ज़फरुल इस्लाम का अभिव्यक्ति की आजादी के साये में देशद्रोही कार्य ?
परसो कुवैत को जो उन्होंने पत्र लिखा... अगर वह देशद्रोह नहीं है तो देशद्रोह को अपराधों की श्रेणी से हटा लेना चाहिए !
परसो कुवैत को जो उन्होंने पत्र लिखा... अगर वह देशद्रोह नहीं है तो देशद्रोह को अपराधों की श्रेणी से हटा लेना चाहिए !
मौलाना शिबली ने आज़मगढ़ को जो शक्ल दी... उसी शक्ल की संताने पैदा होने लगीं...!! आज अलगाववाद, साम्यवाद... जेहादी उग्रवाद... अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, JNU.... से लेकर बाटला हाउस एनकाउंटर... के तार आज़मगढ़ से निकलते हैं... भारत मे हुए हर आतंकी हमले में आज़मगढ़ का नाम देर सवेर जुड़ ही जाता है !... आप विश्वास माने... आज़मगढ़ टेलेंट की भी नगरी है... परंतु टेलेंट का एक बड़ा हिस्सा भारत और सनातनविरोध में लग ही जाता है ! अबूसलेम... आज़मगढ़ के मुबारकपुर का ही नूरनज़र है... मदरसों की नगरी है.... आज़मगढ़ ! राहुल सांकृत्यायन, अबु आज़मी, कैफ़ी और शबाना आज़मी आज़मगढ़ के ही चश्मोचिराग हैं...
नया नाम, जो आज़मगढ़ का है, वह है ज़फरुल इस्लाम ! बड़ा छांट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ज़फरुल इस्लाम को दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया था... जुलाई में वह शायद रिटायर भी हो जाएं ! मगर जो वह इस्लाम को दे सकते थे... दे चुके हैं !...
ज़फरुलइस्लाम की बेसिक एजुकेशन मदरसा ए इस्लाह में हुई थी यानी ज़फर... मदरसा प्रोडक्ट हैं ! ज़फरुल इस्लाम ने जो पढ़ा लिखा... किया... दिया... लिया... वह इस्लाम के लिए किया ! स्नातक, परास्नातक, डॉक्टरेट... AMU में हेड ऑफ डिपार्टमेंट वह भी इस्लामिक स्टडी में ! डॉक्टरेट भी इंग्लैंड से की... मगर वह भी इस्लामिक स्टडी में ! जिस अखबार के एडिटर बने... नाम है 'मिल्ली गजट'... सिर्फ और सिर्फ इस्लाम - हितों को समर्पित उर्दू अखबार है... फिलिस्तीन से लेकर कश्मीर, केरल और बंगाल के मुसलमानों की लड़ाई लड़ता है, मिल्ली गजट !... वह शाहीनबाग के बड़े समर्थकों में थे... शायद इसके पीछे ज़फरुल इस्लाम का आशीर्वाद भी हो !...
पिछले 6 महीनों से वह दिल्ली में रहकर भारत के मुस्लिमों के लिए खुली लड़ाई लड़ रहे थे !... दिल्ली दंगों पर वह केंद्र सरकार पर खुल कर हमलावर बने ! हद तो तब हो गई कि कोरोना को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर यह कहकर चढ़ाई कर दी कि नन्दनगरी कैम्प में खास समुदाय को भूखा रखा जा रहा है... खास लोगों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है !
परसो कुवैत को जो उन्होंने पत्र लिखा... अगर वह देशद्रोह नहीं है तो देशद्रोह को अपराधों की श्रेणी से हटा लेना चाहिए !.. उन्होंने भारत को धमकी दी कि इस्लामिक अरब वर्ल्ड अगर भारत पर अटैक कर देगा तो भारत मे भूकम्प - तूफान आ जाएगा ! बहरहाल फेसबुक दुनिया और मीडिया में एक वक़्ती तूफान सा आ गया है !.. लेकिन मुझे मालूम है कि यह तूफान... 'प्याले का तूफान' ही साबित होगा... ज़फरुल इस्लाम का एक बाल तक उखाड़ने की कुब्बत नहीं है, हमारे नेतृत्व में....!
मगर खास बात जान लीजिए... ज़फरुल इस्लाम के पिता का नाम है... मौलाना वहीदुद्दीन खान ! वह भी उसी मदरसा ए इस्लाही के प्रोडक्ट हैं ! 95 साल उम्र हो गई... मगर सऊदी अरब में बैठकर अभी भी भारत के मुसलमानों के लिए बैटिंग कर रहे हैं... पहले वह सेक्यूलर मौलाना माने जाते थे.... ज्यों ज्यों भारत मे कट्टर मौलानाओं से सरकारें निगोशिएट करने लगीं... ज़फरुल इस्लाम के अब्बा कट्टर होते गये... उन्होंने भी मौलाना अबुल कलाम और मौलाना मोहम्मद अली जौहर के तरह अहद लिया कि उनकी पुण्यभूमि भारत नहीं... सऊदी अरब होगी !
वैसे मौलाना वहीद्दुदीन खान... भाजपा और कांग्रेस सरकारों के आंखों के तारे रहें हैं! ज़फरुल इस्लाम के पिता.. वहीद्दुदीन खान को भारत सरकार ने पद्मभूषण प्रदान किया था... आरएसएस के मुख्यपत्र 'ऑर्गनाइजर' और 'पांचजन्य' में मौलाना वहीद्दुदीन खान बरसों लिखते रहे हैं!
चाहें... तो केजरीवाल और दिल्ली के LG... मिनटों में ज़फरुल इस्लाम को पद से हटा सकते हैं... मगर जब मौलाना शाद आज तक आज़ाद घूम सकता है तो ज़फरुल इस्लाम को कौन हाथ लगा सकता है ? . ज़फरुल इस्लाम... उन्ही सीढ़ियों पर चढ़ रहे हैं... जिस पर... चढ़कर उपराष्ट्रपति पद तक आराम से पहुंचा जाता है....
जफरुल इस्लाम के विचार कितने देश हित में हैं ये उनके Facebook Page या Twitter पर जाकर देखा जा सकता है। उनके विचारों के कुछ उदाहरण आगे पढ़ सकते हैं :