आदिवासी की सूझबूझ से बची 2000 यात्रियों की जान
"स्वप्न देववर्मा" और "सोमती" ने ऐसे ही जंगल में भटकते हुए देखा कि बारिश के कारण जमीन धसकने और कीचड़ का सैलाब आने से रेल पटरियाँ अपनी जगह से हिल गई हैं। वहीं दूसरी ओर से ट्रेन आने वाली थी। इस अनपढ़ व्यक्ति ने आनन-फानन में अपनी शर्ट उतारी, इसकी बच्ची ने भी अपनी फ्राक उतारी और दोनों ने हाथों में लेकर लहराते हुए पटरियों पर ट्रेन की तरफ दौड़ लगा दी।


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"स्वप्न देववर्मा" और "सोमती" ने ऐसे ही जंगल में भटकते हुए देखा कि बारिश के कारण जमीन धसकने और कीचड़ का सैलाब आने से रेल पटरियाँ अपनी जगह से हिल गई हैं। वहीं दूसरी ओर से ट्रेन आने वाली थी। इस अनपढ़ व्यक्ति ने आनन-फानन में अपनी शर्ट उतारी, इसकी बच्ची ने भी अपनी फ्राक उतारी और दोनों ने हाथों में लेकर लहराते हुए पटरियों पर ट्रेन की तरफ दौड़ लगा दी।
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Tags: #त्रिपुरा#त्रिपुरा सरकार#त्रिपुरा रेलवे#सुदीप रॉय बर्मन#Tripura#Swapn Dev Verma#Somati#Tripura Government#Trupura Railway