केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण हुई
इस प्रक्रिया को ऐतिहासिक करार देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एनडीए सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लाया गया यह विशाल और दूरदर्शितापूर्ण सुधार है तथा आने वाले वर्षों में यह मील का पत्थर साबित होगा।
इस प्रक्रिया को ऐतिहासिक करार देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एनडीए सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लाया गया यह विशाल और दूरदर्शितापूर्ण सुधार है तथा आने वाले वर्षों में यह मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के अंशकालिक सदस्यों का पर्ची डाल कर चुनाव करने संबंधी प्रक्रिया की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और मीडियाकर्मी भी मौजूद थे।
इस प्रक्रिया को ऐतिहासिक करार देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एनडीए सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लाया गया यह विशाल और दूरदर्शितापूर्ण सुधार है तथा आने वाले वर्षों में यह मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि वायदे के अनुसार इसके सदस्यों के चयन की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा, "एनएमसी के सदस्यों का चयन करने के लिए हमारे पास 9 महीने का समय था और मात्र 2 महीने की अल्पावधि में ही हमने नियमों का निर्धारण किया, उन्हें अधिसूचित किया और एनएमसी के अंशकालिक सदस्यों के चयन की प्रक्रिया का संचालन भी आज कर लिया गया। शीर्ष क्रम की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए इस सुगठित संस्था का चयन पारदर्शी तरीके से और नियमित रोटेशन के साथ राज्यों तथा राज्य परिषदों के प्रतिनिधित्व के जरिये किया जाता है। इससे त्वरित निर्णय लेने में भी सहायता मिलेगी।"
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि संतुलित नीतिगत निर्देशों के लिए अलग-अलग पृष्ठभूमि के सदस्यों को शामिल किया जाना सुनिश्चित किया गया।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 को 8 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति से मंजूरी मिली थी और उसी दिन इसे आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत चिकित्सा सलाहकार परिषद के गठन के लिए राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों और राज्य चिकित्सा परिषदों (एसएमसी) से नामांकन मांगे थे।
इस अधिनियम के तहत 13 सितंबर, 2019 और 16 सितंबर, 2019 को निम्नलिखित नियम राजपत्र में प्रकाशित किये गए हैं : -
1. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (सदस्यों की नियुक्ति और नामांकन का तरीका, उनके वेतन, भत्ते और सेवा के नियम एवं शर्तें, तथा परिसंपत्ति, व्यावसायिक और वाणिज्यिक संबद्धताओं की घोषणा) नियम, 2019।
2. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, स्वायत्त बोर्डों, (चौथे सदस्य की नियुक्ति का तरीका और वेतन, भत्ते और सेवा के नियम एवं शर्तें, और अध्यक्ष एवं सदस्यों की परिसंपत्ति और व्यावसायिक और वाणिज्यिक संबद्धताओं की घोषणा) नियम, 2019।
3. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (चिकित्सा पेशेवरों की सूची प्रस्तुत करना) नियम, 2019।
4. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, चिकित्सा सलाहकार परिषद (रेजीडेंस सदस्यों की योग्यता एवं अनुभव) नियम, 2019।
5. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (लेखाओं का वार्षिक विवरण, वार्षिक रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट और विवरण प्रस्तुत करना) नियम, 2019।
राज्यों/संघ शासित प्रदेशों और एसएमसी से नामांकन प्राप्त करने के बाद, 10 और 11 अक्टूबर, 2019 की अधिसूचना के साथ चिकित्सा सलाहकार परिषद का गठन किया गया, जिसमें सभी 36 राज्यों/संघशासित प्रदेशों और 29 राज्य चिकित्सा परिषदों (मेघालय में एसएमसी नहीं है और दिल्ली के अलावा किसी भी संघशासित प्रदेश के पास एसएमसी नहीं है।)
National Medical Commission के सदस्यों का चयन आज ड्रॉ के जरिए @MoHFW_INDIA में मीडिया के सामने संपन्न हुआ। चयन में पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए ड्रॉ की पर्ची भी पत्रकारों ने निकाली। #NMC चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। @PMOIndia @NITIAayog @BJP4India pic.twitter.com/WaD7ext4D0
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 14, 2019
#NMC बिल को राष्ट्रपति जी की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद देश में मेडिकल शिक्षा में सुधार को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 14, 2019
प्रावधान के तहत ये काम 9 महीने में पूरा करना है, लेकिन हमारी कोशिश है कि ये काम 6 माह के अंदर ही पूरा हो जाए।@MoHFW_INDIA @PMOIndia @NITIAayog pic.twitter.com/W1NyuyUFyH