तीन तलाक विधेयक: राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्ष अटका रहा रोड़े
केंद्र सरकार कि सबसे बड़ी चिंता ये है कि संसद के शीतकालीन सत्र को समाप्त होने में सिर्फ एक दिन बचा है अब वो इस एक दिन में कैसे इस बिल को पास करा पाएगी वो देखने वाली बात है क्योंकि राज्यसभा के 245 सदस्यों में भाजपा और उसके समर्थन वाली पार्टियों के कुल 88 सदस्य हैं जबकि बहुमत के लिए 126 सदस्य जरूरी है अब वो बाकी के 35 सदस्य कहाँ से लाएगी क्योंकि 35 आज की स्थिति को देखते हुये 35 अन्य सदस्यों का बहुमत प्राप्त करना उसके लिए कठिन साबित होगा।
Dr Anil Verma | Updated on:4 Jan 2018 6:15 PM IST
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केंद्र सरकार कि सबसे बड़ी चिंता ये है कि संसद के शीतकालीन सत्र को समाप्त होने में सिर्फ एक दिन बचा है अब वो इस एक दिन में कैसे इस बिल को पास करा पाएगी वो देखने वाली बात है क्योंकि राज्यसभा के 245 सदस्यों में भाजपा और उसके समर्थन वाली पार्टियों के कुल 88 सदस्य हैं जबकि बहुमत के लिए 126 सदस्य जरूरी है अब वो बाकी के 35 सदस्य कहाँ से लाएगी क्योंकि 35 आज की स्थिति को देखते हुये 35 अन्य सदस्यों का बहुमत प्राप्त करना उसके लिए कठिन साबित होगा।
नयी दिल्ली (एजेंसी) केंद्र सरकार की जी तोड़ कोशिश के बाद आज भी राज्य सभा में तीन तलाक विधेयक पर कोई सहमति नहीं बन पाई और कांग्रेस के नेत्रत्व में विपक्ष बिल को 'सलेक्ट कमेटी' को भेजने की अपनी मांग पर अड़ा रहा। इस मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा इतना अधिक बढ़ गया कि कई बार राज्य सभा की कार्यवाही रोकनी पड़ी। सरकार कि तरफ से शाम 4:30 के बाद का समय बिल पर बहस के लिए सुनिश्चित किया था लेकिन विपक्ष से हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भोजनावकाश के बाद 'देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर' अल्पकालिक चर्चा संपन्न होने के तुरंत बाद सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा जिसके समर्थन में समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल और तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदू शेखर राय एवं अन्य विपक्षी दलों ने इस पर मत विभाजन की मांग की।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन में गतिरोध बन गया है और इसका समाधान यह है कि विपक्ष के सुझाव को सरकार मान ले तथा तीन तलाक के मामले में जेल जाने वाले व्यक्ति की पत्नी और उसके बच्चों के गुजारे के लिए सरकार व्यवस्था करे तो विपक्ष मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 का समर्थन करने के लिए तैयार है। विपक्ष की सामान्य सी मांग है कि इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस विधेयक के समर्थन में हैं और तीन तलाक प्रथा के पूरी तरह से खिलाफ है लेकिन मुस्लिम महिलाओं के हितों का संरक्षण होना चाहिए।
इस पर सदन के नेता अरुण जेटली ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव को सदन में रखे जाने में नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। इसलिए ये प्रस्ताव वैध नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने प्रस्ताव में समिति में शामिल होने वाले जिन सदस्यों के नाम घोषित किए गए और इनमें सत्ता पक्ष का एक भी सदस्य नहीं है। इस तरह की समिति का गठन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। मि॰ जेटली ने कहा कि जो लोग विधेयक में पहले से ही रोड़े अटका रहे हैं उन्हें समिति में शामिल नहीं किया जा सकता।
It is very disappointing to see the way #Congress Party opposed the discussion on #TripleTalaqBill in Rajya Sabha. This Bill is for the empowerment of women. pic.twitter.com/3zypHT1QVF
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 3, 2018
केंद्र सरकार कि सबसे बड़ी चिंता ये है कि संसद के शीतकालीन सत्र को समाप्त होने में सिर्फ एक दिन बचा है अब वो इस एक दिन में कैसे इस बिल को पास करा पाएगी वो देखने वाली बात है क्योंकि राज्यसभा के 245 सदस्यों में भाजपा और उसके समर्थन वाली पार्टियों के कुल 88 सदस्य हैं जबकि बहुमत के लिए 126 सदस्य जरूरी है अब वो बाकी के 35 सदस्य कहाँ से लाएगी क्योंकि 35 आज की स्थिति को देखते हुये 35 अन्य सदस्यों का बहुमत प्राप्त करना उसके लिए कठिन साबित होगा।