विपक्ष की ज़िद्द के चलते तीन तलाक विधेयक नहीं हो सका पारित
एकजुट हो कर विपक्ष तीन तलाक विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग पर अड़ा रहा
samachar 24x7 | Updated on:5 Jan 2018 2:04 PM GMT
एकजुट हो कर विपक्ष तीन तलाक विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग पर अड़ा रहा
संसद का गत 15 दिसंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए लेकिन एक बार में तीन तलाक को फौजदारी अपराध बनाने के प्रावधान वाला महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित हो गया क्योंकि एकजुट विपक्ष इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग पर अड़ा रहा।
लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बताया कि सोलहवीं लोकसभा के इस तेरहवें सत्र में व्यवधानों और उसके परिणाम स्वरूप स्थगनों के कारण 14 घंटे और 51 मिनट का समय नष्ट हुआ तथा सभा ने 8 घंटे 10 मिनट देर तक बैठकर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
राज्यसभा में इस सत्र के दौरान 34 घंटे विभिन्न मुद्दों पर हुए हंगामें की भेट चढ़ गये। उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति वेंकैया नायडू ने कहा,''हम सभी के लिए यह समीक्षा, स्मरण और आत्मावलोकन करने का विषय है कि हमने सदन की कार्यवाही का संचालन कैसे किया।'' उन्होंने सभी सदस्यों को राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुये कहा ''आप मुझसे इस बात से सहमत होंगे कि भले ही संसद राजनीति का एक महत्वपूर्ण संस्थान है, किन्तु यह विशिष्ट अर्थों में राजनीति का विस्तार नहीं हो सकता, जो गहरे विभाजन और विद्वेष से भरी होती है।'' लोकसभा में वर्ष 2017..18 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे और तीसरे बैचपर छह घंटे से अधिक चर्चा हुई और संबंधित विनियोग विधेयक पारित किये गए।
सत्र के दौरान लोकसभा में पारित होने वाले महत्वपूर्ण विधेयकों में केंद्रीय सड़क निधि संशोधन विधेयक 2017, स्थावर संपत्ति अधिग्रहण और अर्जन संशोधन विधेयक 2017, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधियां विशेष उपबंध दूसरा संशोधन विधेयक 2017, माल एवं सेवाकर राज्यों को प्रतिकर संशोधन विधेयक 2017, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017, उच्च एवं उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश वेतन एवं सेवा शर्त संशोधन विधेयक 2017 शामिल हैं ।
लोकसभा ने एक बार में तीन तलाक या तलाक ए बिद्दत को फौजदारी अपराध बनाने के प्रावधान वाले मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। किन्तु राज्यसभा में यह लंबित हो गया क्योंकि एकजुट विपक्ष इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग पर अड़ा रहा। उच्च सदन में नेता सदन एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इस विधेयक को जल्द पारित करना इसलिए जरूरी है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में छह माह के भीतर कानून बनाकर तीन तलाक को प्रतिबंधित करने को कहा है।
शीतकालीन सत्र के दौरान कंपनी संशोधन विधेयक, भारतीय प्रबंध संस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक सहित नौ सरकारी विधेयक पारित किये गये। सत्र के दौरान उच्च सदन में 13 बैठकों में 41 घंटे से अधिक समय तक सदन की कार्यवाही चली, जबकि राज्यसभा से दो सदस्यों की अयोग्यता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में प्रधानमंत्री की कथित टिप्पणी सहित अन्य मामलों पर सदन में उत्पन्न गतिरोध के कारण लगभग 34 घंटों तक कामकाज बाधित रहा।
इस दौरान वायु सेना के मार्शल एवं राज्यसभा के 12 पूर्व सदस्यों के निधन पर सदन में शोक व्यक्त किया गया। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा कर सेवामुक्त हो रहे तीन सदस्यों डा कर्ण सिंह, जनार्दन द्विवेदी और परवेज हाशिमी को सदन में विदायी दी गयी। तीनों सदस्यों का कार्यकाल आगामी 27 जनवरी को समाप्त हो रहा है।
उच्च सदन में दो जनवरी को एक रिकार्ड तब बना जब शून्यकाल एवं प्रश्नकाल में सूचीबद्ध सभी कार्यों को निर्धारित समय में पूरा कर लिया गया।
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