उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही: हरिद्वार, ऋषिकेश भी हाई अलर्ट पर
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अभी तक 28 लोगों के शव मिले हैं और अनुमान के मुताबिक 170 अब भी लापता हैं
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अभी तक 28 लोगों के शव मिले हैं और अनुमान के मुताबिक 170 अब भी लापता हैं
रविवार 7 फरवरी की सुबह उत्तराखंड के चमोली, जोशीमठ क्षेत्र की धौली गंगा घाटी में एक ग्लेशियर फटने के बाद एक बड़ी त्रासदी हुई।
ग्लेशियर फटने के कारण अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में बड़े पैमाने पर बाढ़ आई। उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अभी तक 28 लोगों के शव मिले हैं और अनुमान के मुताबिक 170 अब भी लापता हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ के कारण पाँच पुल क्षतिग्रस्त हो गए एवं कई गाँव खाली हो गए, बाढ़ के जल प्रवाह में अनेक घर और पास के NTPC पॉवर प्लांट बह गए साथ ही ऋषिगंगा के पास एक छोटी पनबिजली परियोजना बह गई। बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया टीमों को तैनात किया गया है, सेना ने छह कॉलम और नौसेना की सात डाइविंग टीमों को भेजा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने श्री रावत से बात की, और कहा: "दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं ... भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है।" गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया; उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone's safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
चमोली जिले के रैणी में रविवार सुबह ग्लेशियर फटने से आई आपदा में ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह बर्बाद हो गया है। एनटीपीसी संयंत्र में 148 और ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में लगभग 50 लोग अभी भी लापता हैं। एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 12 लोगों को आईटीबीपी की टीम ने बचाया है। कथित तौर पर लगभग 2.5 किमी लंबी एक दूसरी सुरंग में लगभग तीस अन्य लोग फंसे हुए हैं, और बचाव दलों ने उन्हें बचाने के लिए रात भर काम किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मारे गए लोगों के परिवार के लिए 4 लाख रूपये के मुआवजे की भी घोषणा की इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी 2 लाख रूपये मृतक के परिवार को दिए जाएंगे । गंभीर चोटों वाले लोगों के लिए ₹ 50,000 राहत राशि देने की घोषणा की।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने अभी-अभी फ़ोन कर तपोवन आपदा के बारे में जानकारी ली।प्रधानमंत्री जी ने सभी ज़रूरी मदद का आश्वासन दिया एवं राहत कार्यों में कोई भी कसर ना छोड़ने की हिदायत दी। प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड के प्रति स्नेह ही है कि आज यह उनका चौथा कॉल था।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
मेडिकल टीमों को प्रभावित स्थलों पर ले जाया गया है। एक 30-बेड का अस्पताल को जोशीमठ में तैयार किया गया एवं श्रीनगर, ऋषिकेश, जॉलीग्रांट और देहरादून के सभी अस्पतालों को भी एमरजेंसी मोड पर रहने को कहा गया है।
आपदा की सूचना मिलते ही पहले NDRF की पांच टीमें भेजी गईं थीं। रविवार शाम तक गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स बेस से पांच टन राहत उपकरण के साथ तीन और टीमों को भेजा गया। टीमों को हवाई मार्ग द्वारा देहरादून से सीधे जोशीमठ पर उतारा जा गया। इसके अलावा आईटीबीपी की दो टीमें और एसडीआरएफ की भी कई टीमें भेजी गई हैं। सेना ने अपनी तरफ सड़े छह सैनिक दस्ते भेजे हैं, जिनमें से प्रत्येक में 100 सैनिक हैं, साथ ही साथ चिकित्सा दल और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स के अलावा सात नेवी डाइविंग टीमों को भी तैनात किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मि॰ एके अवस्थी के अनुसार सीएम ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। राज्य सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक टोल फ्री नं॰ 1070 और व्हाट्सएप नं॰ 9454441036 स्थापित किया गया है। इसके साथ ही सीएम श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में राज्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का भी आदेश दिया।
Uttarakhand: CM Trivendra Singh Rawat holds meeting with ITBP, NDRF, SDRF, Uttarakhand Police & other agencies in Joshimath on rescue efforts in Tapovan.
— ANI (@ANI) February 8, 2021
He says, "All four forces are working in coordination. Rescue operation is underway." pic.twitter.com/PpnedympDt
ज्ञात हो इसी प्रकार की आपदा उत्तराखंड के केदारनाथ में जून 2013 में आई थी जब बड़े पैमाने पर बादल फटने के बाद भारी बाढ़ और भूस्खलन हुआ था। 2004 की सुनामी के बाद से देश की सबसे खराब प्राकृतिक आपदाओं में 5,700 से अधिक लोग मारे गए थे। समुद्र तल से 3,581 मीटर ऊपर स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के कुछ हिस्सों को भी को भी इस बाढ़ ने भरी नुकसान पहुंचाया था।
Brave #Himveers of ITBP rescuing trapped persons from the tunnel near Tapovan, #Dhauliganga, #Uttarakhand this evening after 4 hrs of efforts. Total 12 persons were rescued from the tunnel out of which 3 were found unconscious. After first aid, carried on stretchers to road head. pic.twitter.com/iHsrFXjhDd
— ITBP (@ITBP_official) February 7, 2021
#WATCH | Uttarakhand: ITBP personnel provide support to the villages that have been cut off due to the flash floods in Chamoli. Five sorties carrying relief material have been sent.
— ANI (@ANI) February 8, 2021
Visuals from Lata Helipad. pic.twitter.com/0GI4YjQKhs