आम आदमी पार्टी का पर्दाफाश, विपक्ष ने मांगा केजरीवाल का इस्तीफा

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Aam Aadmi Party Exposed, Opposition Demands Kejriwals Resignation
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Aam Aadmi Party Exposed, Opposition Demands Kejriwal's Resignation

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को पद के अयोग्य ठहराये जाने के मद्देनजर अाज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की।
कांग्रेस के प्रवक्ता एवं दिल्ली प्रदेश कांगेस अध्यक्ष अजय माकन ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि चुनाव आयोग द्वारा लाभ के पद के मामले में आप के इन विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के मद्देनजर राजनीति में शुचिता की बात करने वाले श्री केजरीवाल को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि श्री केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस 22 जनवरी से इन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में प्रदर्शन शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस बाबत अपनी सिफारिश फौरन राष्ट्रपति को भेजनी चाहिए तथा राष्ट्रपति को उसे जल्द स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस ने जून 2016 में आयोग के समक्ष लाभ के पद के इस मामले की याचिका दायर की थी जिस पर फैसला आने में पहले ही विलंब हो चुका है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि आप इस मामले काे लेकर अदालत जाएगी तो कांग्रेस भी उसमें कैविएट दायर करेगी।
भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने श्री केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की और उन्हें कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आयोग के फैसले से आप सरकार की कलई जनता के सामने खुल कर सामने आ गयी है। कुछ वर्षों पूर्व 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' के रूप में शुरू हुई यह पार्टी अब 'आई एम करप्शन' पार्टी बन गयी है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के आधे से अधिक मंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में फँस कर सरकार से बाहर हो गए, 12 विधायकों को विभिन्न अपराधों में पुलिस ने गिरफ्तार किया और आज 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में पंगु सरकार बनी हुई है और उसकी ख्याति सर्वाधिक भ्रष्ट सरकारों में से एक की बन गयी है। दिल्ली की जनता ने 67 सीटें जिता कर उसे सत्ता सौंपी थी लेकिन आप संख्या के बल पर अहंकार की पराकाष्ठा से आगे निकल गयी।
स्वराज इंडिया पार्टी की दिल्ली इकाई के अनुपम ने एक बयान में आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कानूनसम्मत और उम्मीदों के अनुरूप है। श्री अनुपम ने कहा राजनीतिक सचिव के रूप में विधायकों की नियुक्ति न सिर्फ संविधान का उल्लंघन है बल्कि यह श्री केजरीवाल की राजनीतिक अनैतिकता का गंभीर मामला भी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार के इन कारगुजारियों को बारीकी से देख रही है और अगले चुनाव में उन्हें सबक सिखायेगी।

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