दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने उच्च न्यायालय में दाखिल की याचिका को वापस लिया

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AAP withdraws plea challenging MLAs disqualification, to file fresh application in Delhi High Court
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AAP withdraws plea challenging MLA's disqualification, to file fresh application in Delhi High Court

लाभ का पद मामले में राष्ट्रपति को चुनाव आयोग की सिफारिश के खिलाफ आम आदमी पार्टी(आप) के 20 विधायकों की दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका को आज वापस ले लिया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 विधायकों को लाभ पद मामले में अयोग्य ठहराये जाने पर चुनाव आयोग की सिफाारिश को कल मंजूरी दे दी थी। चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल जाने के बाद इस याचिका का कोई अर्थ नहीं रह गया था। इसे देखते हुए विधायकों ने इस याचिका को वापस ले लिया। इस मामले में अब नयी याचिका दायर किए जाने की बात है।
उधर इस मामले में जो मूल याचिका न्यायालय में दायर की गई थी उस पर सुनवाई जारी रहेगी । इस पर अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
शुक्रवार को मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं की चुनाव आयोग ने 20 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने की सिफारिश की है। इसके बाद इस मामले से जुडे 6 विधायकों ने शनिवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर का आयोग की सिफारिश पर स्थगनादेश का आग्रह किया था.किंतु न्यायालय ने राहत देने से इंकार कर दिया था।
आज सुनवाई के दौरान आयोग के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि राष्ट्रपति को शुक्रवार को ही विधायकों को अयोग्य करने संबंधी सिफारिश भेजी गई थीं जो मंजूर हो चुकी है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद केन्द्र ने इस मामले में अधिसूचना भी जारी कर दी है। ऐसे में विधायकों के पास याचिका को वापस लेने ही विकल्प था।
आप विधायकों के वकील ने कहा कि राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल जाने के बाद इस याचिका को वापस लिया जा रहा है। राष्ट्रपति के आदेश का अध्ययन करने के बाद नयी याचिका दायर की जायेग।
पार्टी की तरफ से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शीर्ष न्यायालय का रुख किया जायेगा अथवा नहीं । पार्टी ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था । इसमें से एक विधायक जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफाा दे दिया था। सरकार ने नियुक्ति करने के बाद मामले के तूल पकड़ने पर पिछली तिथि से नियुक्तियों को वैध ठहराने के लिए विधेयक पारित किया था जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी देने की बजाय चुनाव आयोग को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा था। विधेयक पर उपराज्यपाल से स्वीकृति नहीं ली गई थी। आप की तरफ से यह कहा गया कि विधायकों को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है । मामले को वकील प्रशांत पटेल और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने चुनाव आयोग के समक्ष जोर शोर से रखा था।

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