WAPCOS ने किये 50 वर्ष पूरे
इस अवसर पर श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि वह वैपकॉस के विकसित होकर सही अर्थों में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तब्दील होने और उसके द्वारा विश्व भर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से अत्यंत प्रसन्न हैं। उन्होंने विश्व भर में कई जगहों पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कुछ अत्यंत चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं जैसे कि अफगान-भारत मैत्री (सलमा) बांध परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए इस कंपनी की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जताई की वैपकॉस जल्द ही ‘मिनी रत्न’ कंपनी से बेहतर दर्जा प्राप्त कर ‘नवरत्न’ कंपनी बन जाएगी।
इस अवसर पर श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि वह वैपकॉस के विकसित होकर सही अर्थों में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तब्दील होने और उसके द्वारा विश्व भर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से अत्यंत प्रसन्न हैं। उन्होंने विश्व भर में कई जगहों पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कुछ अत्यंत चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं जैसे कि अफगान-भारत मैत्री (सलमा) बांध परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए इस कंपनी की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जताई की वैपकॉस जल्द ही ‘मिनी रत्न’ कंपनी से बेहतर दर्जा प्राप्त कर ‘नवरत्न’ कंपनी बन जाएगी।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ एक मिनी रत्न–I सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम WAPCOS लिमिटेड ने आज नई दिल्ली में अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भारत के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 46 अन्य विकासशील देशों में जल संसाधन, विद्युत एवं सिंचाई के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए इस कंपनी की सराहना की। मंत्री महोदय ने कहा कि वैपकॉस ने यह भलीभांति दर्शाया है कि किस तरह से अच्छी प्रौद्योगिकी और उचित/कम लागत के संयोजन से अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज विकासशील विश्व को अभी कई और ऐसी प्रौद्योगिकियों की जरूरत है जो प्रभावशाली, लेकिन किफायती हों। इस तरह की आर्थिक दृष्टि से किफायती प्रौद्योगिकी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हम अब समुद्री जल का खारापन दूर करने के लिए सौर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने ईमानदारी, विश्वसनीयता और पारदर्शिता के साथ अपना कामकाज जारी रखने के लिए वैपकॉस को प्रेरित किया, ताकि उसके ग्राहकों के बीच सद्भाव एवं विश्वास पैदा हो सके। बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में और गहराई के साथ प्रवेश करने के लिए वैपकॉस से अनुरोध करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि उन्हें त्वरित जन परिवहन प्रणाली की दिशा में कार्य करना चाहिए, जो समय की मांग है।
वैपकॉस ने वर्ष 2017-18 के दौरान 1110 करोड़ रुपये की अब तक की सर्वाधिक सकल आय अर्जित की है। आज आयोजित कार्यक्रम में श्री गडकरी को वैपकॉस के सीएमडी श्री आर. के. गुप्ता द्वारा 50 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश चेक (लाभांश कर सहित) सौंपा गया, जो वैपकॉस के गठन के बाद से लेकर अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। 35 करोड़ रुपये के बोनस शेयर जारी करने के साथ ही पिछले आठ वर्षों के दौरान इस कंपनी की चुकता पूंजी 50 गुना बढ़ गई है (2 करोड़ रुपये से बढ़कर 100 करोड़ रुपये)। कंपनी की लाभप्रदता या मुनाफा वर्ष 2013-14 के 102.52 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 180 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, जो 75 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि को दर्शाता है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. सत्यपाल सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कई देशों जैसे कि अफगानिस्तान, रवांडा, तंजानिया, सेनेगल, अंगोला, नेपाल, भूटान, कम्बोडिया, मोजाम्बिक, कांगो, बुरुंडी, लाइबेरिया, जिम्बाम्वे, लाओस, मलावी और मंगोलिया के राजदूत, उच्चायुक्त, मंत्रीगण और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि वह वैपकॉस के विकसित होकर सही अर्थों में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तब्दील होने और उसके द्वारा विश्व भर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने से अत्यंत प्रसन्न हैं। उन्होंने विश्व भर में कई जगहों पर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कुछ अत्यंत चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं जैसे कि अफगान-भारत मैत्री (सलमा) बांध परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए इस कंपनी की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जताई की वैपकॉस जल्द ही 'मिनी रत्न' कंपनी से बेहतर दर्जा प्राप्त कर 'नवरत्न' कंपनी बन जाएगी।
डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि वैपकॉस ने अपने विविध उल्लेखनीय कार्यों के जरिए विश्व भर में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाया है। इसके साथ ही वैपकॉस ने सीमाओं के मायने बदल दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हर दिन बदल रही है और वैपकॉस को इन प्रौद्योगिकियों के अनुसार स्वयं को ढालने की चुनौती का सामना करना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित अनेक विदेशी गणमान्य व्यक्तियों ने श्री गडकरी को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए और वैपकॉस के जरिए अपने-अपने देशों के विकास में साझेदार बनने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया। अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों ने सभी मंत्रियों को अपने देश की पारंपरिक पोशाक भेंट की।
पिछले 50 वर्षों में इस कंपनी की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए वैपकॉस के सीएमडी श्री आर. के. गुप्ता ने कहा कि वैपकॉस का गठन भारत सरकार द्वारा वर्ष 1969 में एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के रूप में किया गया था। यह जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अधीनस्थ एक प्रौद्योगिकी-वाणिज्यिक संगठन है। वैपकॉस ने सिंचाई, जल संसाधन और कृषि क्षेत्रों में 550 से भी अधिक परियोजनाओं के लिए सर्वेक्षण किया है और परीक्षण/संभाव्यता-पूर्व/विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की हैं। कंपनी ने 15 मिलियन हेक्टेयर से भी अधिक सिंचाई क्षमता के विकास, बंदरगाहों एवं अंतर्देशीय नौवाहन में 200 से भी अधिक परियोजनाओं, जलापूर्ति एवं स्वच्छता, ग्रामीण एवं शहरी विकास, सड़कों एवं राजमार्गों की इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 500 से भी अधिक परियोजनाओं के साथ-साथ भारत और कई देशों में सिंचाई, पनबिजली/ताप विद्युत, बंदरगाहों हार्बर में 250 से भी अधिक परियोजनाओं के लिए ईआईए (पर्यावरणीय प्रभाव आकलन) रिपोर्ट तैयार करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री नितिन गडकरी ने चार कॉफी पुस्तिकाओं (टेबल बुक) का विमोचन किया। ये पुस्तिकाएं विद्युत, जल और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में वैपकॉस की उपलब्धियों के बारे में हैं। वैपकॉस के अनेक पूर्व सीएमडी श्री अर्जुन सिंह कपूर, सुश्री राधा सिंह, श्री एन. पार्थसारथी, श्री पी. एल. दीवान और श्री डी. दत्ता को केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा सम्मानित किया गया।