नारी तू कमजोर नहीं, बाज़ार तेरा मुकद्दर नहीं

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नारी तू कमजोर नहीं, बाज़ार तेरा मुकद्दर नहीं
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पिता का गौरव, देश की शान। ऐसी ही बेटियाँ देश को बनाती महान॥

सुनो,

🚺 जब तुम यह समझने लगो कि अमृता, साहिर इमरोज के बीच और जो भी है प्रेम नहीं है

🚺 जब तुम और तुम्हारा प्रेम वैलेंटाईन जैसे चोंचलों से दूर हों

🚺 जब तुम्हें यह लगने लगे कि तुम एक आत्मा हो जिसके पास एक देह है

🚺 जब तुम्हें आई लाइनर, मस्कारा, फेस लाइटेनिंग, ब्लशर, फेस पाउडर गैर जरूरी लगने लगे

🚺 जब तुम्हें पता चलने लगे कि तुम्हारा प्रेमी तुम्हारी आत्मा तक पहुंचता है या तुम्हें' एज युटिलिटी' ट्रीट करता है

🚺 जब तुम्हें 'प्रेजेंटेबल' और 'बींग ए ब्यूटिफुल डाल' का अंतर समझ आ जाए

🚺 जब तुम्हारे पास एक स्वतंत्र विचार के पालन पोषण की मानसिक उर्वरता आ जाए

🚺 जब तुम यह समझने लगो कि पिता जो तुम्हारी फिक्र करते हैं वह पितृसत्तात्मक दमन या पैट्रियार्की नहीं उनका प्रेम है

🚺 जब तुम्हें यह बात पता चल जाए कि शराब पीकर कम कपड़ों में नाचना क्रांति नहीं भोंडापन है

🚺 जब तुम्हें यह पता चल जाए कि आकर्षण कोई हथियार नहीं है जिसे तुम बेजा इस्तेमाल करो

🚺 जब तुम अपनी 26-28 वाली कमर की चिंता करना बंद कर दो,

🚺 जब तुम बिना काजल और लिपस्टिक के बाहर/ऑफिस निकल जाओ,

🚺 जब तुम घर से निकलने से पहले चार बार मिरर में झांकना छोड़ दो,

🚺 जब तुम हाई हील की जगह चप्पल पहनने लगो,

🚺 जब तुम हैंड बैग में मेक-अप बॉक्स की जगह कोई छोटी किताब रखने लगो,

🚺 जब तुम यह समझने लगो कि टीवी और सिनेमा सत्य से सत योजन दूर हैं कम से कम तुम्हारे देश में

🚺 जब तुम यह समझने लगो कि प्रेम "प्रदर्शन" नहीं "दर्शन" का विषय है

🚺 जब तुम्हें 'क्यूट' 'सेक्सी' 'ब्यूटीफुल' 'कूल' 'हाट' की जगह 'व्हाट ए पर्सनालिटी' जैसे कमेंट्स सुनाई दें

तो समझ लेना तुम्हारे असली व्यक्तित्व का विकास हो रहा है। तुम बाज़ारवाद की बुनी छवि या किसी पोस्टर से इतर.... एक मजबूत अस्तित्व की ओर बढ़ रही हो।

कोमल, प्यारी, नाज़ुक, सुन्दर लड़की की जगह एक इंसान बन रही हो।

तब तुम 'Weaker Sex' की संज्ञा से खुद को अलग कर रही होगी।

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