बीजेपी ने नितिन पटेल को खोने के डर से उन्हें वित्त विभाग वापस सौंपा
नितिन पटेल की भावना को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने यह फेरबदल किया: विजय रूपाणि
samachar 24x7 | Updated on:31 Dec 2017 7:24 PM IST
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नितिन पटेल की भावना को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने यह फेरबदल किया: विजय रूपाणि
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्यपाल को पत्र लिख कर आज विधिवित उन्हें वित्त मंत्रालय का प्रभार दे दिया। पहले यह विभाग सौरभ पटेल को दिया गया था। श्री रूपाणी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृहनगर राजकोट रवाना होने से पहले पत्रकारों से गांधीनगर में कहा कि नितिन पटेल की भावना को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने यह फेरबदल किया है। भाजपा जैसे बड़े परिवार मे होने वाली ऐसी छोटी मोटी बात का समाधान हो गया है। इस मामले से विरोधियों के मुंह में पानी आ गया था पर घी फिर मुख्यमंत्री विजय रूपाणीसे घी के डिब्बे में मिल गया है।
इससे पहले श्री पटेल ने गांधीनगर के सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पदभार संभालने के बाद कहा कि वैसे तो उन्होंने शपथ लेने के ठीक बाद मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बारे में सचिवों और अधिकारियों के साथ बैठक कर कामकाज शुरू कर दिया था पर आज वह पूजा पाठ कर विधिवत अपने चैंबर में कार्यभार संभाल रहे हैं। कल एक जनवरी को नये साल में सरकार का कामकाज एकदम सुचारू तरीके से शुरू हो जायेगा। पद संभालने पर उनके मातहत अधिकारियों और समर्थकों ने उन्हें पेंडे खिला कर उनका मुंह मीठा कराया। बाद में वह अपने गृहनगर और विधानसभा क्षेत्र महेसाणा पहुंचे जहां उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और पटाखे फोड़ कर खुशी व्यक्ति की। श्री पटेल ने वहां बताया कि उन्हें वित्त विभाग का प्रभार भी दे दिया गया है। अब उनके पास मार्ग और मकान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, कल्पसर, नर्मदा और राजधानी परियोजना समेत वित्त विभाग का प्रभार है।
इससे पहले आज सुबह उन्होंने अहमदाबाद में पत्रकारों से कहा था कि आलाकमान ने उनकी भावना को समझा है जिसके चलते वह आज ही अपना कार्यभार संभाल लेंगे।
गत 26 दिसंबर को श्री रूपाणी और अन्य 18 मंत्रियों के साथ शपथ लेने के बाद 28 दिसंबर की रात एक और हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच विभागों के बंटवारे में उनसे वित्त, नगर विकास और नगरीय आवास विभाग ले लिये जाने के चलते उन्होंने दो दिनों तक कार्यभार नहीं संभालते हुए बगावती तेवर अपना रखा था। वह सरकारी वाहन का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे थे और राजधानी गांधीनगर की बजाय अहमदाबाद में थलतेज स्थित अपने निजी आवास में रह रहे थे। श्री पटेल ने आज सुबह अपने अहमदाबाद आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता रामलाल, वी सतीष समेत अन्य लोगों से उनकी बातचीत हुई। वह नाराज नही थे बल्कि उपमुख्यमंत्री और सरकार में नंबर दो होने के चलते उन्हें शोभा दें, ऐसे विभाग चाहते थे। यह बात उन्होंने श्री शाह और अन्य नेताओं को बतायी और नेतृत्व ने उनकी भावना का सम्मान किया है। श्री शाह ने उन्हें फोन कर पदभार संभालने को कहा। उन्हे पार्टी नेतृत्व पर पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के पहले जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े हैं। वह 40 साल से पार्टी में है, 25 साल से मंत्री हैं और अब दूसरी बार उपमुख्यमंत्री हैं इसलिए गौरव योग्य पद चाहते थे। वह भाजपा के अनुशासित कार्यकर्ता हैं और इससे अलग होने की बात भी नहीं सोच सकते। कांग्रेस के लोग इस अंदरूनी मामले में राजनीतिक बात देख रहे थे। वे चाहते थे कि मै भाजपा छोड़ दूं और सरकार गिर जाये ताकि उनकी सरकार बन सके। पर मै भाजपा का आदमी हूं और राजनीति में सत्ता के लिए नहीं विचारधारा और देशप्रेम की भावना से आया हूं। वह पहले भी और हर संकट के समय में भाजपा के साथ दृढ़ता से खड़े रहे हैं। उन्होंने पिछले दो दिन में उनसे मिलने वाले हजारों लोगों और समर्थकों का भी आभार प्रकट किया।
इस बीच, सूत्रों के वह मलाईदार नगर विकास विभाग चाहते थे जिसे मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है। पर बीच का रास्ता निकालते हुए उन्हें वित्त विभाग देकर मामला शांत किया गया है। वित्त मंत्री के तौर पर सौरभ पटेल ने कल ही पदभार संभाला था पर अब वह केवल ऊर्जा विभाग का ही प्रभारी रहेंगे और वित्त का प्रभार वापस नीतिन पटेल को दिया गया है। पिछली बार के 115 की तुलना में कमजोर बहुमत यानी 99 सीटों के साथ सत्ता में आयी भाजपा के लिए श्री पटेल की नाराजगी का दूर होना बड़ी राहत की बात माना जा रहा है। इसके साथ ही नये साल में गुजरात में भाजपा किसी संकट की स्थिति में प्रवेश नहीं करेगी। कांग्रेस समर्थक पास नेता हार्दिक पटेल ने उन्हें 10 विधायकाें के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने की की सलाह दी थी हालांकि श्री पटेल ने आज कहा कि उन्होंने हार्दिक अथवा किसी अन्य को मिलने के लिए नहीं बुलाया था। पाटीदार संगठन सरदार पटेल समूह ने तो इस मुद्दे पर एक जनवरी को महेसाणा बंद का एलान तक कर दिया था।
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