राहुल द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग का कड़ा रुख

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राहुल द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग का कड़ा रुख

चुनाव आयोग ने गुजरात में दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पूर्व कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी का साक्षात्कार प्रसारित करने वाले टेलीविजन चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी को यह निर्देश देने के साथ ही टेलीविजन चैनलों से इस तरह का प्रसारण तत्काल रोकने को कहा है।
आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी को कहा है कि वह ऐसे टेलीविजन चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके आवश्यक कार्रवाई करें, जिन्होंने साक्षात्कार प्रसारित करके जन प्रतिनिधित्व कानून (आरपीए), 1951 की धारा 126(एक)(बी) का उल्लंघन किया है।
दूसरी ओर राहुल गांधी पर भी इस साक्षात्कार को ले कर बड़े आरोप लगाए जा रहे है क्योंकि ये सीधे तौर चुनाव प्रक्रिया एवं चुनाव आयोग का अपमान है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात में दूसरे चरण के मतदान से पूर्व टीवी चैनलों पर प्रसारित उनके साक्षात्कार को प्रथम दृष्ट्या चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है।
आयोग ने राहुल गांधी से 18 दिसंबर शाम 5 बजे तक इस संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है। आयोग ने कहा है कि कुछ समाचार चैनलों ने उनका साक्षात्कार गुजरात में दूसरे चरण का मतदान पूरा होने से 48 घंटे की अवधि के भीतर प्रसारित किया है जबकि ऐसा करना जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के प्रावधानों के खिलाफ है। आयोग ने कहा कि इस अवधि के दौरान साक्षात्कार देना और प्रसारण करना आदर्श चुनाव आचार संहिता, जन प्रतिनिधित्व कानून तथा आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है।
आयोग ने राहुल गांधी से यह बताने को कहा कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?
आगे देखने वाली बात यह होगी कि इस चुनावी गहमगामी में राहुल एवं कांग्रेस की और से क्या सफाई दी जाती है।
एक सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी की ओर से इस प्रकार की प्रक्रिया छोटे स्तर की पार्टियों और जनता को आखिर क्या शिक्षा देगी? कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने इस बड़े पद के साथ अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखना चाहिए है।

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