हेमंत करकरे शहीद नहीं थे.. वह एक डबल क्रॉस एजेंट थे और 26/11 का प्रमुख मास्टरमाइंड दिग्विजय सिंह है ?

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मुंबई हमले में कांग्रेस की मिलीभगत हो सकती है... क्योंकि हेमंत करकरे से दिग्विजय सिंह आखिर किस हैसियत से बात करते थे ?

आजकल टाइम्स नाऊ चैनेल समझौता ब्लास्ट केस और कांग्रेस द्वारा हिन्दू आतंकवाद शब्द के प्रयोग पर रोज नये नये विस्फोटक खुलासे कर रहा है... ये खुलासे बकायदा सुबूतो के साथ हो रहे हैं और इतने खतरनाक हैं कि मै दंग रह गया कि क्या सत्ता और मात्र मुसलमानों के वोट के लिए कोई पार्टी इतनी गिर सकती है कि देश के संस्कृति और हिंदुत्व को ही बदनाम करे ??

आज चैनेल पर दो पाकिस्तानी आतंकियों का नार्को टेस्ट भी दिखाया गया जिसे कांग्रेस सरकार ने ही किया था.. जिसमें वो खुलकर तफ्शील से एक-एक बात बता रहे हैं... इतना ही नही होश में आने के बाद भी उन्होंने सब कुछ बताया.. लेकिन उन्हें मात्र 14 दिनों में चुपचाप पाकिस्तान भेज दिया गया... और कोर्ट में ये बताया गया कि वो निर्दोष थे उनके खिलाफ कोई सुबूत नही मिले इसलिये छोड़ा गया...

रॉ के एक पूर्व उपनिदेशक ब्रिगेडियर [से.नि.] एस॰एन॰ सिंह ने चैनेल पर कहा कि मैंने अपने स्तर से कर्नल पुरोहित मामले की पूरी जाँच की थी.. उसके खिलाफ कही से एक भी सुबूत नही था...

असल में कांग्रेस ने पिछले कई सालो में हजारों मुस्लिम युवकों को आतंकी बताकर पकड़ा लेकिन उनके खिलाफ कोई सुबूत पेश नही किये जिससे वो सब कुछ साल जेल में रहने के बाद रिहा होते चले गये... इतना ही नही मुस्लिम रिहाई मंच नामक संगठन भी बना जो पुरे भारत में पकड़े गये मुस्लिम युवकों की रिहाई के लिए काम करने लगा और मुस्लिम एरिया में जाकर कांग्रेस के खिलाफ काफी प्रचार करने लगा... इससे कांग्रेस से मुस्लिम दूर होने लगे... फिर कांग्रेस को लगा की मुस्लिमों को खुश करने के लिए अब देश में हिन्दू आतंकवाद भी पेश किया जाये... उसके बाद अचानक देश में एक के बाद एक लो इंटेंसिटी के धमाके होने लगे... कांग्रेस ने जानबूझकर ये सारे धमाके मुस्लिम बहुल इलाके में करवाए ताकि हिन्दओं को आतंकी बताकर मुस्लिमों को खुश किया जा सके... इसके लिए कांग्रेस ने मालेगाँव, मक्का मस्जिद, मोडासा को चुना... मालेगांव में दो बार धमाके किये...

उन्होंने ये भी कहा की यदि अजमल कसाब को जिन्दा नही पकड़ा गया होता तो कांग्रेस मुंबई के 26/11 हमले को भी हिन्दू आतंकवाद कहती... उन्होंने कहा की मुंबई हमले में कांग्रेस की मिलीभगत हो सकती है... क्योंकि हेमंत करकरे से दिग्विजय सिंह आखिर किस हैसियत से बात करते थे ? और हेमंत करकरे किस हैसियत से दिग्विजय सिंह से आदेश लेते थे ? और मुंबई हमले में हेमंत करकरे को कही दिग्विजय सिंह के इशारे पर तो नही मारा गया ? सभी आतंकियों को हिन्दू दिखने के लिए रक्षा सूत्र, रोली चन्दन का टिका लगाया गया था... लेकिन कसाब के जिन्दा पकड़े जाने पर कांग्रेस का प्लान धरा का धरा रह गया... और हेमंत करकरे का हाल वही हुआ जो फिल्मो में किसी डबलक्रास एजेंट का होता है ... मुंबई हमले में आतंकियों ने हिन्दू धर्म के तमाम प्रतिक चिन्हों को पहना हुआ था... माथे पर रोली का टिका... हाथों में कलावा...

हेमंत करकरे इतने कांफिडेंट होकर निकले थे की उन्होंने अपनी सुरक्षा का कोई ध्यान नही रखा था... शायद उन्हें विश्वास था की आतंकी उन्हें नही मारेंगे...

कांग्रेस ने इसमें कई गलती की किये... जैसे उसने कोर्ट में कहा की कर्नल पुरोहित ने सेना में से आरडीएक्स चुराया... लेकिन सेना ने कहा की सेना आरडीएक्स का इस्तेमाल करती ही नही... कांग्रेस का प्लान तब धरा रह गया तब अमर शहीद तुकाराम ओम्ब्ले ने अपनी जान देकर भी अजमल कसाब को जिन्दा पकड़ लिया...

टाइम्स नाऊ चैनेल पर चिदम्बरम का वो पत्र भी दिखाया गया जिसमे उन्होंने आदेश दिया था की मालेगांव ब्लास्ट और मोडासा ब्लास्ट की जांच सिर्फ हिंदुत्व टेरर के एंगल से ही करनी है...

आने वाले वक्त में और भी विस्फोटक खुलासे होंगे...

फिर भी कुछ हिन्दू जिनकी माँ असलम पंचरवाला से गर्भवती हुई है वो कांग्रेस को ही वोट देते रहेंगे... उनके लिए कांग्रेस की ये गंदी हकीकत और हिंदुत्व पर कांग्रेस का ये चोट कोई मायने नही रखेगा

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