डीएमए: मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करना कठोर निर्णय

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डीएमए: मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करना कठोर निर्णय
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दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) ने जीवित नवजात शिशु को मृत बताये जाने के मामले में राजधानी के शालीमार बाग के मैक्स सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल का लाइसेंस रद्द किए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले को 'निरकुंश और तर्कहीन' करार देते हुए जरूरत पड़ने पर हड़ताल की चेतावनी दी है। डीएमए के अध्यक्ष डाक्टर विजय कुमार मल्होत्रा ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मामले में दिल्ली चिकित्सा परिषद (डीएमसी) की रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए था।

परिषद इस मामले में अपनी रिपोर्ट कुछ दिनों में सौंपने वाली है।
दिल्ली सरकार ने इस मामले की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर कल मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा की थी।
डीएमए का कहना है कि जब इस मामले से जुड़े डाक्टरों के खिलाफ जांच की जा रही है तो ऐसे में पूरे अस्पताल का लाइसेंस रद्द करना बहुत कड़ा निर्णय है। डॉ मल्होत्रा ने कहा कि जब डाक्टरों के खिलाफ मामला चल रहा है तो अन्य विभाग और पूरा अस्पताल पर कार्रवाई क्यों की गयी।
संघ ने जरूरत पड़ने पर हड़ताल की चेतावनी देते हुए कहा है कि वह सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करेगी।
मैक्स अस्पताल ने भी लाइसेंस रद्द किए जाने के सरकार के निर्णय को बहुत कठोर बताते हुए कहा है कि उसे अपना पक्ष करने का पूरा अवसर नहीं दिया गया।
श्री मल्होत्रा ने गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल के संबंध में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयान पर भी आपत्ति जाहिर की है।
श्री विज के बयान को शर्मनाक बताते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि डाक्टर जीवन रक्षक हैं न की हत्यारे।
श्री विज ने फोर्टिस अस्पताल में डेंगू पीड़ित सात वर्षीय बच्ची की मौत को हत्या बताया है। उन्होंने अस्पताल की जमीन का पट्टा भी रद्द करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में बालिका के इलाज के लिए अस्पताल ने भारी भरकम बिल भी वसूला है।
फोर्टिस और मैक्स अस्पताल की घटनाओं का उल्लेख करते हुए डॉ मल्होत्रा ने कहा कि वह किसी का बचाव नहीं कर रहे हैं।
हर पेशे में कुछ अनहोनी हो जाती है और इसके लिए पूरे पेशे को ही घेरे में ले आना उचित नहीं है। डाक्टर का पेशा इससे अलग नहीं है और डाक्टरों पर हत्या जैसे गंभीर आरोप लगाना उचित नहीं है। गलती पर कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन आरोप सिद्ध होने से पहले इस तरह की बातें ठीक नहीं हैं।

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