क्या "कपिल सिब्बल / कांग्रेस" हैं ईवीएम हैकथॉन हाई वोल्टेज़ ड्रामे के असली सूत्रधार ? भाजपा के पलटवार से तो ये ही लगता है।
उस कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा आयोजकों से बात करने तथा इस EVM हैंकिंग वाले ड्रामा कार्यक्रम में कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे कपिल सिब्बल के मौजूद रहने से साफ है कि कांग्रेस देश और उसकी संवैधानिक संस्थाओं को किसी ना किसी बहाने से बदनाम करने की साजिश कर रही है। इस तथाकथित खुलासे से अब यह तस्वीर भी साफ हो गई है कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपनी निश्चित हार दिखाई दे रही है इसी कारण उस हार के लिए वो अभी से कोई ना कोई बहाना तलाशना शुरू कर चुकी है।
उस कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा आयोजकों से बात करने तथा इस EVM हैंकिंग वाले ड्रामा कार्यक्रम में कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे कपिल सिब्बल के मौजूद रहने से साफ है कि कांग्रेस देश और उसकी संवैधानिक संस्थाओं को किसी ना किसी बहाने से बदनाम करने की साजिश कर रही है। इस तथाकथित खुलासे से अब यह तस्वीर भी साफ हो गई है कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपनी निश्चित हार दिखाई दे रही है इसी कारण उस हार के लिए वो अभी से कोई ना कोई बहाना तलाशना शुरू कर चुकी है।
लंदन में कथित "इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन" द्वारा कराई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैयद शूजा द्वारा किए गए फेक खुलासे पर "फॉरेन प्रेस एसोसिएशन" ने पानी फेर दिया। ज्ञात हो कि स्वयं को ईवीएम डिजाइन करने वाली टीम का कर्मचारी होने का दावा करने वाले सैयद शूजा ने लंदन की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये दावा किया था कि भारत में हुये 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए उसने ईवीएम को हैक किया था। लेकिन एक दिन बाद ही फॉरेन प्रेस एसोसिएशन द्वारा उसके दावे को गलत बताते हुये शूजा के सारे दावे को सिरे से ही खारिज कर दिया है। इसके साथ ही इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन की क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने अपने दावे के अनुरूप एक भी प्रमाण सामने नहीं रखा है। फॉरेन प्रेस एसोसिएशन ने तो यहां तक कहा है कि ऐसे झूठे और मक्कार लोगों के लिए उसे मंच उपलब्ध नहीं कराना चाहिए था।
The Foreign Press Association strongly disassociates itself with any claims made by the speaker Syed Shuja during the #IJA event in London yesterday. Not one of the masked speaker's accusations have so far been corroborated.
— Foreign Press Association (@FPALondon) January 22, 2019
इस पूरे घटनाक्रम और लंदन में रचे गए इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि इसका सूत्रधार कौन था ? क्योंकि जिस प्रकार कहीं दूर बैठे एक नकाबपॉश की बे-सिर पैर की बातों को बिना जाँचे - परखे एवं उससे बिना किसी प्रकार के साक्ष्य लिए मात्र उसके द्वारा कहे गए शब्दों के आधार पर भारत से बाहर हजारों किलोमीटर दूर लंदन जैसी जगह पर इतनी बड़ी प्रेस कांफ्रेस आयोजित की गई वो ही ये सिद्ध करने के लिए काफी है कि इस आयोजन की दाल में कहीं कुछ काला है? इसके बाद इस पूरी कांफ्रेस से जो कुछ झूठ निकल कर आया वो ये दर्शाने के लिए काफी है कि इस आयोजन के पीछे कहीं ना कहीं कांग्रेस का या फिर उसके पिट्ठूओं का हाथ है ?
जहाँ एक तरफ विश्व स्तर पर देश की विश्वसनीयता बढ़ रही है वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके कुछ नेता हैं जो अपनी हरकतों और बयानों से विदेश की धरती पर जाकर देश के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने के लिए साजिश करने में लगे हैं। कांग्रेस ने अपने पिट्ठुओं के द्वारा लंदन में प्रेस कांफ्रेस नाम का हाई वोल्टेज ड्रामा आयोजित कर एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठवाया है। जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैयद शुजा नाम के नकाबपोश ने भारत में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के समय ईवीएम हैक करने का दावा किया है उसका आयोजन इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख आशीष रे ने किया था। आशीष रे के बारे में इतना ही कहना पर्याप्त है कि वो पुराना कांग्रेसी हैं और अगर कांग्रेस या राहुल गांधी के प्रति उसका प्रेम देखना हो तो उसके ट्वीटर अकाउंट पर जाकर उसके ट्वीट पढ़ना ही काफी है। ज्ञात हो कि रे का संस्था ही वह छद्म संगठन है जिसने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था, उस कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी के साथ सैम पित्रोदा भी उपस्थित था।
कौन है ये आशीष रे ? https://twitter.com/ashiscray
आशीष रे का संबंध यूं तो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से है रिश्ते में ये उनका पड़पोता है लेकिन नेताजी के या अधिकांश भारतियों की सोच के विपरीत ये नेताजी की मौत के लिए कांग्रेस वाली बात पर ही भरोसा करता है कि उनकी मृत्यु 1945 के विमान हादसे में हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार आशीष को पहली बार 1983 में इंडियन जर्नलिस्ट्स असोसिएशन (IJA) का प्रेजिडेंट चुना गया था। जब समाचार24क्ष7 ने IJA के बारे में अधिक जानकारी के लिए IJA की वेबसाइट खोलने की कोशिश की तो गूगल पर बहुत कोशिश करने के बाद भी इसकी वेबसाइट नहीं खुली। इसी कारण इस संगठन के कार्यकलाप के बारे में या इसके अन्य पदाधिकारियों के बारे में कोई अधिक जानकारी नहीं मिल पाई।
हाँ आशीष रे के ट्विटर अकाउंट से अवश्य उसके विचारों के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ। उसी ज्ञान के आधार पर कह सकते हैं कि कहने को तो रे स्वयं को एक पत्रकार कहते हैं और इसी आधार पर पत्रकारों कि संस्था के अध्यक्ष भी बने हुये हैं लेकिन उनके ट्विटर वाल पर जाकर उनके लिखे हुये ट्वीट पढ़कर एक साधारण इंसान भी बता सकता है कि वो किसके पिट्ठू हैं। उनके कुछ ट्वीट की बानगी आप यहाँ देख सकते हैं एवं कुछ ट्वीट्स के स्क्रीन शॉट्स इस समाचार के अंत में भी दिये गए हैं।
Delighted that @RahulGandhi met working class Indians in the UAE. @narendramodi the petty bourgeois never did this.
— Ashis Ray (@ashiscray) January 12, 2019
Boys and girls younger than my children are being accused of sedition by @narendramodi What draconianism! @INCIndia please save India!!
— Ashis Ray (@ashiscray) January 14, 2019
जिस इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने सैयद शुजा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया है उसके बारे में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के पूर्व अध्यक्ष रास बिहारी का कहना है कि इस नाम से कोई एसोसिएशन संबद्ध ही नहीं है। दूसरी बात उन्होंने कही कि इसका जो कार्यालय है वह कांग्रेस के नेताओं की तस्वीर से भरा पड़ा है। इससे साफ है कि यह कांग्रेस द्वारा संचालित कोई प्रॉक्सी संगठन है जिसे कांग्रेस अपने हित में उपयोग करती रहती है ।
उस कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा आयोजकों से बात करने तथा इस EVM हैंकिंग वाले ड्रामा कार्यक्रम में कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे कपिल सिब्बल के मौजूद रहने से साफ है कि कांग्रेस देश और उसकी संवैधानिक संस्थाओं को किसी ना किसी बहाने से बदनाम करने की साजिश कर रही है। इस तथाकथित खुलासे से अब यह तस्वीर भी साफ हो गई है कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस अपनी निश्चित हार दिखाई दे रही है इसी कारण उस हार के लिए वो अभी से कोई ना कोई बहाना तलाशना शुरू कर चुकी है।
कांग्रेस के द्वारा रचे गए इस ड्रामे पर तंज़ कसते हुये केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जब राफेल पर कांग्रेस का झूठ पकड़ा गया, जब 15 उद्योगपतियों के सारे ऋण माफ करने वाला झूठ पकड़ा गया, तब उसने ईवीएम हैकिंग पर उससे भी बड़ा झूठ बोलना शुरू कर दिया है। इससे साफ होता है कांग्रेस के पास चुनाव में जाने के लिए भाजपा के खिलाफ कोई मुद्दा है ही नहीं। इसलिए वह हमेशा एक झूठ का मुद्दा बनाने में जुट जाती है।
After Rafale, the non-existent loan waiver to 15 industrialists – the next big lie – EVM hacking.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 21, 2019
उधर शायद अपने द्वारा बुने गए इस जाल के ताने बाने में खुद को ही फसता देखकर अब उस झूठ फैलाने वाले प्रेस कांफ्रेस में उपस्थित रहे कपिल सिब्बल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह बात कुबूल की है कि उसे इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख आशीष रे ने निमंत्रण देकर बुलाया था। क्योंकि आशीष रे उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं एवं उनके दोस्त हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया और पूछा कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल वहां क्या कर रहे थे।
Union Minister RS Prasad on y'day's event in London: What was Mr Kapil Sibal doing there? In what capacity was he present there? I believe he was monitoring the situation on behalf of Congress party. Is the Congress sponsored event designed to insult the popular mandate of 2014? pic.twitter.com/f6FMxm3oj7
— ANI (@ANI) January 22, 2019
चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हमारे ध्यान में आया है कि लंदन में एक इवेंट में दावा किया जा रहा है कि ईसीआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों में छेड़छाड़ की सकती है। ईसीआई इस मामले में कोई पार्टी नहीं बनना चाहती है। यह प्रायोजित चुनौती है और ईसीआई अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।'
ईसीआई ने अपने बयान में कहा, 'भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक ऐंड कॉर्पोरेशल ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा बेहद कड़े सुपरविजन में बनाई जाती हैं। 2010 में गठित तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमिटी की देखरेख में यह पूरा काम होता है। हम इस बात पर भी अलग से विचार करेंगे कि क्या इस मामले पर कोई कानूनी मदद ली जा सकती है?'
EC: These EVMs are manufactured in Bharat Electronics Ltd. & Electronics Corporation of India Ltd. under very strict supervisory&security conditions.There are rigorous Standard Operating Procedures observed under supervision of a Committee of technical experts constituted in 2010 https://t.co/NAgRYcAqIB
— ANI (@ANI) January 21, 2019
आशीष रे के कुछ ट्वीट्स के स्क्रीन शॉट्स इन्हें आप जाकर इनकी ट्विटर वाल पर भी पढ़ सकते हैं।