पार्टी मीटिंग में केजरीवाल को उनके ही विधायकों ने पीटा ?
प्राप्त सूत्रों एवं कपिल के ट्वीट के अनुसार ये घटना 3 दिन पहले की है जब केजरीवाल के निवास पर ही एक बंद कमरे में चल रही मीटिंग के दौरान ही AAP के कुछ विधायकों ने अपने ही पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरी वाल को पीट दिया । खबरों के अनुसार इस मार-पीट की घटना में केजरीवाल को चोटें भी लगी हैं इसी कारण वो पिछले 3 दिन से घर से बाहर भी नहीं निकले
प्राप्त सूत्रों एवं कपिल के ट्वीट के अनुसार ये घटना 3 दिन पहले की है जब केजरीवाल के निवास पर ही एक बंद कमरे में चल रही मीटिंग के दौरान ही AAP के कुछ विधायकों ने अपने ही पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरी वाल को पीट दिया । खबरों के अनुसार इस मार-पीट की घटना में केजरीवाल को चोटें भी लगी हैं इसी कारण वो पिछले 3 दिन से घर से बाहर भी नहीं निकले
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो "केजरीवाल" के बार में जो खबरें प्राप्त हो रही हैं वो बड़ी ही चौकाने वाली हैं। प्राप्त सूत्रों के अनुसार चुनावों के मद्देनजर हो रही आम आदमी पार्टी की एक बैठक में केजरीवाल से नाराज़ चल रहे एक विधायक ने केजरीवाल की पिटाई कर दी।
आम आदमी पार्टी से विद्रोह के कारण निलंबित हो चुके विधायक "कपिल मिश्रा" ने भी अपने ट्वीट के द्वारा इस घटना के बारे में जानकारी दी। वैसे अभी तक ये बात सिर्फ सोशल मीडिया पर ही वाइरल हो रही है किसी भी आधिकारिक सूत्र ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। लेकिन "कपिल मिश्रा" का ट्वीट इस घटना की विश्वशनीयता को बड़ा रहा है।
प्राप्त सूत्रों एवं कपिल के ट्वीट के अनुसार ये घटना 3 दिन पहले की है जब केजरीवाल के निवास पर ही एक बंद कमरे में चल रही मीटिंग के दौरान ही AAP के कुछ विधायकों ने अपने ही पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरी वाल को पीट दिया । खबरों के अनुसार इस मार-पीट की घटना में केजरीवाल को चोटें भी लगी हैं इसी कारण वो पिछले 3 दिन से घर से बाहर भी नहीं निकले जबकि इन 3 दिनों में आम आदमी पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों ने अपने नामांकन भी दाखिल किए और शोभा यात्राएं भी निकाली लेकिन कहीं भी केजरीवाल का चेहरा दिखाई नहीं दिया।
इस घटनाक्रम की बड़ी बात ये है कि केजरीवाल की पिटाई उसी कमरे में हुई जिसमें कुछ समय पहले केजरीवाल ने मुख्य सचिव को विधायकों से पिटवाया था । अभी उन विधायकों के नाम सामने नहीं आए हैं जिन्होंने केजरीवाल को पीटा।
It's Big news if true
— Chowkidar Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 23, 2019
चर्चा हैं कि तीन दिन पहले कुछ AAP MLAs ने केजरीवाल से हाथापाई की
घटना केजरीवाल के घर में ही घटी
इसीलिए तीन दिन से केजरीवाल घर से नहीं निकले ना किसी उम्मीदवार के नॉमिनेशन में गए
क्या ये सच हैं कि AAP MLAs ने ही केजरीवाल को पीट दिया ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल के दिन आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस के मध्य होने वाले गठबंधन को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी जिसमे इस बात पर चर्चा होनी थी कि अगर गठबंधन हुआ तो तो किस - किस उम्मीदवार का टिकट कटेगा इस विषय पर कुछ विधायक केजरीवाल की बात का विरोध करने लगे जिस कारण केजरीवाल भड़क कर आपे से बाहर हो गया और उपस्थित विधायकों को गाली देनी चालू कर दी। केजरीवाल के इस व्यवहार के बाद विधायक भी काबू से बाहर हो गए और उन्होंने हाथापाई आरंभ कर दी। जब तक बैठक में उपस्थित अन्य विधायक कुछ समझ पाते तब तक मार-पीट करने वाले 2 विधायकों में से एक ने केजरीवाल के चेहरे पर ज़ोर से घूंसे से वार कर दिया जिस कारण केजरीवाल का चश्मा उतरकर दूर जा गिरा।
विधायको द्वारा पीट जाने के बाद भी केजरीवाल की मजबूरी है कि ना तो वो इन विधायको के विरुद्ध FIR ही कर सकते हैं और ना ही वो इसके खिलाफ पार्टी स्तर पर ही कोई कार्यवाही कर पा रहे हैं क्योंकि केजरीवाल के गलत व्यवहार के कारण अधिकांश विधायक केजरीवाल से नाखुश हैं। केजरीवाल के अहंकार पूर्ण एवं बदतमीजी भरे व्यवहार को लेकर पहले भी इस प्रकार की खबरें मीडिया में आती रहती हैं कि केजरीवाल अपने विधायकों को बेइज्जत करता रहता है किसी को अपने सामने कुछ नहीं समझता है। अभी चंद रोज पहले ही अल्का लांबा ने भी इसी प्रकार के कई गंभीर आरोप केजरीवाल पर लगाए थे।
आप के अंदरूनी सूत्रों का तो यहाँ तक कहना है कि बिलकुल मायावती की तरह केजरीवाल ने भी राज्यसभा एवं लोकसभा की टिकटों का सौदा करोड़ों रूपये में किया है इसी कारण पार्टी के आधे से अधिक वर्तमान विधायकों को अभी से 2020 का डर सता रहा है कि कहीं आगे आने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी टिकट काटकर केजरीवाल पैसे वाले लोगों को बेच सकता है। क्योंकि दिल्ली वालों को पता है कि 2014 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उन जमीनी कार्यकर्ताओं को भी टिकट दिया था जिनका कोई मजबूत सामाजिक या आर्थिक आधार नहीं था उस समय का विधानसभा चुनाव तो आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के विरोध में चल रही लहर के कारण जीत गई थी। लेकिन 2020 का चुनाव ऐसा नहीं होगा उस समय तो AAP के लिए परिस्थितियाँ कठिन होंगी इसीलिए हो सकत है कि 2020 में पैसा इकठ्ठा करने के लिए वो विधायको कि टिकट बेच सकते हैं।