अगले 2 दिन Facebook और Twitter जैसी सोशल मीडिया कंपनियां भारत में काम बंद कर देंगी?
मंत्रालय के द्वारा संबन्धित कंपनियों को नए नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया था, जिसकी समय सीमा 25 मई यानी मंगलवार को समाप्त हो रही है
मंत्रालय के द्वारा संबन्धित कंपनियों को नए नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया था, जिसकी समय सीमा 25 मई यानी मंगलवार को समाप्त हो रही है
केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित सोशल मीडिया दिशा-निर्देशों को जारी हुए लगभग तीन महीने समाप्त हो चुके हैं। लेकिन अभी तक की जानकारी के अनुसार इन कंपनियों ने नए नियमों को पालन करने की दिशा में कोई पहल नहीं की है। अब केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को अधिसूचित नए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक और ट्विटर सहित सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों को चेतावनी जारी की है।
सूत्रों ने अनुसार 'इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय' ने इसी साल 25 फरवरी को सभी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और "डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स" के नए नियमों को अधिसूचित किया था। मंत्रालय के द्वारा संबन्धित कंपनियों को नए नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया था, जिसकी समय सीमा 25 मई यानी मंगलवार को समाप्त हो रही है।
केंद्र द्वारा ने डिजिटल एवं सोशल मीडिया कंपनियों के लीडरों/मालिकों को चेतावनी दी थी, कि अगर वे सरकार द्वारा निर्धारित नए नियमों का अनुपालन समय सीमा में आरंभ नहीं करते हैं तो यहाँ वो अपनी स्थिति खो सकते हैं। इतना ही नहीं, मौजूदा नियमों के का पालन ना करने पर ये कंपनियाँ अपने विरुद्ध भारतीय कानून के अनुसार आपराधिक कार्रवाई के लिए भी उत्तरदायी हो सकती हैं।
Koo के अतिरिक्त अभी तक प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों ने अनुपालन नहीं किया है?
मंत्रालय द्वारा 25 फरवरी को जारी किए गए अनुपालन आदेश के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यहाँ एक 'मुख्य शिकायत अधिकारी, एक नोडल संपर्क व्यक्ति और एक लोकल शिकायत अधिकारी' की नियुक्ति करनी आवश्यक थी। इन तीनों ही पदों पर भारत में रहने वाले व्यक्ति को ही कर्मचारी होना चाहिए। इसके अतिरिक्त अन्य निर्धारित नियमों का भी पालन निर्देशानुसार अनिवार्य था।
सूत्रों के अनुसार अभी तक एक भारतीय सोशल मीडिया कंपनी - कू को छोड़कर - किसी अन्य प्रमुख कंपनी ने अपने यहाँ रेजिडेंट शिकायत अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने नियमों का पालन करने के लिए 'मानक प्रतिक्रिया' की पेशकश की है, जैसे कि अधिक समय की मांग जो छह महीने की हो, वहीं कुछ ने जबाब दिया है कि वे अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित अपने कंपनी मुख्यालय से निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र का विचार है कि दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के लिए 50 लाख और उससे अधिक की कंपनियों को प्रदान की गई 3 महीने की समय सीमा पर्याप्त थी। विशेष रूप से लोकल शिकायत अधिकारी, मुख्य अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति के लिए। इन नियुक्तियों के अभाव में, जो लोग आमतौर पर सोशल मीडिया से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं के शिकार होते हैं, वे नहीं जानते कि शिकायत के समाधान के लिए किससे संपर्क किया जाए। केंद्र का कहना है कि जब इन कंपनियों का इतना बड़ा व्यवसाय भारत में संचालित होता है और भारत से बड़ा राजस्व भी प्राप्त होता है, तो शिकायत निवारण को अमेरिका में कंपनी मुख्यालय से मंजूरी का इंतजार क्यों करना चाहिए?
सूत्रों ने आगे कहा, 'ट्विटर जैसे कुछ प्लेटफॉर्म अपने खुद के फैक्ट-चेकर्स रखते हैं जिनके नाम न तो सार्वजनिक किए गए और न ही कोई पारदर्शिता है कि उन्हें कैसे चुना जाता है और उनकी स्थिति क्या है।
मंत्रालय द्वारा 25 फरवरी को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश:
इस वर्ष 25 फरवरी को केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना में सोशल मीडिया आउटलेट्स के पालन के लिए निम्नलिखित अनुपालन आदेश दिए गए थे:
1. अधिकारी और उसका पता भारतीय होना: सभी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों को नियुक्त करना आवश्यक है:
(1) एक मुख्य अनुपालन अधिकारी
(2) एक नोडल संपर्क व्यक्ति
(3) एक भारतीय (लोकल) शिकायत अधिकारी
इन सभी को भारत में रहने वाले कर्मचारी होना चाहिए। नियमों में महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए भारत में एक भौतिक संपर्क पता अपनी वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन या दोनों पर प्रकाशित करने की भी आवश्यकता है।
2. शिकायत निवारण: नियमों के तहत, अधिकारियों की पहचान को वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन या दोनों पर प्रमुखता से प्रकाशित करना चाहिए- (ए) शिकायत अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण और (बी) शिकायत करने का तरीका। शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत प्राप्त होने की रसीद देनी होगी और 15 दिनों के भीतर उसका निपटान करना होगा और शिकायतकर्ता को किसी भी कार्रवाई/निष्क्रियता के लिए कारण बताना होगा।
3. हानिकारक सामग्री की सक्रिय निगरानी: महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्रमुख प्रौद्योगिकी-आधारित उपायों को लागू करने का प्रयास करेंगे, जिसमें बलात्कार, बाल यौन शोषण या आचरण, या पहले हटाई गई जानकारी को दर्शाने वाली जानकारी की पहचान के लिए स्वचालित उपकरण शामिल हैं। नियमों में उपयुक्त मानवीय निरीक्षण और ऐसे स्वचालित उपकरणों की आवधिक समीक्षा के रखरखाव की भी आवश्यकता होती है।
4. अनुपालन रिपोर्ट: महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों को एक मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी जिसमें निम्नलिखित विवरण हों- (क) प्राप्त शिकायतें; (बी) की गई कार्रवाई; और (सी) स्वचालित उपकरणों या किसी अन्य प्रासंगिक जानकारी का उपयोग करके किसी भी सक्रिय निगरानी के अनुसार, जो निर्दिष्ट की जा सकती है, लिंक/सूचना की संख्या हटा दी गई है या जिस तक पहुंच अक्षम है।
5. सूचना तक पहुंच को हटाना/अक्षम करना: यदि किसी मध्यस्थ द्वारा अपनी मर्जी से किसी भी आपत्तिजनक जानकारी को हटा दिया जाता है, तो निम्नलिखित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है - (ए) यह सुनिश्चित करें कि एक्सेस को हटाने/अक्षम करने से पहले, उपयोगकर्ता ने साझा, अपलोड की गई ऐसी सामग्री को कारणों के साथ ऐसे निष्कासन/अक्षम पहुंच के बारे में सूचित किया या नहीं; (बी) उपयोगकर्ता को कार्रवाई पर विवाद करने के लिए पर्याप्त और उचित अवसर प्रदान करना और ऐसी पहुंच को बहाल करने का अनुरोध करना; और (सी) विवाद समाधान तंत्र पर उचित निगरानी रखने के लिए निवासी शिकायत अधिकारी।