All India Association of Physiotherapist (AIAP) एक फर्जी संस्था है : डॉ॰ संजीव उपाध्याय
डॉ॰ संजीव का कहना है कि संस्था पूरे देश के नौजवान फिजियोथेरेपिस्ट को अपनी सदस्यता के झूठे आकंडे दिखा कर बेबाकूफ बना रही है जबकि वास्तविक आकंडे सच्चाई से कोसों दूर हैं। AIAP का दावा है कि "उसकी सदस्यता संख्या 12000 तक पहुँच चुकी है" जबकि डॉ॰ संजीव का आरोप है कि "ये संख्या 1000 से भी कम है" इतना ही नहीं उन्होंने तो यहाँ तक कहा है कि संस्था ने 2107 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी ऐसे ही झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके मूर्ख बनाया था।
डॉ॰ संजीव का कहना है कि संस्था पूरे देश के नौजवान फिजियोथेरेपिस्ट को अपनी सदस्यता के झूठे आकंडे दिखा कर बेबाकूफ बना रही है जबकि वास्तविक आकंडे सच्चाई से कोसों दूर हैं। AIAP का दावा है कि "उसकी सदस्यता संख्या 12000 तक पहुँच चुकी है" जबकि डॉ॰ संजीव का आरोप है कि "ये संख्या 1000 से भी कम है" इतना ही नहीं उन्होंने तो यहाँ तक कहा है कि संस्था ने 2107 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी ऐसे ही झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके मूर्ख बनाया था।
All India Association of Physiotherapist (AIAP) के अस्तित्व पर काफी वर्षों से उसके ही एक अंग रहे डॉ॰ संजीव उपाध्याय ने बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार डॉ॰ संजीव ने अपने आरोप में सीधे सीधे संस्था के मुख्य सचिव मि॰ जी॰ सुधाकरन तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ॰ आर॰ पी॰ एस॰ राना को चुनौती देते हुये कहा है कि अगर उनके लगाए आरोप गलत हो तो संस्था उनके विरुद्ध देश में कहीं भी केस कर सकती है।
आपको बता दें कि डॉ॰ संजीव पिछले काफी वर्षों से AIAP के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं और आप इस समय संस्था के संयुक्त सचिव होने के साथ ही संस्था की High Power Commitee (HPC) भी एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इसीलिए उनके द्वारा लगाए गए आरोप को ना तो हल्के में लिया जा सकता है और ना ही बेबुनियाद कह कर टाला ही जा सकता है।
डॉ॰ संजीव का कहना है कि संस्था पूरे देश के नौजवान फिजियोथेरेपिस्ट को अपनी सदस्यता के झूठे आकंडे दिखा कर बेबाकूफ बना रही है जबकि वास्तविक आकंडे सच्चाई से कोसों दूर हैं। AIAP का दावा है कि उसकी सदस्यता संख्या 12000 तक पहुँच चुकी है जबकि डॉ॰ संजीव का आरोप है कि ये संख्या 1000 से भी कम है इतना ही नहीं उन्होंने तो यहाँ तक कहा है कि संस्था ने 2107 में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी ऐसे ही झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके मूर्ख बनाया था।
उनका कहना है कि इस सारे घटनाक्रम से एवं AIAP जैसी फर्जी संस्था के साथ जुड़े रहकर कार्य करने से एवं इस कारण जो भी कुछ गलत हुआ हो उसे लेकर वो स्वयं को बहुत ही शर्मिंदा महसूस कर रहें हैं।