'बे-सर' विलियम जोंस से 'सर' विलियम जोन्स का सफर (1)
ठीक वैसा ही संकट दुबारा उपस्थित हुआ, जब यूरोप के सभी व्यापारियों ने अपने उपनिवेश भारत में कायम कर लिए थे और उनके पीछे उनके मिशनरी भी, जो अन्य सामी मजहबों की तरह गैरमजहबी समाजो को बर्बर मान कर उन्हें अपने मजहब में शामिल करके उनका उद्धार करना चाहते थे. उनका संस्कृत भाषा और भारतीय मनीषा से सामना हुआ तो उन पर जो असर हुआ उसे इंडोफीलिया और इंडोफोबिया की सज्ञा दी गई।


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ठीक वैसा ही संकट दुबारा उपस्थित हुआ, जब यूरोप के सभी व्यापारियों ने अपने उपनिवेश भारत में कायम कर लिए थे और उनके पीछे उनके मिशनरी भी, जो अन्य सामी मजहबों की तरह गैरमजहबी समाजो को बर्बर मान कर उन्हें अपने मजहब में शामिल करके उनका उद्धार करना चाहते थे. उनका संस्कृत भाषा और भारतीय मनीषा से सामना हुआ तो उन पर जो असर हुआ उसे इंडोफीलिया और इंडोफोबिया की सज्ञा दी गई।
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