में रक्त के थक्के बनने की दर में मामूली वृद्धि हुई है, इतना ही नहीं सामान्य लोगों के मुक़ाबले उनके दिमाग में भी रक्त के थक्के अधिक बन रहे हैं।

हालांकि, अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा कि वैक्सीन से मिलने वाले लाभ की तुलना में इस तरह के दुष्प्रभाव बेहद दुर्लभ हैं, और वैक्सीन के फायदे अभी भी अधिकांश स्थितियों में COVID-19 से होने वाले खतरे को कम करते हैं।

डेनमार्क और नॉर्वे का विश्लेषण यूरोपीय मेडिसिंस एजेंसी (ईएमए) द्वारा पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने AstraZeneca Vaccine और किसी भी उम्र के प्रतिबंध के बिना दुर्लभ घातक रक्त के थक्के के बीच एक "संभव लिंक" पाया था।

ज्ञात हो डेनमार्क वो पहला देश भी था जिसने नसों में रक्त के थक्के बनने की खबरों की रिपोर्ट पर अमेरिका के जॉनसन एंड जॉनसन COVID-19 वैक्सीन के उपयोग को भी स्थगित कर दिया था।

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गुरुवार को BMJ medical journal में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अगर इसके निष्कर्षों को सामाजिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर COVID-19 के टीकाकरण से होने वाले लाभों के संदर्भ में व्याख्या की जाए तो इससे होने वाले venous thromboembolic पूर्ण जोखिम बहुत ही कम हैं।

COVID-19 के टीकाकरण के बाद कुछ लोगों में "रक्त के थक्के जमने के साथ ही रक्तस्राव और कम प्लेटलेट काउंट " के सामने आए मामलों के बाद नॉर्वे ने 11 मार्च को एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन लगाने के कार्य को अपने यहाँ स्थगित कर दिया था। इसी प्रकार की शिकायतों के कारण डेनमार्क ने भी एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन का उपयोग करने पर रोक लगा दी थी।

इस विषय पर यूरोपीयन एवं UK के दवा नियामकों का कहना है कि "यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है, और इसका लाभ किसी भी तरह के दुष्प्रभावों को दूर करता है", लेकिन इसके विपरीत कई अन्य देशों ने केवल कुछ आयु समूहों में ही इसका उपयोग करने की सिफारिश की है।

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इस अध्ययन में डेनमार्क और नॉर्वे के 18-65 वर्षीय आयु वर्ग के 280,000 उन लोगों को देखा, जिन्हें फरवरी 2021 के आरंभ से 11 मार्च 2021 के बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी।

शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य रिकॉर्ड का उपयोग करते हुए, उन घटनाओं की दरों की पहचान की जिनमें वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने के 28 दिनों के भीतर दिल के दौरे, स्ट्रोक, रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के और रक्तस्राव जैसी समस्याएँ सामने आईं और फिर उन आंकड़ों की तुलना डेनमार्क और नॉर्वे की सामान्य आबादी में अपेक्षित दरों के साथ की।

प्राप्त परिणामों के अनुसार टीकाकरण के प्रत्येक 100,000 मामलों में "नसों में रक्त के थक्कों के अपेक्षित 30 की तुलना में 59 मामले सामने आए। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसमें मस्तिष्क में रक्त के थक्कों के दुर्लभ केस (जिन्हें cerebral venous thrombosis कहते हैं) की दर अपेक्षा से अधिक है।

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