ममता की विफलता का परिचय: बंगाल बम हमले में तीन और लोगों की मौत

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¦शनिवार सुबह बांग्लादेश की सीमा से सटे मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल इलाके में अपराधियों ने बम व गोली से तीन लोगों की हत्या कर दी जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी है। ममता सरकार की ओर से दावा किया गया है कि मारे गये तीन लोग टीएमसी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। मृतकों का नाम सोहेल राणा खैरूद्दीन मंडल और रहिदूल शेख है। टीएमसी ने इन तीनों हत्याओं का आरोप कांग्रेस पर लगाया है। इतना ही नहीं टीएमसी ने तो यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल के पंचायत अध्यक्ष अल्ताव शेख की हत्या भी की गई।

टीएमसी कार्यकर्ता खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा के घर पर हमलावरों ने बम से हमला किया। इस हमले में दोनों की मौत हो गई। खैरुद्दीन के बेटे मिलान शेख ने बताया कि हम लोग सो रहे थे कि अचानक घर में विस्फोट हुआ। उन्होंने मेरे पिता को मार दिया। मिलान ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले ही मेरे चाचा को भी मार दिया गया था। इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है।

इस घटना को लेकर इलाके में व्यापक तनाव व्याप्त है। भारी संख्या में पुलिस वल मौके पर तैनात किया गया है। बताते चलें कि हर चुनाव में डोमकल में राजनीतिक हिंसा व हत्या होती रही है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान एक जो हत्या हुई थी वह इसी इलाके में हुई थी।

लोकसभा चुनाव प्रचार से ले कर अब तक पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जारी है। और अब लोकसभा चुनाव के नतीजों के आने के बाद भी हिंसा जारी रहना निस्संदेह ही राज्य में ममता सरकार कि विफलता दर्शाता है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय की ओर से कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल सरकार को दिए परामर्श उनसे कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाए रखने को कहा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब भी किया गया है। परामर्श में कहा गया था कि पिछले कुछ सप्ताहों में जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट की।

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