ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 'कालाबाजारी' मामले में मुख्य आरोपी 'नवनीत कालरा' गिरफ्तार
नवनीत कालरा जैसे नरपिशाच भी समाज में हैं जो इस अवसर पर को लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उसी ऑक्सीज़न की कालाबाजारी करके अपनी तिजौरियां भर रहे हैं
नवनीत कालरा जैसे नरपिशाच भी समाज में हैं जो इस अवसर पर को लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उसी ऑक्सीज़न की कालाबाजारी करके अपनी तिजौरियां भर रहे हैं
रविवार शाम को दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 'कालाबाजारी' मामले में मुख्य आरोपी नवनीत कालरा को गिरफ्तार किया। नवनीत कालरा पर मैट्रिक्स सेल्युलर सर्विसेज लिमिटेड नामक एक अंतरराष्ट्रीय सिम कंपनी के साथ मिलकर दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी का आरोप है। रविवार शाम को दिल्ली पुलिस द्वारा गुरुग्राम के एक फार्महाउस से उसे गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने बताया कि ये फार्महाउस उसके साले का है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 'कालरा का साला, जो एक महीने पहले तक एक बार संपत्ति का दौरा करता था, वो पिछले 10 दिनों में अचानक तीन बार अपने फार्महाउस पर गया,। इस कारण पुलिस को उस पर संदेह हुआ तब पुलिस ने फार्महाउस पर छप मारा और वहाँ की तलाशी ली और उनका वो संदेह सही निकला।
एक तरफ जहाँ देश में इस Covid-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण अनेक लोगों की जाने सिर्फ ऑक्सीज़न उपलब्ध ना हो पाने के कारण जा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ नवनीत कालरा जैसे नरपिशाच भी समाज में हैं जो इस अवसर पर को लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उसी ऑक्सीज़न की कालाबाजारी करके अपनी तिजौरियां भर रहे हैं।
कालरा के दिल्ली में तीन रेस्तरां Khan Chacha, Nega Ju and Town Hall हैं, जहां से पुलिस ने 500 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसेंटेटर बरामद किए थे।
Visuals from Maidan Garhi Police Station after Delhi Police arrested Navneet Kalra, an accused in black marketing of oxygen concentrators. pic.twitter.com/NeN0pNKhNg
— ANI (@ANI) May 16, 2021
5 मई को, डीसीपी (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने बताया था कि लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने नेगे जू रेस्तरां और बार में तलाशी के दौरान 419 ऑक्सीजन कंसेंटेटर बरामद किए थे।
अपनी गिरफ्तारी के डर से कालरा फरार हो गया था उसी शाम उसने अपना सेल फोन भी बंद कर दिया था, जिससे कि पुलिस उसकी लोकेशन पता ना कर सके।
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लेकिन पुलिस ने पाया कि फोन बंद करने से पहले, कालरा ने दिल्ली के एक पूर्व पुलिस आयुक्त और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सहित दो अन्य आईपीएस अधिकारियों को कई कॉल किए थे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि "कालरा और कुछ अन्य लोग दो कारों - एक रेंज रोवर और एक थार जीप में अपने घर से निकले थे। उनका आखिरी ठिकाना गुरूग्राम के दमदमा रिसॉर्ट के पास था। पुलिस ने पाया कि कालरा ने 5 मई को अपना फोन बंद करने के बाद से वो व्हाट्सएप और फेसबुक पर कॉल करने के लिए अपनी घरेलू सहायिका के फोन का इस्तेमाल कर रहा था। जांच के दौरान, पुलिस ने उसके साले का असामान्य व्यवहार देखा। पुलिस ने जांच में पाया कि उस साले का एक फार्महाउस गुरूग्राम में है। जहां वह महीने में एक बार जाता था, लेकिन पिछले 10 दिनों में वह तीन बार गया था। उन्होंने रविवार शाम को उस फार्महाउस पर छापा मारा, और वहाँ से कालरा को गिरफ्तार किया।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 'कालाबाजारी' मामले में रेस्टोरेंट के मैनेजर सहित चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। एक आरोपी के बताने पर खान चाचा रेस्तरां से 96 और खान मार्केट के टाउन हॉल रेस्तरां से नौ और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए गए।
अब जांच को अपराध शाखा के अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दिया गया है। "आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, और 3 महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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जाँच के दौरान, यह पाया गया कि नवनीत कालरा ने Matrix Cellular Services Ltd. के साथ मिलकर स्थानीय विक्रेताओं और चीनी कंपनियों से 7,000 से अधिक मशीनें खरीदीं और उन्हें कोविड-19 रोगियों और उनके परिवारों को "अत्यधिक ऊँची कीमत" पर बेचा।
पुलिस का दावा है कि कालरा ने उपकरण बेचने के लिए मैट्रिक्स सेल्युलर सर्विसेज के मालिक गगन दुग्गल के साथ काम किया था। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने 16,000 रुपये से 22,000 रुपये की लागत से उपकरण आयात किए और अब वो उन्हें जरूरतमन्द मरीजों को 70,000 रुपये तक की कीमत में बेच रहा था।
पुलिस ने इससे पहले Matrix Cellular कंपनी के सीईओ गौरव खन्ना और वाइस प्रेसिडेंट गौरव सूरी समेत तीन अन्य कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों पर धोखाधड़ी, महामारी रोग अधिनियम और आवश्यक वस्तु अधिनियम से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।