बारिश का हर्जाना टीम इण्डिया और फेंस को क्यों पड़ा चुकाना ?
क्रिकेट में हार आज इण्डिया की नहीं बल्कि आईसीसी की हुई है, जो आज 21वीं सदी में एक से बढ़कर एक टेक्नोलोजी होने के बावजूद भी 2 टीमों को बराबरी का अवसर नहीं दे पाई! क्या मैच की लोकेशन्स फ़ाइनल होने से पहले ही ये निरीक्षण नहीं किया जा सकता था कि उस क्षेत्र में अगले कुछ दिन मौसम कैसा रहेगा ?
क्रिकेट में हार आज इण्डिया की नहीं बल्कि आईसीसी की हुई है, जो आज 21वीं सदी में एक से बढ़कर एक टेक्नोलोजी होने के बावजूद भी 2 टीमों को बराबरी का अवसर नहीं दे पाई! क्या मैच की लोकेशन्स फ़ाइनल होने से पहले ही ये निरीक्षण नहीं किया जा सकता था कि उस क्षेत्र में अगले कुछ दिन मौसम कैसा रहेगा ?
सभी मैचों में इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी आज टीम इण्डिया को वर्ल्ड कप 2019 के सेमी-फ़ाइनल में अनचाही हार का सामना कराते हुये खाली हाथ वापस ही आना पड़ा।
पर क्या वाकई इसको टीम इण्डिया की हार कहना सही होगा ? जी नहीं।
क्रिकेट में हार आज इण्डिया की नहीं बल्कि आईसीसी की हुई है, जो आज 21वीं सदी में एक से बढ़कर एक टेक्नोलोजी होने के बावजूद भी 2 टीमों को बराबरी का अवसर नहीं दे पाई !
वर्ल्ड कप पर इतने प्रायोजक और इतना पैसा लगाने के बाद भी एक टीम को बहुत अच्छी पिच पर खेलने का मौका मिला और दूसरी टीम को बारिश के बाद वाली पिच पर खेलना पड़ा। विशेषकों के अनुसार बारिश के बाद पिच में नमी आने के बाद खेलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। तो इस प्रकार भारत को बारिश के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा।
पर क्या मैच की लोकेशन्स फ़ाइनल होने से पहले ही ये निरीक्षण नहीं किया जा सकता था कि उस क्षेत्र में अगले कुछ दिन मौसम कैसा रहेगा?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब खराब मौसम के चलते किसी टीम को इतना भारी नुकसान झेलना पड़ा हो। इंग्लैंड में खेले जा रहे वर्ल्ड कप 2019 के मुकाबलों में बारिश ने अपना कहर जम कर दिखाया है। इसके चलते पहले भी कई मुकाबले प्रभावित हुए हैं। पूरे वर्ल्ड कप के दौरान यदि बारिश से प्रभावित मैचों का आकड़ा निकाला जाए तो साफ तौर पर न्यूजीलैंड के लिए फ़ाइनल तक जाना तो दूर सेमी-फ़ाइनल तक आना भी संभव नहीं था। इस बात में कोई दो-राय नहीं कि सभी टीमों ने अपने-अपने देश को आगे तक लाने के लिए कड़ी मेहनत की। पर दूसरी ओर इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि यदि पाकिस्तान के 3 मैच मौसम के चलते रद्द न किये गए होते तो पाक न्यूजीलैंड से आगे होता।
इस सब के अलावा यदि किसी चीज़ पर यूं अचानक मैच रद्द होने का सबसे ज़्यादा असर पढ़ता है तो क्रिकेट के उन फेंस के जेब खर्च पर जो मैच देखने दूर-दूर से महंगे टिकट खरीद कर आते है। आईसीसी के नियमों के अनुसार अगर देखें तो मैच में यदि किसी भी तरह का व्यवधान आता है तो दर्शकों के लिए भी कुछ ख़ास व्यवस्था की गई है। इसके लिए कई चरण बनाए गए हैं। फैंस को कितने पैसे वापस दिए जाएंगे इसका आधार मैच में कितने ओवर का खेल हुआ है इसपर होता है। वर्ल्ड कप की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नियमों के अनुसार अगर मैच 15 ओवर या उससे पहले ही रुक जाता है और रद हो जाता है तो दर्शकों को पूरा पैसा वापस मिलेगा।
वहीं अगर मैच 15 से 30 ओवर के बीच खत्म होता है तो फिर दर्शकों को उनके टिकट का 50 प्रतिशत पैसा ही दिया जाएगा। हालांकि 30 ओवर के बाद यदि मैच रद्द होता है तो किसी भी तरह का भुगतान आईसीसी द्वारा नहीं किया जाता है।
और यदि आईसीसी टिकट का कुछ पैसा लौटा भी दे तो भी फेंस के जेब पर आने जाने और रहने के खर्च का भार तो पड़ता ही है। और यदि स्थिति हालिया हुए न्यूज़ीलैंड-भारत के मैच जैसी हो तो, खर्चे की मार दोगुनी हो जाती है।
इससे ये साफ हो जाता है कि खिलाड़ियों और टीम के साथ-साथ फैंस को भी बारिश के कारण नुकसान उठाना पड़ता है।
इन निरधार चुनौतियों से निपटने के लिए आईसीसी को कुछ फैसलों में बदलाव करना चाहिए है और कम से कम मैच का स्थान वहाँ के मौसम के आधार पर चुना जाना चाहिए है, जिससे सभी टीमों को सामान अवसर प्राप्त हो और फेंस को भी ये खर्चे की मार न झेलनी पड़े।
पूरे वर्ल्ड कप के दौरान टीम इण्डिया के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए, हम इस हार के लिए भारतीय खिलाड़ियों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। कैप्टन कोहली की इस मजबूत टीम के लिए 239 रन बनाना कोई बड़ी चुनौती नहीं थी। और विशेषज्ञों के अनुसार यदि बारिश न हुई होती और पूरा मुक़ाबला कल ही हुआ तो नि:संदेह ही इण्डिया 239 रन आसानी से बना सकती थी।