केजरीवाल की गंदी राजनीति, जीत के लिए महिला प्रत्याशी आतिशी को गंदगी में घसीटा
केजरीवाल ने मात्र जीतने के लिए अपनी ही पार्टी की महिला उम्मीदवार के चरित्र पर उँगलियाँ उठाने वाले और नकारात्मक प्रचार करने वाले पर्चे बँटवाए।
केजरीवाल ने मात्र जीतने के लिए अपनी ही पार्टी की महिला उम्मीदवार के चरित्र पर उँगलियाँ उठाने वाले और नकारात्मक प्रचार करने वाले पर्चे बँटवाए।
चुनावों में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और जुमलेबाजी तो मानो एक आम बात है। परंतु आज राजनीति का स्तर इतना गिर चुका है कि अक्सर ही हमारे प्रिय नेता भूल जाते है कि वो इन आरोप-प्रत्यारोप के खेल में जनता के सामने अपनी विश्वसनीयता भी खो बैठते है। लोकसभा चुनाव को ले कर देश भर में माहौल पहले से ही गरम है और ऐसे में राजधानी दिल्ली में राज कर रहीं आम आदमी पार्टी अब तक के सबसे गंदे आरोप के साथ जनता के सामने आई है। ये तो हम सभी जानते है कि आम आदमी पार्टी के राजनीति में आने के बाद से राजधानी की राजनीति बुरी तरह प्रदूषित हो चुकी है। कभी सहानुभूति इकट्ठा करने के लिए केजरीवाल खुद के ही कार्यकर्ताओं से खुद पर आक्रमण करवा लेते है तो कभी अपने ही मुंह पर इंक पुतवा लेते है। खैर खुद की पिटाई करना तो जनता ने एक बार को स्वीकार कर लिया परंतु इस बार केजरीवाल ने नीचता की सारी हदे पार कर दी है।
केजरीवाल ने मात्र जीतने के लिए अपनी ही पार्टी की महिला उम्मीदवार के चरित्र पर उँगलियाँ उठाने वाले और नकारात्मक प्रचार करने वाले पर्चे बँटवाए। और हर बार की तरह केजरीवाल ने इस बार भी इस सब का ठीकरा बीजेपी और उनके उम्मीदवार गौतम गंभीर पर फोड़ दिया। केजरीवाल मात्र जीतने के लिए जिस राजनीतिक चाल के साथ सामने आए है वह बहुत ही निंदनीय है।
इस गंदी चाल में अपनी प्रत्याशी आतिशी के खिलाफ़ गंदगी उगलने के साथ-साथ केजरीवाल ने अपने नाम के साथ कुत्ता और अपने मंत्री मनीष सीसोदिया ने नाम के साथ कंजर शब्द भी जोड़ा।
बता दें कि आम आदमी पार्टी की नई दिल्ली की लोकसभा प्रत्याशी आतिशी ने पूर्व क्रिकीटर और बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आतिशी के खिलाफ लोगो को भड़काने और नकारात्मक प्रचार करने के लिए पूरे उनके लोकसभा क्षेत्र में 'आपत्तिजनक' पर्चे बँटवाए है।
गौतम गंभीर लोकसभा चुनाव में भाजपा के पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार हैं और उनके खिलाफ खड़ी हैं आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी मर्लिना। आतिशी ने आरोप लगाया कि गौतम ने उनके लोकसभा क्षेत्र मे पर्चे बँटवाए है जिनमें आतिशी के निजी जीवन से ले कर उनके चरित्र पर बहुत ही घटिया आरोप लगाए गए है। हालांकि बीजेपी और गौतम गंभीर ने इन सभी आरोपों को जड़ से खारिज किया है। इतना ही नहीं गौतम गंभीर ने इस आरोप को झूठा बताते हुए आम आदमी पार्टी के खिलाफ़ मानहानि का केस दर्ज़ किया है। साथ ही गौतम गंभीर ने ट्विटर पर लिखा है कि यदि आतिशी द्वारा उन पर लगाया गया ये आरोप सच साबित हुआ तो वह अपना नामांकन वापस ले लेंगे। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती देते हुए ये भी पूछा कि यदि ये आरोप झूठा साबित हुआ तो क्या केजरीवाल राजनीति छोड़ने को तैयार है?
इसी के साथ गौतम गंभीर के समर्थन में ट्विटर पर काफी बड़ी संख्या में लोग उनके खड़े है। उनके कुछ दोस्तों ने तो केजरीवाल को ट्विटर पर फटकारते हुए ये भी कहा कि हार-जीत अपनी जगह है परंतु गंभीर कभी एक औरत के खिलाफ़ ऐसा गंदा खेल नहीं खेल सकते। आपको बता दें कि ट्विटर पर #IStandWithGambhir टॉप ट्रेंड कर रहा है। इस से साफ पता लगाया जा सकता है कि जनता भी केजरीवाल की सच्चाई अच्छी तरह पहचान चुकी है।
I am shocked to note yesterday's events involving @GautamGambhir. I know him well and he can never talk ill for any woman. Whether he wins or loses is another matter but the man is above all this
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) May 10, 2019
आप केजरीवाल और उनकी पार्टी की राजनीतिक स्तर का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते है कि जिस आतिशी के खिलाफ इस पर्चे में आरोप लगाए गए है उसी को मीडिया के सामने आकार ये आरोप पड़ने का ढोंग करना पड़ा। यदि गौतम गंभीर ने सच में इतने आपत्तिजनक पर्चे बँटवाए थे कि उसको पड़ कर आतिशी की आंखे शर्म से झुक गई तो क्यूँ जब उन्होंने सबसे पहले ये पर्चा देखा तो वो सीधा पुलिस के पास नहीं गई? क्यूँ ये मामला सीधा मीडिया या किसी अन्य की नज़रों में नहीं आया बल्कि केजरीवाल के नेताओं को खुद ही अपने ऊपर लगे इन आरोपों की जानकरी प्रेस कान्फ्रेंस कर के मीडिया को देनी पड़ी?
आतिशी के अनुसार ये पर्चे गौतम गंभीर ने बँटवाए है तो यदि उनका एक विरोधी प्रत्याशी वाकई में उनके खिलाफ़ ऐसा कदम उठता है तो क्या आतिशी को सीधा एफ़आईआर दर्ज़ नहीं करनी चाहिए थी? क्यूँ सोश्ल मीडिया के ज़माने में एक भी पर्चा जनता या मीडिया तक नहीं आया? ऐसे बहुत ही सारी छीजे है जो केजरीवाल और उनकी उम्मीदवार आतिशी के ऊपर सवाल खड़े करते है।
देश में और भी सीएम है, भूत में बहुत सारे सीएम रह चुके है, वर्तमान में हर राज्य में एक सीएम है और निस्संदेह ही भविष्य में और भी बहुत लोग इस पद तक आएंगे। उन सभी में से कुछ बहुत कामयाब तो कुछ काफी नाकाम ने रहे है, परंतु न ही आज तक देश में कोई केजरीवाल जैसा ढोंगी सीएम हुआ है और उम्मीद है न ही भविष्य में होगा जिसको मात्र चंद वोटों के लिए अपनी ही महिला कार्यकर्ता के चरित्र का सहारा लेना पड़े। अपने कार्यकाल में वादों को हवा में उड़ा चुके केजरीवाल ने ज़्यादा कुछ तो नहीं परंतु आजतक सबसे ज़्यादा बार सार्वजनिक तौर से पीटने वाले सीएम होने का ताज अपने सिर चढ़ा लिया है।
रात को केजरीवाल खुद के खिलाफ़ साजिश रचते है और सुबह खुद ही मीडिया को आकर बताते है। वाह रे केजरीवाल जी! काश अपने इतनी मेहनत दिल्ली की भलाई के लिए की होती तो शायद आपको जनता के वोट पाने के लिए ऐसी ओछी राजनीति का सहारा न लेना पड़ता।