देवभूमि के लोगों को रास नहीं आ रहा राहुल का 'सॉफ्ट हिंदुत्व'
मंदिर के सामने फूल-माला की दुकान चलाने वाले हरि राठौर का कहना था, ‘महज इलेक्शन टाइम आते ही राहुल यहां आ रहे हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला’
Shreshtha Verma | Updated on:24 Nov 2017 7:06 PM IST
देवभूमि द्वरका में द्वारकाधीश के मंदिर में बाहर से आए पर्यटक समझ कर पंडा लोगों की एक टोली हमारी तरफ भी पहुंची. लेकिन, मेरे भीतर अपनी पूजा पाठ से ज्यादा द्वारकाधीश के दरबार में हाजिरी लगाने वाले नेताओं के बारे में जानकारी को लेकर उत्सुकता थी. बातचीत के दौरान लगा कि द्वरकाधीश मंदिर के पंडा भी चुनावी रंग में रंग चुके हैं.
द्वारका के ही रहने वाले अर्जुन ठाकुर का परिवार कई पीढ़ीयों से इसी मंदिर में काम करता है. पूजा पाठ के पुश्तैनी काम में ही हाथ बंटाने वाले अर्जुन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारका मंदिर पहुंचने के सिलसिले में बिना किसी लाग-लपेट के कह दिया, 'राहुल गांधी के यहां आने पर आनंद था लेकिन, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता यहां तो केवल भाजप है, हम भी मोदी को ही वोट देंगे क्योंकि वो देश के लिए कुछ करता है.'
थोड़ी दूर पर मौजूद दूसरे पंडा उद्धव वायडा ने भी कुछ ऐसा ही कहा. वायडा का कहना था, 'राहुल जी के आने से हम सब खुश हैं, लेकिन, इससे कोई अंतर नहीं होता, राहुल गांधी तो महज चुनाव के वक्त आते हैं. जबतक मोदी हैं तबतक उन्हीं को वोट करेंगे.'
पंडा अर्जुन ठाकर
द्वारकाधीश मंदिर के अंदर पंडा इस तरह से बेबाकी से बोलेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी. लेकिन, मंदिर के अंदर और बाहर भी मौजूद लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी. अर्जुन ठाकर ने एक कदम आगे बढ़कर तो यहां तक कह दिया कि 'मोदी गोल्ड हैं लेकिन, राहुल चांदी हैं.'
मंदिर के सामने फूल-माला और प्रसाद की दुकान चलाने वाले हरि राठौर का कहना था, 'महज इलेक्शन टाइम आते ही राहुल यहां आ रहे हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.'
द्वारकाधीश मंदिर के बाहर समुद्र के किनारे बने घाट पर मिल रहे लोगों का कहना था कि यहां 16 घाट हैं. इसे सब मोदी ने बनाया है. मंदिर परिसर और बाहर हुए काम को लेकर भी लोग सराहना कर रहे हैं.
द्वारकाधीश मंदिर के नीचे घाट पर बोट के जरिए लोगों को समुद्र तक की सैर कराने वाले जगदीश भाई केवट कहते हैं कि इस तरह की किसी भी कोशिश से कोई फर्क नहीं होता. मोदी हमेशा आते हैं राहुल तो पहली बार आए हैं.
मंदिर के ही नीचे ठेले पर फल बेंचने वाले सरफराज से जब राहुल गांधी के यहां आने के बारे में पूछा गया तो उसने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
राहुल की नरम हिंदुत्व की रणनीति
पिछले 25 सितंबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यहां पहुंचे थे. अपने दौरे की शुरुआत राहुल गांधी ने द्वारकाधीश मंदिर में पूजा से ही की थी. राहुल गांधी के मंदिर-मंदिर जाने को लेकर चुनाव में इस मुद्दे पर खूब चर्चा हो रही है. राहुल गांधी अब तक गुजरात में पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग जगहों पर कई मंदिरों में माथा टेक चुके हैं.
राहुल गांधी के मंदिर-मंदिर घूमने को कांग्रेस की नरम हिंदुत्व की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी की हिंदुत्व की छवि के आगे उसका गुजरात में नुकसान होता रहा है. मुस्लिम समाज गुजरात में पूरी तरह से कांग्रेस की तरफ तो है ही. लिहाजा मंदिर-मंदिर पहुंचकर अपने-आप को बीजेपी के समानांतर लाने की कोशिश हो रही है जिससे बीजेपी की तरफ से ध्रुवीकरण की कोई कोशिश कारगर न हो सके.
कांग्रेस नेता पालभाई अंबलिया
कांग्रेस के नेता बीजेपी के उस सवाल पर तिलमिला जा रहे हैं जिसमें बीजेपी राहुल गांधी पर नरम हिंदुत्व का आरोप लगा रही है. देवभूमि द्वारका जिले के ही रहने वाले गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के सचिव पाल भाई अंबालिया कहते हैं हिंदुत्व एक पार्टी का ठेका तो नहीं है ना कि आप बीजेपी में हैं तो हिंदू हैं राहुल के दौरे और मंदिर जाने पर पाल भाई कहते हैं कि इसका सौ फीसदी फायदा होगा. पॉलिटिकल क्लाइमेट चेंज हो गया है.
द्वारका नगरी में वरिष्ठ पत्रकार चन्दूभाई विठलानी का कहना है, 'जो व्यक्ति मोदी ने वोट करे छे, ते मोदी नेज वोट करसे, नेहरू-कुटुंब वारसागत पद चलावे छे. हमारा मत मुझे आखोटु छे. कांग्रेस ममा वीजा नेपण मोको आपवो जोएं. ममारा मत मुजब मंदिर आवा पी कोई फर्क नहीं पड़े.'
मतलब जो व्यक्ति मोदी को वोट करता है वो मोदी को ही करेगा. नेहरू-परिवार के बारे में सबको पता है. कांग्रेस में वंशवाद चलता है. मेरे हिसाब से यह गलत है. वंशवाद नहीं होना चाहिए. किसी दूसरे को भी चांस दो. मेरे हिसाब से राहुल गांधी के मंदिर आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
द्वारकाधीश मंदिर
बीजेपी का राहुल गांधी पर वार
हालांकि राहुल गांधी के 25 सितंबर के दौरे के कुछ ही दिन बाद 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी द्वरका पहुंचे थे. उस वक्त द्वारकाधीश मंदिर में पूजा करने के बाद वह तटीय इलाके ओखा और बेट द्वारका द्वीप के बीच एक समुद्र सेतु की आधारशिला भी रखने पहुंचे. द्वारकाधीश मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बेट द्वारका मंदिर है, जहां भगवान कृष्ण के मंदिर के दर्शन के लिए हजारों की तादात में लोग जाते हैं. अभी सभी श्रद्धालु बोट से ही समुद्र में उस मंदिर तक जाते हैं. लेकिन, समुद्र सेतु के बन जाने बाद मंदिर तक पहुंचने की राह आसान हो जाएगी.
द्वारका में मोदी के इस काम को लेकर भी लोगों में एक संतुष्टि का भाव झलक रहा है. फिर भी बीजेपी को राहुल का मंदिर-मंदिर जाना रास नहीं आ रहा. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने राहुल गांधी की तुलना अलाउद्दीन खिलजी और औरंगजेब से करते हुए कहा कि अलाउद्दीन खिलजी और औरंगजेब ने मंदिरों का भ्रमण किया था. उन्हीं के पदचिन्हों पर राहुल गांधी चल रहे हैं. राव ने राहुल गांधी के मंदिर जाने को एक ड्रामा बता दिया. बीजेपी का राहुल पर हमला उस सोची समझी रणनीति के तहत है जिसमें वो कांग्रेस की नरम हिंदुत्व की रणनीति को खत्म करना चाह रही है.
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