"स्वच्छ, स्वस्थ, समृद्ध" - हमारी नदी, हमारा भविष्य : WAPCOS
"ऋगवेद में तो केवल नदियों के ऊपर एक पूरा अध्याय है और इतना ही नहीं बल्कि जल को वरुण देव मानकर देवता का दर्ज़ा दिया है तो वहीं नदियों को हमेशा से माँ माना गया है।": शेखावत
"ऋगवेद में तो केवल नदियों के ऊपर एक पूरा अध्याय है और इतना ही नहीं बल्कि जल को वरुण देव मानकर देवता का दर्ज़ा दिया है तो वहीं नदियों को हमेशा से माँ माना गया है।": शेखावत
आज, 24 जून 2019, को WAPCOS द्वारा 6:15 बजे छट घाट, आईटीओ पर "स्वच्छ, स्वस्थ, स्मृध"- "Our River, Our Future" and "Plant Tree, Save Life" नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में ITO स्थित छट घाट के साथ ही दिल्ली में यमुना नदी के अन्य घाटों कुदसिया घाट, श्याम घाट एवं यमुनेश्वर घाट की सफाई भी एक ही साथ की गई।
ज्ञातव्य हो कि आगामी 26 जून 2019 को WAPCOS अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो कर लेगा जोकि किसी भी संस्थान के लिए गर्व की बात है। WAPCOS संस्थान जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक उपक्रम है जिसकी गणना सार्वजनिक उपक्रमों की "MINI RATNA-I" श्रेणी में की जाती है।
इसके गोल्डन जुबली समारोह की शुरुआत के तौर पर ही आज इस स्वच्छता कार्यक्रम को आयोजित किया गया। भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री जल शक्ति मंत्रालय श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे एवं राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय श्री रत्न लाल कटारिया जी कार्यक्र्म के सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम का हिस्सा बने। कार्यक्रम का संचालन जल शक्ति मंत्रालय के सचिव श्री यूपी सिंह जी के नेतृत्व में हुआ। समारोह में आमंत्रित सम्मानित अतिथियों का स्वागत वाप्कोस के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री आर॰के॰ गुप्ता द्वारा किया गया।अपने वक्तव्य के दौरान शेखावत जी ने WAPCOS के कार्यक्रमों का ब्योरा देते हुए इस मिशन की सरहना की। WAPCOS की तारीफ करते हुए, श्री शेखावत ने कहा कि एक संगठन के जीवन में 50 साल पूरे होने का बहुत महत्व है। अधिक प्रश्ननता का विषय ये है कि वाप्कोस एक सरकारी उपक्रम होने के नाते अपने कार्य के अतिरिक्त भी सामाजिक सरोकार के समाज के हितों से जुड़े जो विषय हैं उन पर भी कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त वाप्कोस नदियों के रख-रखाव, हमारी प्रकृति हमारे पर्यावरण से जुड़े जो भी विषय हैं उन पर भी काम कर रहा है और ये विषय एक जन आंदोलन बने इसके लिओए भी NGO एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ भी काम कर रहा है।
छठ घाट, पर हुए इस प्री-गोल्डन जुबली समारोह में बोलते हुए, शेखावत जी ने कहा कि पानी की प्रत्येक बूंद को बचाया जाना चाहिए और संरक्षित किया जाना चाहिए और सभी को निरंतर सक्रिय रहते हुये पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए एक संयुक्त प्रयास करना चाहिए।
श्री शेखावत ने कहा कि भारत ने खाद्यान्न की कमी वाले देश होने से खाद्य निर्यातक देश का गौरव हासिल किया है, लेकिन निकट भविष्य में पानी की कमी से स्थिति और खराब हो सकती है और इसलिए पारंपरिक जल निकायों के पुनरुद्धार की आवश्यकता है।
मंत्री जी ने नदियों का महत्व बताते हुए वैदिक परंपरा में नदियों के उच्च दर्जे का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह ऋगवेद में तो केवल नदियों के ऊपर एक पूरा अध्याय है और इतना ही नहीं बल्कि जल को वरुण देव मानकर देवता का दर्ज़ा दिया है तो वहीं भारतीय संस्कृति में नदियों को हमेशा से माँ माना गया है
वहीं जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की तरह, जो एक जन आंदोलन बन गया, पाइप्ड वाटर योजना भी उसी सफलता को प्राप्त करेगी, जैसा कि प्रधानमंत्री इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
Hon'ble Minister of Jal Shakti, Shri Gajendra Singh Shekhawat ji, along with Team Wapcos, lead by example and undertook a cleaning drive on the Chhath Ghat.#NamamiGange pic.twitter.com/aGD4gE4ITH
— Namami Gange (@cleanganganmcg) June 24, 2019
Tree plantation drive, a pre-event of Golden Jubilee Celebration of WAPCOS was conducted at Chhath Ghat today. Shri @gssjodhpur, Minister for Jal shakti; Shri @kataria4ambala, Minister of State for Jal Shakti and Shri U.P Singh, Secretary, Ministry of Jal Shakti graced the event. pic.twitter.com/UOOXhocqoX
— Ministry of Jal Shakti, DoWR,RD,GR (@mowrrdgr) June 24, 2019