भारतीय संस्कृति से दूरी पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा राज ने भारतीय परम्पराओं से बढ़ती दूरी को पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक बताया उनका कहाँ था कि भारतीय समाज तो स्वभाव से ही प्रकृति पूजक रहा है।
Dr Anil Verma | Updated on:15 Dec 2017 3:45 PM GMT
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा राज ने भारतीय परम्पराओं से बढ़ती दूरी को पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक बताया उनका कहाँ था कि भारतीय समाज तो स्वभाव से ही प्रकृति पूजक रहा है।
कैरियर प्लस एजुकेशन सोसाइटी, CCBOs, इन्स्टीट्यूट ऑफ इनवॉयरमेंट एंड जिओ-इन्फॉर्मेटिक्स (IEG) एवं गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के द्वारा नई दिल्ली के कन्स्टीट्यूशन क्लब में 14 और 15 दिसम्बर को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था "पर्यावरण संरक्षण: उपलब्धियां, चुनौतियां एवं संभावनाएं और गाँधीवादी विचारों की प्रासंगिकता"।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी मंचासीन अतिथियों ने सामूहिक तौर पर दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया। आचार्य शैलेश ने मंत्रोच्चार और शंखनाद कर गोष्ठी की औपचारिक शुरुआत की एवं इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी जी ने सभागार में उपस्थित अथितियों के साथ समूहिक रूप से ॐ का उच्चारण किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा राज ने भारतीय परम्पराओं से बढ़ती दूरी को पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक बताया उनका कहना था कि भारतीय समाज तो स्वभाव से ही प्रकृति पूजक रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजीभाई झाला ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वो अपने आस-पास स्वच्छता को बढ़ावा दे। सुलभ इंटरनेशनल के प्रणेता माननीय विन्देश्वर पाठक ने गांधी के आदर्शों का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक समाज का हर वर्ग की इस मुहिम भागीदारी नहीं होगी तब तक इस समस्या से निजात नहीं पाया जा सकता है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी जी, राष्ट्रीय अनुचुचित जाति आयोग की सदस्य स्वराज विद्वान, CCBOs के अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र गौड़ एवं पर्यावरणविद अरुण तिवारी के अलावा वहाँ उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे कि किस प्रकार हम सब मिलकर इस समस्या से छुटकारा पाने कि कोशिश कर सकते हैं। आयोजन की शोभा बढ़ाते हुये ओजस्वी कवि गजेन्द्र सोलंकी जी ने पर्यावरण पर अपनी ओजपूर्ण कविता के पाठ किया। आयोजन का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ कैरियर प्लस एजुकेशन सोसाइटी के निदेशक अनुज अग्रवाल ने किया।
आयोजन में आमंत्रित अनेक विभूतियों को पर्यावरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए अविस्मरणीय कार्यों के लिए "पर्यावरण रत्न सम्मान 2017" से सम्मानित कर उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। सम्मान पाने वाली हस्तियों में कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार रहे:- श्री आर के गुप्ता, सीएमडी, वाप्कोस, श्री बिंदेश्वरी पाठक,प्रेसीडेन्ट, सुलभ इंटरनेशनल, श्री दीपांकर ज्ञान श्री, निदेशक, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, डॉ. मनोज कुमार, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा, डॉ. सत्य प्रकाश मेहरा, राजपुताना सोसायटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, श्री राजेश गोयल, आई आई पी फाउंडेशन,