भारत में CoronaVirus से अधिक खतरनाक है Secularism का Virus
भारत का सेक्युलरिज्म वायरस दुनिया के लिए आतंक बन चुके CoronaVirus के विरुद्ध लड़ाई में सबसे बड़ी बाधा बन सकता है।
भारत का सेक्युलरिज्म वायरस दुनिया के लिए आतंक बन चुके CoronaVirus के विरुद्ध लड़ाई में सबसे बड़ी बाधा बन सकता है।
भारत में सबसे खतरनाक वायरस सेक्युलरिज्म है। जो CoronaVirus से हजार गुना अधिक खतरनाक है। भारत का सेक्युलरिज्म वायरस दुनिया के लिए आतंक बन चुके CoronaVirus के विरुद्ध लड़ाई में सबसे बड़ी बाधा बन सकता है।
दिल्ली में हाई अलर्ट है। दिल्ली सरकार ने स्कूल, सिनेमाघर बन्द करने के आदेश दे दिए है। आईपीएल (IPL) हेतु दिल्ली सरकार मना कर चुकी है। किसी भी प्रकार की गेदरिंग पर रोक है।
किन्तु शाहीनबाग धरने को लेकर कोई गाइडलाइंस तय नही की गई। वहाँ की गेदरिंग पर प्रशासन मौन है, क्योंकि वह सेक्युलर धरना है।
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मप्र के रतलाम में प्रशासन हाई अलर्ट है। रंगपंचमी मिलन समारोह रोक दिए गए। महावीर जी की शोभायात्रा को अनुमति नही मिली। गेदरिंग पर सख्त प्रतिबंध है।
परन्तु यहाँ CAA के विरोध में चल रहे धरने में कांग्रेस की नेता को भाषण (रैली) की अनुमति प्रशासन से मिल गई। पोस्टर व इश्तेहार के जरिए धरने में अधिक से अधिक लोगों के जुटने का आह्वान किया जा रहा है। किन्तु प्रशासन मौन है। गेदरिंग बैन का आदेश सेक्युलरिज्म धरने पर लागू नही होता।
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सिद्धि विनायक (महाराष्ट्र) जैसे बड़े मन्दिर जहाँ भक्तों की भीड़ रहती है। वहाँ सेनेटाइजर से हाथ धोने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। सेनेटाइजर मन्दिर उपलब्ध करवा रहे हैं।
किन्तु छोटी मस्जिदों की बात तो दूर यहाँ तो जामा मस्जिद जैसी बड़ी मस्जिदों में सेनेटाइजर नदारद है। यदि सेनेटाइजर "मजहब में हराम हुआ" तो गई भैस पानी में। ऐसे वक्त सरकार द्वारा कोई एडवायजरी देना भी गुनाह है। क्योंकि मस्जिदें सेक्युलर जगह है जिन्हें हाथ लगाने से इस देश की हर सरकार को डर लगता है।
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भारत की सबसे बड़ी समस्या मात्र कट्टरपंथी या इस्लाम नही है। देश की सबसे बड़ी समस्या सेक्युलरिज्म है। ईरान(शिया बाहुल्य) जैसे इस्लामिक देश भी कोरोना शवों के दाह संस्कार पर जोर दे रहे हैं।
सऊदी (सुन्नी बाहुल्य) जैसे कट्टरपंथी मुल्क भी पाक स्थलों को सेनेटाइज कर रहे हैं।
वेटिकन (ईसाई) जैसी कंट्री भी कोरोना पर रिलीजन मान्यताओं को किनारे रख कर, विशषज्ञों की सलाह अपना रहे है।
लेकिन क्या भारत मे ऐसा सम्भव है...? यदि सरकार सुरक्षा वश दाह संस्कार की मात्र एडवायजरी (आदेश नही) ही जारी कर दे, तो भी सेक्युलरिज्म वायरस तेजी से फैल जाएगा। इस देश में मस्जिदों, चर्चों पर गाइडलाइंस तय करना अजीम गुनाह माना जाता है। लोकतंत्र खतरे मंइ आ जाता है। तब मानवता की बजाए संविधान के ठेकेदार शोर मचाने लगते हैं। मानवता से ऊपर "मजहब" हो जाएगा।
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भारत जैसे देश में जहाँ करीब 30 करोड़ आबादी के ऊपर कोई नियम कानून लागू नहीं होते हों या लागू करने पर देश में कयामत आने का भाय हो, वहाँ यदि कोरोना वायरस बिना तबाही मचाये निकल गया.. तो ये केवल आपके सनातनी DNA, सनातनी जीवन शैली और देश की जलवायु से ही सम्भव होगा..
अतः ईश्वर से प्राथना कीजिए, जिस देश में सेक्युलरिज्म वायरस इतना खतरनाक हो, वहाँ कोरोना वायरस चुपचाप बिना तबाही मचाए निकल जाए..
सावधानी ही बचाव है..
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मुसलमानों के लिए ना संविधान कुछ है ना कानून। संपूर्ण उन्मुक्तता... संपूर्ण स्वछंदता... संपूर्ण आजादी...
जो मन आए वो करें... जैसे चाहें वो जीयें
फिर देश में चाहें कोई मुसलमानों की अपनी पार्टी खांग्रेस की सरकार हो या कोई कथित हिन्दुवादी सरकार हो, मुसलमानों कोई फर्क नहीं पड़ता।
देश के लगभग सभी स्कूल कालेज बंद कर दिए गए हैं। IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठान के कैम्पसों को खाली करा दिया गया है।
पर मुसलमानों की अपनी आजादी बरकरार है।
धरने की आजादी... बांग की आजादी...